उत्तरप्रदेश राज्य के सुल्तानपुर से फकरुद्दीन मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही हैं कि किसानों की भी अर्थव्यवस्था में हिस्सेदारी है । इस समय किसान आंदोलन कर रहे हैं कि वे अपनी उपज की गारंटी चाहते हैं यानी एम . एस . पी . कि हमारी उपज इतनी कीमत पर बेची जाएगी , सरकार उस एम . एस . पी . को भी लागू करने से कतराती जा रही है । जो एक दुखद बात है क्योंकि इसमें कहा गया है कि उद्योगपतियों के लगभग चौदह हजार करोड़ रुपये के बैंक ऋण माफ किए गए हैं , जो एक बड़ी संख्या है । इसकी तुलना में बहुत बड़ी राशि है , अगर किसानों की मांग मानी जाती है और उनके लिए एम . एस . पी . कानून लागू किया जाता है , तो उनके बच्चों को भी उच्च जीवन स्तर मिलेगा ।