पीसीपीएनडीटी एक्ट को लेकर कार्यशाला आयोजित जनपद का लिंगानुपात बढ़ा रायबरेली, 5 मार्च 2024 यह खुशी की बात है कि जनपद का लिंगानुपात पिछले साल सालों में 916 से बढ़कर 942 हो गया है | साल 2017-18 में जनपद का लिंगानुपात 916 था और 2023-24 में बढ़कर 942 हो गया है | यह बातें मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ वीरेंद्र सिंह ने ANMTC-में आयोजित कार्यशाला में कहीं | यह कार्यशाला प्रसवपूर्व निदान तकनीकी,विनियमन एवं दुरुपयोग निवारण अधिनियम(पीसीपीएनडीटी), 1994 विषय पर आयोजित की गई थी | उन्होंने कहा कि अभी इस पर हमें और प्रयास करना है | उन्होंने कहा कि लैंगिक विषमता जैसी सामाजिक कुरीतियों को भी दूरने के लिए अनेक प्रयास सरकार द्वारा और सामाजिक संस्थाओं द्वारा उठाए जा रहे हैं | इस मौके पर पीसीपीएनडीटी के नोडल अधिकारी डा. अरविंद कुमार ने एक्ट की जानकारी देते हुए बताया कि भ्रूण हत्या रोकने के लिये यह अधिनियम सरकार द्वारा लागू किया गया है। इस अधिनियम के तहत गर्भ में पल रहे बच्चे के लिंग की जांच करना या करवाना कानूनन दंडनीय अपराध है। लिंग जांच करके बताने वाले को पाँच साल की सजा या एक लाख का जुर्माना तो है ही साथ में जो व्यक्ति भ्रूण लिंग जांच करवाता है उस को को पाँच साल की सजा या 50,000 रुपये तक का जुर्माना हो सकता है | डॉ अरविंद कुमार ने बताया कि प्यारी बिटिया डॉट कॉम साइट के माध्यम से अल्ट्रासाउंड करने वाले डायगनोस्टिक केंद्रों और करवाने वालों की पूरी जानकारी रखी जाती है | इसका लिंक है www.pyaribitia.com | इस लिंक पर अल्ट्रासाउंड केंद्र द्वारा फॉर्म-एफ भरकर अपलोड किया जाता है। इसमें अल्ट्रासाउंड करने और करवाने वाले का सारा विवरण होता है और एक पंजीकरण नंबर भी होता है । इस माध्यम से अल्ट्रासाउंड करवाने के उद्देश्य का भी पता चलता है । जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी d s अस्थान--ने जानकारी दी कि भ्रूण हत्या को रोकने के लिए सरकार द्वारा "मुखबिर योजना' चलाई जा रही है | आम आदमी भी इस योजना से जुड़कर लिंग चयन/भ्रूण हत्या/अवैध गर्भपात में संलिप्त व्यक्तियों/ संस्थानों के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही में सरकार की मदद कर सकते हैं और उसके एवज में सरकार से प्रोत्साहन राशि प्राप्त कर सकते हैं | मुखबिर योजना के तहत तीन सदस्यीय टीम का गठन किया जाता है जिसमें एक गर्भवती होती है | जो भी व्यक्ति भ्रूण हत्या होने की सूचना टीम को देता है उसे इनाम के तौर पर दो लाख रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जाती है | इस योजना की अहम बात है कि सूचना देने वाले का नाम गुप्त रखा जाता है |टीम को भ्रूण हत्या करने वाले केंद्रों का स्टिंग ऑपरेशन करना होता है और इसका वीडियो बनाकर स्वास्थ्य विभाग को देना होता है । इसके बाद स्वास्थ्य विभाग पुलिस को लेकर आगे की कार्यवाही करती है । स्टिंग करने वाली टीम को प्रति स्टिंग दो लाख रुपए दिये जाने का प्रावधान है जिसमें एक लाख रुपए गर्भवती को, 60,000 रुपए मुखबिर को और 40,000 रुपए टीम के तीसरे सदस्य को दिए जाते हैं |.  प्रत्येक माह की 01,09,16 एवं 24 को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान का संचालन किया जा रहा है जिसके अंतर्गत जनपद में निजी इम्पैनल्ड अल्ट्रासाउंड सेंटर पर गर्भवती महिलाओं को ई-वाउचर के माध्यम से निः शुल्क अल्ट्रासाउंड की सेवाएँ प्रदान की जा रही है । दिनांक 05 फरवरी 2024 को मुख्य चिकित्सा अधिकारी महोदय की अध्यक्षता में निजी अल्ट्रासाउंड सेंटर के चिकित्सकों की बैठक का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा वीरेन्द्र सिंह द्वारा समस्त निजी अल्ट्रासाउंड सेंटर को इंपैनलमेंट करने हेतु निर्देशित किया गया । नोडल अधिकारी पीसीपीएनडीटी डा अरविंद द्वारा समस्त निजी अल्ट्रासाउंड के चिकित्सकों को यथाशीघ्र पीएमएसएमए दिवस के अन्तर्गत एंपेनल्ड करने की प्रक्रिया के बारे में अवगत कराया गया । जिला मातृ स्वास्थ्य परामर्शदाता श्री यासीन अहमद द्वारा प्रधानमंत्री सुरक्षित माता का अभियान के अंतर्गत ए रूपी वाउचर के प्रयोग हेतु पूर्ण जानकारी सभी निजी अल्ट्रासाउंड सेंटर के चिकित्सकों को दी गई ।। जनपद की स्वास्थ्य इकाइयों पर प्रत्येक माह की 01,09,16 एवं 24 को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान का संचालन किया जा रहा है जिसके अंतर्गत जनपद में निजी इम्पैनल्ड अल्ट्रासाउंड सेंटर पर गर्भवती महिलाओं को ई-वाउचर के माध्यम से निः शुल्क अल्ट्रासाउंड की सेवाएँ प्रदान की जा रही है । दिनांक 05 फरवरी 2024 को मुख्य चिकित्सा अधिकारी महोदय की अध्यक्षता में निजी अल्ट्रासाउंड सेंटर के चिकित्सकों की बैठक का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा वीरेन्द्र सिंह द्वारा निर्देशानुसार समस्त निजी अल्ट्रासाउंड सेंटर को इंपैनलमेंट करने हेतु निर्देशित किया गया । नोडल अधिकारी पीसीपीएनडीटी डा अरविंद द्वारा समस्त निजी अल्ट्रासाउंड के चिकित्सकों को यथाशीघ्र पीएमएसएमए दिवस के अन्तर्गत एंपेनल्ड करने की प्रक्रिया के बारे में अवगत कराया गया । जिला मातृ स्वास्थ्य परामर्शदाता श्री यासीन अहमद द्वारा प्रधानमंत्री सुरक्षित माता का अभियान के अंतर्गत ए रूपी वाउचर के प्रयोग हेतु पूर्ण जानकारी सभी निजी अल्ट्रासाउंड सेंटर के चिकित्सकों को दी गई ।। दिवस मनाया जाता है जिसके तहत दूसरी और तीसरी तिमाही की गर्भवती की निःशुल्क स्वास्थ्य जांच कर उच्च खतरे की गर्भावस्था की पहचान की जाती है और इस योजना के अंतर्गत पंजीकृत अल्ट्रासाउंड सेंटर पर निशुल्क ई रूपी वाउचर के माध्यम से गर्भस्थ की जांच की सुविधा मुहैया कराई जा रही है | इस मौके पर डॉ राकेश यादव डॉक्टर राकेश यादव, विनय पांडे, कमलेश उपाध्याय अखिलेश त्रिपाठी अजय कुमार आदि--मौजूद रहे |

यूविन पोर्टल को लेकर दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित रायबरेली| कोविड टीकाकरण को लेकर शुरू किये गये कोविन पोर्टल की तर्ज पर यूविन पोर्टल में बदलाव किए गए हैं। यूविन पोर्टल के माध्यम से महिलाओं और बच्चों के टीकाकरण संबंधित सारी जानकारी मिल सकेगी। इस संबंध में दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम स्थानीय होटल में शुरू किया। प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ वीरेंद्र सिंह ने बताया कि इस पोर्टल को शुरू करने का उद्देश्य शत प्रतिशत टीकाकरण में लाभार्थी के अनुसार सूचना एवं देय टीकों की रियल टाइम स्थिति प्राप्त करनी है। यह पोर्टल कोविन पोर्टल की तरह काम करेगा। इस पोर्टल के शुरू होने से लाभार्थी को यह सुविधा होगी कि वह घर बैठे ही टीकाकरण के लिए स्लॉट बुक कर सकता है। जिस तरह से कोविड वैक्सीन के लिए करते थे। इसके साथ ही कोविड टीकाकरण के बाद लाभार्थी को टीकाकरण लगने का प्रमाणपत्र मिलता था, उसी तरह यूविन पोर्टल द्वारा भी टीकाकरण के बाद प्रमाण पत्र मिलेगा। यूविन पर पंजीकरण होने के बाद गर्भवती और बच्चे का देश में कहीं भी टीकाकरण हो सकेगा। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. अरुण कुमार ने बताया कि यूविन पोर्टल की शुरुआत स्वयंसेवी संस्था यूएनडीपी के सहयोग से की गई है। यूविन पोर्टल पर बच्चों और गर्भवती को लगाए गए टीकों की ऑनलाइन ट्रेकिंग की जाएगी जिससे कि ड्यू लिस्ट के अनुसार टीकाकरण करना आसान होगा। इसके साथ ही यूविन पर प्रसव का विवरण भी दर्ज होगा। डॉ अरुण कुमार ने बताया कि यूविन पोर्टल को कोविन, ई-विन और आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन से भी लिंक किया गया है। unpd पंजाब के प्रोजेक्ट डायरेक्टर जावेदअहमद ने प्रशिक्षण देते हुए युवी न पोर्टल के महत्व एवं उपयोगिता के बारे में विस्तार पूर्वक बताया तथा कहा कि जल्द से जल्द ब्लॉक स्तरीय प्रशिक्षण पूरा कर लिया जाए। प्रशिक्षण के पहले दिन सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के चिकित्सा अधीक्षकों, स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी, ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर तथा कोल्ड चैन हैंडलर को प्रशिक्षण दिया। इस अवसर पर जिला स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी डी एस अस्थाना, अंजली सिंह, एम्स रायबरेली की सहायक प्रोफेसर डॉ वैभव क्रांति एवं डॉक्टर मृत्युंजय कुमार, नगरी स्वास्थ्य समन्वयक विनय पांडे सहयोगी संस्थाओं , यूनिसेफ़ से वंदना त्रिपाठी, विश्व स्वास्थ्य संगठन से डॉ छोटेलाल, अनिरुद्ध शुक्ला, वीरेंद्र यादव, राजेश कुमार आदि ने भी प्रतिभाग किया।

यूविन पोर्टल को लेकर दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कोविन पोर्टल की तर्ज पर यूविन पोर्टल में किया गया बदलाव यूविन पोर्टल पर महिलाओं और बच्चों के टीकाकारण का सारा ब्यौरा होगा दर्ज रायबरेली, 4 मार्च 2024 कोविड टीकाकरण को लेकर शुरू किये गये कोविन पोर्टल की तर्ज पर यूविन पोर्टल में बदलाव किए गए हैं | यूविन पोर्टल के माध्यम से महिलाओं और बच्चों के टीकाकरण संबंधित सारी जानकारी मिल सकेगी | इस संबंध में दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम सोमवार को स्थानीय होटल में शुरू किया | प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ वीरेंद्र सिंह ने बताया कि इस पोर्टल को शुरू करने का उद्देश्य शत प्रतिशत टीकाकरण में लाभार्थी के अनुसार सूचना एवं देय टीकों की रियल टाइम स्थिति प्राप्त करनी है | यह पोर्टल कोविन पोर्टल की तरह काम करेगा | इस पोर्टल के शुरू होने से लाभार्थी को यह सुविधा होगी कि वह घर बैठे ही टीकाकरण के लिए स्लॉट बुक कर सकता है | जिस तरह से कोविड वैक्सीन के लिए करते थे | इसके साथ ही कोविड टीकाकरण के बाद लाभार्थी को टीकाकरण लगने का प्रमाणपत्र मिलता था, उसी तरह यूविन पोर्टल द्वारा भी टीकाकरण के बाद प्रमाण पत्र मिलेगा | यूविन पर पंजीकरण होने के बाद गर्भवती और बच्चे का देश में कहीं भी टीकाकरण हो सकेगा | जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. अरुण कुमार ने बताया कि यूविन पोर्टल की शुरुआत स्वयंसेवी संस्था यूएनडीपी के सहयोग से की गई है | यूविन पोर्टल पर बच्चों और गर्भवती को लगाए गए टीकों की ऑनलाइन ट्रेकिंग की जाएगी जिससे कि ड्यू लिस्ट के अनुसार टीकाकरण करना आसान होगा | इसके साथ ही यूविन पर प्रसव का विवरण भी दर्ज होगा | डॉ अरुण कुमार ने बताया कि यूविन पोर्टल को कोविन, ई-विन और आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन से भी लिंक किया गया है | unpd पंजाब के प्रोजेक्ट डायरेक्टर जावेदअहमद ने प्रशिक्षण देते हुए युवी न पोर्टल के महत्व एवं उपयोगिता के बारे में विस्तार पूर्वक बताया तथा कहा कि जल्द से जल्द ब्लॉक स्तरीय प्रशिक्षण पूरा कर लिया जाए l प्रशिक्षण के पहले दिन सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के चिकित्साधीक्षकों, स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी, ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर तथा कोल्ड चैन हैंडलर को प्रशिक्षण दिया | इस अवसर पर जिला स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी डी एस अस्था ना , अंजली सिंह, एम्स रायबरेली की सहायक प्रोफेसर डॉ वैभव क्रांति एवं डॉक्टर मृत्युंजय कुमार, नगरी स्वास्थ्य समन्वयक विनय पांडे सहयोगी संस्थाओं , यूनिसेफ़ से वंदना त्रिपाठी , विश्व स्वास्थ्य संगठन से डॉ छोटेलाल , अनिरुद्ध शुक्ला, वीरेंद्र यादव, राजेश कुमार आदि ने भी प्रतिभाग किया |

यूविन पोर्टल को लेकर जनपद स्तरीय अधिकारियों का एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित घर बैठे नियमित टीकाकरण के लिए कर सकेंगे पंजीकरण प्रशिक्षण लेने के बाद यह स्वास्थ्य अधिकारी आशा और एएनएम को करेंगे प्रशिक्षित कोविन पोर्टल की तर्ज पर यूविन पोर्टल में किया गया बदलाव लखनऊ, 4 मार्च 2024 यूविन पोर्टल को लेकर जनपद स्तरीय अधिकारियों का एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में सोमवार को स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान एवं यूएनडीपी के सहयोग से आयोजित हुआ | प्रशिक्षण कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के नियमित टीकाकरण के महाप्रबंधक डा. मनोज कुमार शुकुल ने बताया कि कोविड टीकाकरण को लेकर शुरू किये गये कोविन पोर्टल की तर्ज पर यूविन पोर्टल में बदलाव किए गए हैं | पहले जहां यह यूविन पोर्टल कोल्ड चेन से संबंधित जानकारी रखता था वहीं अब इस पोर्टल के माध्यम से महिलाओं और बच्चों के टीकाकरण संबंधी सारी जानकारी मिल सकेगी | मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. मनोज कुमार अग्रवाल ने कहा कि इस पोर्टल को शुरू करने का उद्देश्य शत प्रतिशत टीकाकरण में लाभार्थी के अनुसार सूचना एवं देय टीकों की रियल टाइम स्थिति प्राप्त करनी है | यह पोर्टल कोविन पोर्टल की तरह काम करेगा | इस पोर्टल के शुरू होने से लाभार्थी को यह सुविधा होगी कि वह घर बैठे ही टीकाकरण के लिए स्लॉट बुक कर सकता है | जिस तरह से कोविड वैक्सीन के लिए करते थे | इसके साथ ही कोविड टीकाकरण के बाद लाभार्थी को टीकाकरण लगने का प्रमाणपत्र मिलता था उसी तरह यूविन पोर्टल द्वारा भी टीकाकरण के बाद प्रमाण पत्र मिलेगा | यूविन पर पंजीकरण होने के बाद गर्भवती और बच्चे का देश में कहीं भी टीकाकरण हो सकेगा | मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि यहां पर प्रशिक्षण लेने के बाद यह अधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों में आशा कार्यकर्ता और एएनएम को प्रशिक्षण देंगे । जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. ए.पी.मिश्रा ने बताया कि यूविन पोर्टल की शुरुआत स्वयंसेवी संस्था यूएनडीपी के सहयोग से की गई है | यूविन पोर्टल पर शून्य से छह साल तक के बच्चों और गर्भवती को लगाए गए टीकों की ऑनलाइन ट्रेकिंग की जाएगी जिससे कि ड्यू लिस्ट के अनुसार टीकाकरण करना आसान होगा | इसके साथ ही यूविन पर प्रसव का विवरण भी दर्ज होगा | जिला प्रतिरक्षण अधिकारी ने बताया कि यूविन को कोविन, ई-विन और आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन से भी लिंक किया गया है | जिला प्रतिरक्षण अधिकारी ने बताया कि यू-विन पोर्टल या ऐप को मोबाइल में डाउनलोड कर लाभार्थी स्वयं तथा अपने परिवार के सदस्यों को पंजीकृत कर इसका लाभ उठा सकते हैं। आंकड़ों के आदान-प्रदान के लिए यू-विन पोर्टल को कोविन से भी जोड़ दिया गया है। इस कारण ज्यादातर लोगों के आंकड़े पहले से ही पोर्टल पर मौजूद हैं। जैसे ही आप अपने पूर्व में कोविड टीकाकरण के वक्त कोविन एप दर्ज कराए गए अपने मोबाइल नंबर को यूविन एप पर रजिस्टर करते हैं, वहां आपका नाम, पता, आधार नंबर आदि विवरण आ जाता है। बच्चे की जन्मतिथि डालते ही लगने वाले टीके की पूरी सूची तारीख के साथ दिखने लगेगी। प्रशिक्षण के पहले दिन राम मनोहर लोहिया अस्पताल(आरएमएल) ,एसजीपीजीआई, किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय, सभी जिला अस्पताल, 23 प्लानिंग यूनिट और सभी नगरीय सामुदायिक स्वास्थ्य स्वास्थ्य केंद्र के स्वास्थ्य अधिकारियों ने प्रतिभाग किया | जिला प्रतिरक्षण अधिकारी ने बताया कि प्रशिक्षण के दूसरे दिन ग्रामीण सीएचसी के स्वास्थ्य अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा | इस मौके पर अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. आर.एन. सिंह, उप जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. शहीद रजा, जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी योगेश रघुवंशी, नियमित टीकाकरण के डाटा असिस्टेंट विजय बाजपेई, सहयोगी संस्था यूएनडीपी से महेश शर्मा, मुदित माथुर, अक्षत त्रिपाठी विश्व स्वास्थ्य संगठन, यूनिसेफ़ और यूपीटीएसयू के प्रतिनिधि, मौजूद रहे |

बच्चे के जीवन के शुरुआती 42 दिन बेहद महत्वपूर्ण स्वास्थ्य अधिकारियों को दिया गया आशा मॉड्यूल छह और सात का प्रशिक्षण प्रशिक्षण प्राप्त सभी अधिकारी आशा कार्यकर्ताओं को करेंगे प्रशिक्षित लखनऊ, 16 फरवरी 2024। किसी भी नवजात के जीवन के शुरुआती 42 दिन बहुत महत्वपूर्ण होते हैं, इस दौरान उसकी विशेष देखभाल की जरूरत होती है। इस अवधि में खतरों के लक्षणों की पहचान कर समय से चिकित्सीय जांच और इलाज कराकर किसी भी अनहोनी से बचा जा सकता है। इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखकर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा गृह आधारित नवजात देखभाल कार्यक्रम (एचबीएनसी) चलाया जा रहा है। यह बात स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण प्रशिक्षण केंद्र के प्रधानाचार्य डा. अजीत कुमार गुप्ता ने गुरुवार को इंदिरा नगर स्थित प्रशिक्षण केंद्र में बाल स्वास्थ्य पर आधारित 15 दिवसीय मंडलीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन अवसर पर कहीं । उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण में गृह आधारित नवजात देखभाल (एचबीएनसी) और होम बेस्ड केयर फॉर यंग चाइल्ड (एचबीवाईसी) यानि गृह आधारित छोटे बच्चों की देखभाल कार्यक्रम पर जानकारी देने के साथ ही घरेलू हिंसा पर भी जानकारी दी गई | प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद यह प्रशिक्षक अपने-अपने जिलों में आशा कार्यकर्ताओं को नवजात और बच्चों की देखभाल,पोषण और घरेलू हिंसा रोकने के लिए प्रशिक्षण देंगे | कोर्स संचालक डा. गिरिजेश नंदिनी ने बताया कि एचबीएनसी के तहत आशा कार्यकर्ता बच्चे के जन्म के बाद 42 दिन के भीतर छह/सात बार संबंधित घर का भ्रमण करती हैं | इस कार्यक्रम का उद्देश्य सभी नवजात को अनिवार्य सुविधाएं उपलब्ध कराना, समय पूर्व पैदा होने वाले और जन्म के समय कम वजन वाले बच्चों की शीघ्र पहचान कर उनकी देखभाल करना, नवजात की बीमारी का शीघ्र पता लगाकर समुचित देखभाल एवं रेफ़र करना, परिवार को आदर्श व्यवहार अपनाने के लिए प्रेरित एवं सहयोग करना तथा माँ के अंदर अपने नवजात के स्वास्थ्य की सुरक्षा करने का आत्मविश्वास एवं दक्षता का विकास करना है | एचबीएनसी कार्यक्रम का विस्तार करते हुए तीन से 15 माह के बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण को बढ़ावा देने, बाल रुग्णता और मृत्यु दर को कम करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और पोषण अभियान के एक हिस्से के रूप में साल 2018 में एचबीवाईसी कार्यक्रम शुरू किया गया था | इसके तहत आशा कार्यकर्ता बच्चे के जन्म से लेकर 15वें महीने तक कुल पाँच गृह भ्रमण करती हैं | 15 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला में लखनऊ मण्डल के चिकित्सा अधिकारियों, स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारियों तथा गैर सरकारी संगठन के सदस्यों को प्रशिक्षण दिया गया | इनसेट --- गृह भ्रमण के दौरान आशा के कार्य --- एचबीवाईसी के तहत गृह भ्रमण के दौरान आशा कार्यकर्ता बच्चे की माँ और परिवार के सदस्यों को छह माह तक केवल स्तनपान कराना, छह माह के बाद स्तनपान के साथ ऊपरी आहार शुरू करने की सलाह देना और इसे सुनिश्चित भी कराना, माँ को संतुलित एवं पौष्टिक आहार का सेवन करने की सलाह देना, बच्चे में स्वास्थ्य और पोषण संबंधी समस्याओं को पहचानना तथा इन समस्याओं का प्रबंधन करने में सहायता करना, मातृत्व एवं शिशु सुरक्षा (एमसीपी) कार्ड का उपयोग करके बच्चों की वृद्धि और विकास में देरी की शीघ्र पहचान की सुविधा ,बच्चे का समय से टीकाकरण करवाना, आयरन फोलिक एसिड सिरप के सेवन की सलाह देना, डायरिया के समय ओआरएस के सेवन करने की सलाह देना, माँ और परिवार के सदस्यों को साबुन और पानी से हाथ धोने की सलाह देना | बचपन में होने वाली सामान्य बीमारियों की रोकथाम एवं प्रबंधन में सहायता करना | जटिलताओं का प्रबंधन करना एवं आगे के इलाज के लिए उच्च स्वास्थ्य केंद्र रेफ़र करना | इसके साथ ही आशा कार्यकर्ता इसकी भी निगरानी करती हैं कि आयु के अनुसार बच्चा खेल रहा है और उसका अन्य के साथ संचार उपयुक्त है | आशा कार्यकर्ता को प्रोत्साहन राशि भी दी जाती है | इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में कुल 21 प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया। प्रशिक्षण केंद्र के प्रधानाचार्य ने सभी को प्रमाणपत्र प्रदान किये | इस मौके पर डा. जीएस सिंह, प्रशिक्षक डा. एस.के. सक्सेना, अनीता पांडे, विनय एवं पवन कुमार मौजूद रहे |

महाराजगंज रायबरेली, कस्बा के बछरावां रोड स्थित स्वदेश सरस्वती शिशु मंदिर में कैंप लगाकर सभी छात्रों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। विद्यालय के प्रधानाचार्य दिनेश कुमार अवस्थी ने जानकारी देते हुए बताया कि सभी छात्राओं का स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया।