जनपद में आयोजित हुआ राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस हरदोई, 1 फरवरी 2024 जनपद में बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस(एनडीडी) आयोजित हुआ | जिसके तहत एक से 19 साल के बच्चों, किशोर और किशोरियों को पेट में कीड़े की दवा एल्बेंडाजोल खिलाई गई | इस दिवस का उद्घाटन मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. रोहताश कुमार ने प्राथमिक विद्यालय जलाखर पुरवा पुलिस लाइन में स्वयं एल्बेंडाजोल खाकर किया | इसके साथ ही उन्होंने उपस्थित बच्चों को भी दवा खाने के लिए प्रोत्साहित किया | इस मौके पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि बच्चों में आदत होती है चीजों को मुंह में रखने की | इसकी वजह से कीड़े शरीर में प्रवेश कर जाते हैं | इसके अलावा नंगे पैर घूमने और बिना धुले फल और सब्जियों के सेवन से भी कीड़े शरीर में पहुंचते हैं और वह आंत में पहुंचकर पोषक तत्वों को खा जाते हैं जिससे बच्चे कुपोषित हो जाते हैं और उनमें खून की कमी हो जाती है और बच्चे बार-बार बीमार पड़ते हैं | पेट में कीड़े होने पर बच्चे थकान महसूस करते हैं | उनका शारीरिक और मानसिक विकास प्रभावित होता है । वह ध्यान केंद्रित नहीं कर पाते हैं | इन सभी समस्याओं का समाधान है कि हर छह माह में कीड़े निकालने की दवा का सेवन किया जाये | इसलिए सरकार द्वारा साल में दो बार फरवरी और अगस्त में एल्बेन्डाजोल खिलायी जाती है | इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत सर्वजन दवा सेवन अभियान के माध्यम से भी एल्बेंडाजोल दवा खिलाई जाती है | एनडीडी के नोडल अधिकारी डॉ0 जितेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि एक से 19 वर्ष के 22.34 लाख बच्चों, किशोरों और किशोरियों को दवा खिलाने का लक्ष्य है, जो बच्चे किशोर और किशोरी किन्हीं कारणों से इस दिन दवा खाने से रह गए हैं उन्हें पाँच फरवरी को मॉप अप राउंड के चलाकर खिलाई जाएगी | जनपद के कुल 5525 सरकारी व सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों एवं 3930 आंगनबाड़ी केंद्रों पर यह दवा खिलाई गई | राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य समन्वयक मो0 एहसान ने बताया कि कृमि मुक्ति दवा के सेवन से स्वास्थ्य और पोषण में सुधार होता है, प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि और एनीमिया नियंत्रित होता है | इसके साथ ही सीखने की क्षमता में सुधार होता है | मो0 एहसान ने कृमि संक्रमण के लक्षणों के बारे में बताया कि पेट में दर्द, कमजोरी, उल्टी और भूख न लगना कृमि संक्रमण के लक्षण हो सकते हैं । बच्चे के पेट में कीड़े की मात्रा जितनी अधिक होगी उसमें लक्षण उतने ही अधिक होंगे। हल्के संक्रमण वाले बच्चों में आमतौर पर कोई लक्षण नहीं दिखते हैं। इस अवसर पर जिला कार्यक्रम प्रबंधक सुजीत कुमार सिंह, किशोर स्वास्थ्य काउंसलर मो0 शफी, साधना सिंह, विद्यालय के शिक्षक और छात्र -छात्राएं मौजूद रहे |

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने किया राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस का उद्घाटन 10.19 लाख बच्चों, किशोर और किशोरियों को खिलाई गई एल्बेंडाजोल रायबरेली, 1 फरवरी 2024 राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस(एनडीडी) का उद्घाटन बृहस्पतिवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. वीरेंद्र सिंह ने केन्द्रीय विद्यालय में बच्चों को पेट से कीड़े निकालने की दवा एल्बेंडाजोल खिलाकर किया । इसके साथ ही उन्होंने उपस्थित बच्चों को भी दवा खाने के लिए प्रोत्साहित किया। इस मौके पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि पेट में कीड़े होने से शरीर में खून की कमी हो जाती है और बच्चे बार-बार बीमार पड़ते हैं, जल्दी थक जाते हैं । इसके साथ ही शारीरिक और मानसिक विकास प्रभावित होता है और वह ध्यान केंद्रित नहीं कर पाते हैं । इन सभी समस्याओं का समाधान है कि हर छह माह में कीड़े निकालने की दवा का सेवन किया जाये । इसलिए सरकार द्वारा साल में दो बार फरवरी और अगस्त में एल्बेन्डाजोल खिलायी जाती है । साल में एक बार एनडीडी के माध्यम से और दूसरी बार राष्ट्रीय फाइलेरिया उनमूलन कार्यक्रम के तहत सर्वजन दवा सेवन अभियान के माध्यम से एल्बेन्डाजोल खिलाई जाती है | जिला स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी डी एस अस्थाना ने बताया कि एक से 19 वर्ष के 15.29 लाख बच्चों, किशोरों और किशोरियों को दवा पिलाने का लक्ष्य है जिसके सापेक्ष 10.19 लाख बच्चों को दवा खिलाई गई ।जो बच्चे, किशोर और किशोरी किन्हीं कारणों से इस दिन दवा खाने से रह गए हैं उन्हें पाँच फरवरी को मॉप अप राउंड के चलाकर खिलाई जाएगी । जनपद के कुल 3569सरकारी व सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों एवं 2839 आंगनबाड़ी केंद्रों पर यह दवा खिलाई गई । कृमि मुक्ति दवा के सेवन के यह लाभ हैं कि इससे एनीमिया दूर होता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है ।इसके साथ ही स्वास्थ्य और नीतेश जायसवाल ने कृमि संक्रमण के लक्षणों के बारे में बताया कि पेट में दर्द, कमजोरी, उल्टी और भूख न लगना कृमि संक्रमण के लक्षण हो सकते हैं । बच्चे के पेट में कीड़े की मात्रा जितनी अधिक होगी उसमें लक्षण उतने ही अधिक होंगे। हल्के संक्रमण वाले बच्चों में आमतौर पर कोई लक्षण नहीं दिखते हैं। इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाध्यापक, डॉ राकेश यादव नोडल शहरी क्षेत्र, डीईआईसी मैनेजर नितेश जायसवाल, विनय पांडे शहरी स्वास्थ्य समन्वयक,क्षितिज दीक्षित, विद्यालय के शिक्षक और छात्र मौजूद रहे ।

सरकार गांव को स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिए सभी ग्राम पंचायत में लाखों रुपए का बजट खर्च कर कूड़ा निस्तारण केंद्र बनवा रही है जिस गांव के कूड़े को कूड़ा निस्तारण केंद्र पहुंचाया जाएगा जिस गांव की गलियां स्वच्छ और सुंदर रहेगी इसके साथ ही कई परिवारों को इस कार्यक्रम से रोजगार भी माहिया होगा रायबरेली जिले के गांव में भी थोड़ा निस्तारण केंद्र बनाए जा रहे हैं इसी क्रम में खजूर गांव में भी कूड़ा निस्तारण केंद्र बनाया जा रहा है जो तस्वीरों में दिख रहा है बहुत जल्द कूड़ा निस्तारण केंद्र बनकर तैयार हो जाएगा और उसके बाद गांव से कूड़े को एकत्रित कर पुरानी स्थान केंद्र पहुंचाया जाएगा जिस गांव की गलियां स्वच्छ और सुंदर होगी इसके साथ ही बीमारियों पर भी लगाम लग पाएगी

एनटीडी दिवस के मौके पर छात्राओं ने बताए फाइलेरिया से बचाव के उपाय लखनऊ, 30 जनवरी 2024- विश्व नॉन ट्रॉपिकल डिजीज(एनटीडी) दिवस के मौके पर मंगलवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सरोजिनी नगर और उच्च प्राथमिक विद्यालय माती में फाइलेरिया जागरूकता कार्यक्रम आयोजित हुआ । जिसके तहत स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान एवं संस्था सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफॉर) के सहयोग से यूपी राजकीय सैनिक स्कूल की छात्राओं द्वारा नुक्कड़ नाटक मंचित किया गया । जिसके माध्यम से लोगों को 10 से 28 फरवरी तक चलने वाले वाले सर्वजन दवा सेवन (आईडीए) की जानकारी दी गई । इस मौके पर सीएचसी अधीक्षक डा. चंदन सिंह ने कहा कि आईडीए अभियान राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत चलाया जाता है जिसके तहत साल में एक बार फाइलेरिया रोधी दवा आवरमेक्टिन. डाईइथाइल कार्बामजीन और एलबेंडाजोल खिलाई जाती है । फाइलेरिया एक लाइलाज और गंभीर बीमारी है और प्रबंधन के आभाव मे व्यक्ति को विकलांग भी बना सकती है। इसलिए 10 फरवरी से शुरू होने वाले आईडीए अभियान के तहत फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन जरूर करें । उपस्थित जन समीदाय को प्रचार प्रसार सामग्री और नुक्कड़ नाटक के माध्यम से जानकारी दी कि आईडीए अभियान के तहत फाइलेरियारोधी दवा का लगातार तीन साल तक सेवन करने से फाइलेरिया से बचा जा सकता है ।दो साल से कम के बच्चों, गर्भवती और अति गंभीर बीमारी से पीड़ित व्यक्तियों को छोड़कर सभी को फाइलेरियारोधी दवा का सेवन करना है । यह दवा पूरी तरह से सुरक्षित है। दवा का सेवन खाली पेट नही करना है । उच्च प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक मनोज ने कहा कि नाटक बहुत ही शिक्षा प्रद था । नाटक से फाइलेरिया से कारण और बचाव की जानकारी मिली । माती गांव निवासी ममता ने बताया कि नाटक के माध्यम से पता चला कि फाइलेरिया मच्छर से होता है और इससे बचाव किस तरह से किया जा सकता है । वह लगातार तीन साल से फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन कर रही हैं और दवा सेवन के बाद उन्हें कोई दिक्कत नहीं हुई है । नुक्कड़ नाटक का मंचन छात्राओं- आकांक्षा सिंह,वंशिका सिंह, कशिश गौतम, अंशिका त्रिपाठी, प्राची कश्यप द्वारा किया गया । इस मौके बीसीपीएम प्रशांत श्रीवास्तव, स्वास्थ्य पर्यवेक्षक हरकेश, सीएचसी का स्टाफ, विश्व स्वास्थ्य संगठन से कुलदीप, यूनिसेफ से सुनीता उपाध्याय, शिक्षक आशा रानी , सीएचओ आशुतोष, आशा कार्यकर्ता , सीफॉर के प्रतिनिधि और बड़ी संख्या में जनसामान्य मौजूद रहा । इसी क्रम में बक्शी का तालाब ब्लॉक के फाइलेरिया नेटवर्क के सदस्यों ने अपने अपने क्षेत्रों से फाइलेरिया जागरूकता रैली निकाली जिसका समापन सीएचसी बक्शी का तालाब पर सभासद राकेश कुमार, विकास खंड अधिकारी पूजा पांडे, और सीएसी अधीक्षक डा. जे. पी.सिंह ने किया । इसके साथ ही काकोरी, माल और मोहनलालगंज में फाइलेरिया प्लेटफार्म के सदस्यों ने लोगों को फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन करने के लिए जागरूक किया

रायबरेली जिले के खजूर गांव में साइकिल की दुकान के सहारे रोजगार कर रहा इसी वक्त को देखिए इसका कहना है कि ग्रेजुएशन कंप्लीट कर लिया और उसके बाद भी रोजगार नहीं मिल पा रहा है सुबह के मुख्यमंत्री भले ही लाखों युवाओं को रोजगार देने की बात कर रहे हो लेकिन हकीकत यह है कि आज भी काफी संख्या में युवा बेरोजगार घूम रहे हैं और यही वजह है कि अभी वाहनों ने खुद छोटा-मोटा रोजगार करना शुरू कर दिए हैं जिससे जीवन यापन चल सके ऐसे में जरूरत है सरकार को आने वाले समय में युवाओं को रोजगार माहिया करने की

तस्वीरों में दिख रहे इस दिव्यांग को देखिए इसका नाम है सुरेश जो की रायबरेली जिले के लालगंज ब्लाक के खजूर गांव का रहने वाला है पिछले काफी समय से ट्राई साइकिल के लिए अधिकारियों के पास जाकर चक्कर लगा चुका है लेकिन इसे अब तक ट्राई साइकिल नहीं मिली दिव्यांग सुरेश कहते हैं कि अधिकारियों के पास कई बार गया लेकिन किसी ने उसकी नहीं सुनी जिसके चलते पुरानी टूटी ट्री से साइकिल के सहारे चलता फिरता है

अयोध्या में भगवान राम के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अब हनुमान जी का अवतार कहे जाने वाले बंदरों पर भी लोगों की आस्था देखने को मिल रही है मामला रायबरेली जिले के खजूर गांव का है जहां एक बंदर का बच्चा झुंड से निकलकर बिजली के खंभे में चढ़ गया जहां करंट की चपेट में आने से घायल होकर गिर गया गिर पड़ा इसके बाद स्थानीय लोगों ने पशु चिकित्सक को बुलाकर उसका इलाज कराया लोगों ने कहा कि बंदरों में हनुमान जी के प्रति आस्था देखी जाती है जिसको लेकर हम लोगों ने तत्काल डॉक्टर को बुलाकर इलाज कराया फिलहाल बंदर को इलाज करने के बाद उसे सुरक्षित स्थान पर छोड़ दिया गया ऐसे में समझा जा सकता है कि भगवान राम के प्रति आस्था के बाद अब भगवान राम से जुड़े पशु पक्षियों पर भी आशा देखने को मिल रही है

रायबरेली जिले के गदागंज थाने की पुलिस को मुखबिर की सूचना पर बड़ी कामयाबी हाथ लगी है।पुलिस ने गैंगेस्टर के मामले में फरार चल रहे आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेजा है।थाना प्रभारी सन्तोष सिंह ने बताया कि मुखबिर की सूचना पर आरोपी को माधवव पूर जंगल के पास से गिरफ्तार किया गया है।आरोपी का नाम कलाम पुत्र इदरीश है।और यह जलालपुर ध ई कस्बे का रहने वाला है।आरोपी के खिलाफ कई आपराधिक मुकदमे दर्ज थे,आज इसे गिरफ्तार कर जेल सम्बंधित धाराओं में भेजा गया है।

रायबरेली जिले के मिल एरिया थाना पुलिस को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है।पुलिस ने दो शातिर चोरो को चोरी के समान के सा थ गिरफ्तार किया गया है।थाना प्रभारी राजेष कुमार ने बताया की । मुखबिर की सूचना पर दो शातिर चोरों को गिरफ्तार किया गया है ।एक आरोपी का नाम विशाल पुत्र अनिल कुमार है। जोकि जातन का पुरवा ट्रांसपोर्ट नगर बाबू का पुरवा कानपुर का रहने वाला है।वही दूसरे का नाम सुखराज है वह कोड़िया बाजार आजमगढ़ का रहने वाला है।दोनों को गिरफ्तार किया गया है।दोनों के पास से चोरी के समान भी बरामद हुए है।दोनों को सम्बंधित धाराओ में जेल भेजा जा रहा है।

राजस्व परिषद के रायबरेली दौरे से पहले जिला प्रशासन अपनी तैयारी में जुट गया है। रायबरेली की डीएम हर्षिता माथुर ने आज सदर तहसील का निरीक्षण किया। डीएम ने सदर तहसील के सभी पटलों के अभिलेखों का बारीकी से निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान कमी मिलने पर एसडीएम और तहसीलदार को कमियों को दूर करने के निर्देश दिए। तहसील में बाहरी व्यक्तियों द्वारा काम किये जाने के सवाल पर उनका कहना है था कि शाशन के निर्देश के अनुरूप काम किया जा रहा है।