सीएससी गेट पर लगी हाई मास्ट लाइट हुई खराब दवा कराने आने वाले मरीजों को रात के अंधेर में होती है दिक्कत एनटीपीसी परियोजना की तरफ से लगभग 10 लाख रुपए की लागत से लगाई गई हाईमास्ट लाइट का रखरखाव न होने के कारण 6 महीने से हुई है खराब जिससे शाम ढलते ही सीएससी गेट पर हो जाता अंधेरा मोबाइल वाणी की खास रिपोर्ट एस एन तिवारी पंकज

रायबरेली शहर के घंटाघर से चंद कदम की दूरी पर रेलवे स्टेशन से बेलीगंज को जोड़ने वाली सड़क की हालत बत से बत्तर है। ऐसा लगता है सड़क में गड्ढे या गड्ढों में सड़क है इस गड्ढो में तब्दील सड़क को देख कर यह साबित करता है कि रायबरेली जनपद में कितना विकास हुआ है। सड़क से आए दिन हजारों राहगीरो का आवागमन रहता है। और आए दिन बड़े-बड़े हादसे का दावत देता है और रायबरेली जनपद के नगर पालिका व संबंध आला अधिकारियों के भी नजर में है लेकिन अधिकारियों का ध्यान कहां है यह एक बड़ा सवाल

रायबरेली जिले के एक पूर्व प्रधान के खिलाफ उसी के गांव के रहने वाले एक युवक ने लाखों रुपए के भ्रष्टाचार किए जाने का आरोप लगाया है और मामले का शिकायती पत्र दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जीरो टारलेंस का दावा करते हुए उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को ग्राम सभा में निष्पक्ष तरीके से काम करने का आदेश भले ही दिए हो लेकिन उसका कहीं पर पालन नहीं हो रहा है। सभी आदेशों को तक पर रखकर सिर्फ भ्रष्टाचार को अंजाम दिया जा रहा है। लालगंज तहसील के मामला खीरों विकासखंड क्षेत्र के अंतर्गत नुनेरा का है। जहां पर पूर्व प्रधान के द्वारा कई लाख रुपयों का गमन किया गया। उसको लेकर ग्राम पंचायत के लोग लगातार मुख्यमंत्री से लेकर जिला अधिकारी कार्यालय पर चक्कर काट रहे हैं। लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं है। नुनेरा ग्राम सभा के रहने वाले अंजनी कुमार ने जिलाधिकारी कार्यालय आकर एक बार फिर जिलाधिकारी हर्षिता माथुर से जांच कराने की मांग की और कहा यदि हमारे ग्राम सभा की निष्पक्ष जांच नहीं कराई जाएगी, तो हम लोग एक बार फिर से आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे फिलहाल जिलाधिकारी ने एसडीएम लालगंज को तत्काल जांच के लिए आदेश दिए हैं। लेकिन अब देखना यह होगा कि लालगंज एसडीएम इस ग्राम सभा में हुए भ्रष्टाचार को किस नजरिए से देखते हैं और पूर्व प्रधान के ऊपर क्या कार्यवाही करते हैं या नहीं अब यह आने वाला समय तय करेगा।

रायबरेली जिले के डालमो कोटवाली इलाके में दीनागंज गांव के पास एनटीपीसी गैंग नहर पर बना पुल पिछले कई वर्षों से जीर्ण - शीर्ण स्थिति में है , जिससे पुल से गुजरने वाले लोगों में गुस्सा है । गाँव का वातावरण बना हुआ है , वास्तव में , हम आपको बताते हैं कि यह दर्जनों गाँवों को पुल से जोड़ने का काम करता है । प्रतिदिन हजारों लोग यात्रा करते हैं । ग्रामीणों ने यह बात कई बार स्थानीय विधायक , नेताओं और अधिकारियों को बताई ।

यह मामला अलीगंज वाले स्टेशन रोड का है जहां लोगों ने बताया अभी कुछ साल पहले एनटीपीसी के किसी का दी शांत द्वारा यह रोड का निर्माण कराया गया था ।

रायबरेली जिले के ऊंचाहार कोतवाली क्षेत्र के जब्बारीपुर गांव की रहने वाली उर्मिला और संतोसा नाम की महिलाओं ने कोतवाली में तहरीर देकर गुहार लगाई है।पीड़ित महिलाओं ने बताया की वह गांव में समहू चलाती है,और जब ब्लाक में चेक पर मुहर लगवाने के लिए गई तो,वहां पर मौजूद कर्मचारी ने उनसे चेक पर मुहर लगाने के लिए 10 हजार रुपये की रिश्वत मांगी है।वही जब ब्लाक में तैनात एनआरएलएम के कर्मचारी से बात की गई तो उन्होंने बताया की मामला पूरी तरह से निराधार है,किसी से कोई रिश्वत नही मांगी गई है।वही कोतवाली प्रभारी आदर्श सिंह ने बताया की मामले की जांच कर कार्यवाही की जायेगी।

रायबरेली में योगी सरकारी की ज़ीरो टॉलरेंस नीति सरकारी कार्यालय में बेअसर साबित हो रही है। जिम्मेदार पदों पर बैठे अधिकारियों की उदासीनता के चलते योजनाओं का आम जनमानस को लाभ नहीं मिल पा रहा है।गौरतलब है कि मामला जिले के विकास भवन स्थित डीपीआरओ कार्यालय में तैनात कर्मचारियों की मनमानी व भ्रस्ट कार्यशैली के चलते ब्लाकों में तैनात अधिकारियों व कर्मचारियों का वेतन समय से नही रिलीव किया जा हैं।यही नही ब्लॉकों के कुछ अधिकारियों का मेडिकल का भी पैसा नहीं दिया जा रहा है। जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय में तैनात कुछ कर्मचारी इन ब्लाकों के अधिकारियों व कर्मचारी से वेतन व मेडिकल का पैसा भेजने से पहले रिश्वत की मांग करते हैं।जो समय पर रिश्वत दे देता है उसकी तनख्वाह व मेडिकल का पैसा समय से पहुंच जाता है जो नही देता हूँ उसका डीपीआरओ कार्यालय में कर्मचारी पैसा रोक रखते हैं।यह आरोप हम नही बल्कि ब्लाकों के अधिकारी व कर्मचारी लगा रहे हैं। ब्लाकों के अधिकारियों व कर्मचारियों का कहना है कि जब इसकी शिकायत जिला पंचायत राज अधिकारी नवीन सिंह से शिकायती पत्र के माध्यम से की गई तो उन्होंने ने जांच का हवाला देकर मामले को दरकिनार कर दिया। जिसकी वजह से कार्यालय के कर्मचारी बेखौफ होकर भ्रष्टाचार को खुले आम अंजाम दे रहे है।जिस पर जिला पंचायत राज अधिकारी इस कार्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार पर रोक लगाने में नाकाम साबित हो रहे है।कई महीनों से ब्लॉकों के अधिकारियों व कर्मचारियों के खातों में वेतन न पहुंचने से परिवार चलाने में समस्या उत्पन्न हो रही है।जिसकी वजह से कर्ज लेकर घर चलाया जा रहा है।