उत्तरप्रदेश राज्य के सुल्तानपुर जिला से फारूद्दीन खान मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि महिलाओं को उनके अधिकारों से वंचित किया जाता रहा है। इस असमानता को दूर करने के लिए महिलाओं के साथ-साथ पुरुषों को भी शिक्षित होने और उनकी मानसिकता को बदलने की आवश्यकता है। अर्थात्, यदि पुरुष समाज शिक्षित है, तो वह उच्च शिक्षित होगा। वह महिलाओं का सम्मान करना जानते हैं। महिलाओं और पुरुषों को भी अपनी सोच बदलनी होगी। तभी इस लैंगिक असमानता को दूर किया जा सकता है। भारत एक पुरुष प्रधान देश है, जहाँ महिलाओं की तुलना में पुरुषों को अधिक महत्व दिया जाता है। कम से कम पुरुष, यदि वे शिक्षित हैं और उन्हें हर चीज का ज्ञान है, तो वे यह समझ सकेंगे कि किसी भी देश के विकास में महिलाओं को भी सबसे आगे लाना चाहिए, जैसा कि छोटे पैमाने पर किया जाता है। अगर परिवार चलाना है तो कोई भी व्यक्ति अकेले परिवार नहीं चला सकता। परिवार चलाने के लिए उसे एक महिला की आवश्यकता होगी। इसी तरह, अगर किसी देश को चलाना है, तो केवल एक पुरुष मित्र ही देश चला सकता है। आधी आबादी वाली महिलाओं को पूरा समर्थन देना संभव नहीं है, यह तभी पूरा समर्थन ले सकता है जब पुरुष समाज महिलाओं को आगे आने और आगे बढ़ने की अनुमति दे, तभी महिलाएं आगे बढ़ सकती हैं और भाग ले सकती हैं।