ऊंचाहार रायबरेली । डलमऊ तहसील में नायब तहसीलदार की चालक द्वारा स्थानी अधिवक्ताओं से अभद्रता करने के कारण नाराज अधिवक्ताओं ने कार्य बहिष्कार कर एसडीएम को प्रस्ताव की प्रति सौंपा है ।डलमऊ तहसील में नायब तहसीलदार के चालक द्वारा व अन्य निजी कर्मियों द्वारा गुरुवार को स्थानीय अधिवक्ताओं से अभद्रता करने के मामले में कार्य बहिष्कार किया । वहीं डलमऊ बार एसोसिएन ने ऊंचाहार एसोसिएन से सहयोग मांगा है । अधिवक्ताओं ने शुक्रवार को तहसील प्रशासन मुर्दाबाद के नारे के साथ न्यायिक कार्य से बहिष्कार किया बार एसोसिएन द्वारा लिए गए प्रस्ताव की एक प्रति एसडीएम सिद्धार्थ चौधरी को सौंपा है ।तहसील के वरिष्ठ अधिवक्ता ने बताया कि मामले में हम सभी तहसील अधिवक्ता विरोध करते हैं ।
महाराजगंज तहसील प्रशासन की कार्यशैली से परेशान महाराजगंज बार एसोसिएशन महाराजगंज और तहसीलदार संगठन महाराजगंज के अधिवक्ताओं का हुजूम तहसील परिसर में नारेबाजी करते हुए धरने पर बैठ गया। अधिवक्ताओं के धरने पर बैठते ही तहसील प्रशासन के हाथ पांव फूल गए और आनंन-फानन धरने पर बैठे अधिवक्ताओं के पास पहुंचकर उन्हें शांत कराया तथा अधिवक्ताओं द्वारा दिए गए ज्ञापन के सभी बिंदुओं पर उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया है।
रायबरेली-कागजों में दर्ज वीवीआईपी कहे जाने वाले शहर में,गंदगी युक्त दूषित जल भराव को लेकर स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन व नगर पालिका के खिलाफ नारेबाजी करते हुए धरना प्रदर्शन किया है। और जल्द से जल्द मुख्य मार्ग की सड़क को बनवाए जाने की मांग की है। बातें दे यहां सोमवार को रायबरेली नगर पालिका के अंतर्गत आने वाले सारस चौराहा मुरादनगर के मुख्य मार्ग पर वर्षों से हुए गंदगी युक्त जल भराव को लेकर स्थानीय लोगों ने धरना प्रदर्शन कर रोज व्याप्त किया है।स्थानीय निवासियों का कहना है।कि इस सड़क पर वर्षों से जल भराव और गंदगी बनी हुई है। रोड के अगल-बगल बने जलसा होटल व सारस होटल का निकलने वाला पूरा पानी इसी रोड पर भर जाता है। जिसकी वजह से लोगों को आने-जाने में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। यही नहीं स्कूली बच्चों भी इस सड़क से निकल नहीं पाते हैं। इस समस्या को लेकर कई बार जिला प्रशासन के अधिकारियों व नगर पालिका को शिकायत की गई लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। नगर पालिका अध्यक्ष सतरोहन सोनकर ने कहा है। कि जल्द से जल्द सड़क बनवाया जाएगा
CRISIL के अनुसार 2022-23 में किसान को MSP देने में सरकार पर ₹21,000 करोड़ का अतिरिक्त भार आता, जो कुल बजट का मात्र 0.4% है। जिस देश में ₹14 लाख करोड़ के बैंक लोन माफ कर दिए गए हों, ₹1.8 लाख करोड़ कॉर्पोरेट टैक्स में छूट दी गई हो, वहां किसान पर थोड़ा सा खर्च भी इनकी आंखों को क्यों खटक रहा है? आप इस पर क्या सोचते है ? इस मसले को सुनने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें
देश के किसान एक बार फिर नाराज़ दिखाई दे रहे हैं। इससे पहले साल नवंबर 2020 में किसानों ने केंद्र सरकार के द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों के रद्द करने के लिए दिल्ली में प्रदर्शन किया था और इसके बाद अगले साल 19 नवंबर 2021 को केंद्र सरकार ने तीनों कानून वापस ले लिए थे, हालांकि इस दौरान करीब सात सौ किसानों की मौत हो चुकी थी। उस समय सरकार ने किसानों की कुछ मांगों पर विचार करने और उन्हें जल्दी पूरा करने का आश्वासन दिया था लेकिन ऐसा अब तक नहीं हआ है। और यही वजह है कि किसान एक बार फिर नाराज़ हैं।
रायबरेली के ऊंचाहार थाना क्षेत्र के गंगा एक्सप्रेस में मिट्टी का भारी कर रहे डंपरों की आने जाने से गांव की सड़क गड्ढों में बदल गई जिसके कारण आने जाने वाले लोगों को बहुत ही समस्याओं का सामना करना पड़ता है सड़क की मरम्मत न होने से आसपास के ग्रामीणों ने ग्राम प्रधान की अगुवाई में प्रदर्शन किया और सड़क बनवाने की मांग की ग्राम प्रधान ने बताया गांव के पास से एक बड़े तालाब से मिट्टी खोदकर डंपरों से गंगा एक्सप्रेसवे पर डाली जा रही है वह लोग डंपर होने के कारण सड़क तहस-नस हो गई है
नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया ( एनएचएआई ) हाईवे के चौड़ीकरण को लेकर लगातार ध्वस्तीकरण की कार्यवाही कर रहा है। लखनऊ-प्रयागराज राष्ट्रीय राजमार्ग को चौड़ा करने का काम लगातार जारी है। इस कार्य में सड़क के बीच रास्ते में आने वाले मकानों, दुकानों और कमर्शियल प्रॉपर्टीज को ध्वस्त किया जा रहा है। ध्वस्तीकरण की इस कार्यवाही को लेकर सरकार द्वारा पीड़ितों को मुआवजा देने की बात भी कही जाती रही है। लेकिन कुचरिया गांव के पीड़ितों ने प्रशासन पर मुआवजा न देने की बात कही। साथ ही जिलाधिकारी व एनएचएआई अधिकारियों के खिलाफ लामबंद होकर नारेबाजी भी की। वी/ओ 1 लखनऊ प्रयागराज राष्ट्रीय राजमार्ग पर कुचरिया चौराहे पर एनएचएआई की कार्यवाही के विरोध में पीड़ित लोग एकजुट हो गए। एकजुट होकर लोगों ने जिलाधिकारी व एनएचएआई अधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। एनएचएआई का बुल्डोजर सुबह से ही गरजना शुरू हो गया था। मामला ज्यादा गर्म हुआ तो मौके पर पुलिस भी आ गई। वी/ओ 2 यहां रहने वाले सत्यम शुक्ला ने बताया व मोहम्मदपुर कुचरिया के रहने वाले हैं। आज सुबह से ही एनएचएआई कार्यवाही कर रही है। बिना मानक के अपनी मर्जी से घरों दुकानों को तोड़ रहे हैं। हमें कोई नोटिस नहीं मिला है और ना ही अभी तक कोई मुआवजा मिला है। जिले के अधिकारी एनएचएआई के अधिकारी संपर्क करने के लिए बोलते हैं और एनएचएआई अधिकारी कहते हैं कि जाकर अपने अधिकारियों से बात करिए। हम लोग दर-दर की ठोकरे खाने को मजबूर हैं। हम लोग कहां जाएं। हम लोग मजदूरी करके अपनी जेब से मजदूरी देकर अपने टूटे घरों की ईंट पत्थरों को हटा रहे हैं। एनएचएआई के अधिकारी हमसे गाली देकर बात करते हैं । वी/ओ 3 वहीं एक और स्थानीय निवासी राजकुमार वाजपेई ने बताया कि बिना एक पैसा मुआवजा दिए उनके मकानों को बुलडोजर के जरिए तोड़ दिया गया है। बिना मूल्यांकन और सीमांकन किये घर तोड़े जा रहे हैं। हम लोग इतने भयभीत हैं कि आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो जाएंगे। गरीब आदमी करें तो क्या करें या तो विद्रोह करें या फिर आत्महत्या।
ग्रामीणों ने एन एच ए आई पर बगैर मुआवजा दिए घर तोड़ने का आरोप, भदोखर थाना क्षेत्र के मोहम्मदपुर कुचरिया गांव का है मामला*