सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...

उत्तरप्रदेश राज्य के सुल्तानपुर जिला से फकरूद्दीन ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि किसी सभा या किसी कार्यक्रम में एक स्थान पर किस तरह के लोग उपस्थित होते हैं, यह भीड़ का एक उदाहरण है। अगर वह भीड़ किसी भी कारण से अनियंत्रित हो जाती है,तो वह भीड़ बहुत भयानक हो सकती है, जिससे भगदड़ से कई लोगों की जान जा सकती है, जैसा कि हाल ही में हाथरस में हुआ है। वहां पर बाबा के द्वारा भीड़ एकत्र की गई और उस भीड़ में किसी अंधविश्वास के कारण भगदड़ मच गई और उस भगदड़ में कई लोगों की जान चली गई। यदि ऐसी घटनाएं होती हैं, तो अंधविश्वास के पूर्ण समर्थन की पूरी संभावना है।

उत्तरप्रदेश राज्य के सुल्तानपुर जिला से फकरूद्दीन ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि भीड़ बहुत छोटा शब्द है, लेकिन जब यह इकट्ठा होती है, तो यह बहुत बड़ी मात्रा में होती है। भीड़ में से कोई भी कहीं भी कैसे जा सकता है, यानी अगर वह भीड़ अनियंत्रित हो जाये, तो उस भीड़ को नियंत्रित करना बहुत मुश्किल हो जाता है। हाल के ही घटना में भीड़ इतनी अधिक हो गई कि प्रशासन और आयोजक के लिए भीड़ को नियंत्रित करना असंभव हो गया था, इस वजह से ऐसा हुआ है और इतने सारे लोग , जिनमें ज्यादातर महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग की जाने गई। ऐसा नहीं होना चाहिए था। इस घटना का सबसे बड़ा कारण है,प्रशासन को इसकी सूचना न देना, यदि बाबा द्वारा प्रशासन को सही जानकारी दी गई थी, तो प्रशासन उसके अनुसार सुरक्षा की व्यवस्था करता है। लेकिन यह जानकारी न देना इस दुर्घटना का सबसे महत्वपूर्ण कारण है।

उत्तरप्रदेश राज्य के सुल्तानपुर जिला से सेहनाज ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि अभी हाल ही में हाल ही में जो हाथरस की घटना है उसे भुलाया नहीं जा सकता है। इस घटना के कारण जो भी भगदड़ हुई जिससे कई लोगों की मौत हो गई, जिनमें ज्यादातर मलाएं, बच्चे और बुजुर्ग थे। इस घटना ने पुरे यूपी को दहला दिया ,इस घटना का आयोजन करने वाले बाबाओं और प्रसाशन दोनों जिम्मेदार हैं। बाबाओं द्वारा सरकार को सही जानकारी न देने के कारण इतनी बड़ी संख्या में दुर्घटनाएं हुई हैं जिसकी वजह से सैंकड़ों लोगों की जान चली गयी ।

उत्तरप्रदेश राज्य के सुल्तानपुर जिला से फकरूद्दीन ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि बाबा के द्वारा बुलाये गए सत्संग में हुए भगदड़ में सैकड़ों लोगों की जान चली गई। इनमें अधिकांश महिलाएँ ,बच्चे और बुज़ुर्ग थे। यह एक बहुत बड़ी दुर्घटना थी जिसने सभी को चौंका दिया। ऐसी घटना कई बार हुई है कि इस तरह की भगदड़ में कई लोगों की मौत हो चुकी है। लोगों ने अपनी जान गंवाई है लेकिन फिर भी न तो प्रशासन जाग रहा है और न ही कोई जाग रहा है। अगर ऐसा होता है तो इस तरह की अनुमति को पूरी तरह से रोक दिया जाना चाहिए क्योंकि यह कहना संभव नहीं है कि इस तरह के आयोजन में कितनी भीड़ आएगी। यदि भीड़ इकट्ठा होती है, तो उसे तुरंत प्रशासन को इसकी सूचना देनी चाहिए ताकि सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

दोस्तों इस तरह के बाबाओं द्वारा चलाई जा रही धर्म की दुकानों पर आपका क्या मानना है, क्या आपको भी लगता है कि इन पर रोक लगाई जानी चाहिए या फिर इनको ऐसे ही चलते ही रहने देना चाहिए? या फिर हर धर्म और संप्रदाय के प्रमुखों द्वारा धर्म के वास्तविक उद्देश्यों का प्रचार प्रसार कर अंधविश्वास में पड़े लोगों को धर्म का वास्तविक मर्म समझाना चाहिए। जो भी आप इस मसले पर क्या सोचते हैं अपनी राय रिकॉर्ड करें ग्रामवाणी पर

आज हम बताएंगे कि कैसे आप अपने आसपास के समाज को जागरुक कर सकते हैं।

लोकतंत्र का उत्सव इन चुनावों ने राजनेताओं और जनता को बहुत से सबक दिये हैं। ऐसे सबक जो केवल चुनावी राजनीति में नहीं बल्कि जीवन के हर पहलू में हमें सीखना जरूरी सा है। ये सबक आज के आज़ाद भारत के समाज को समझने के लिए बेहद जरूरी हैं।