भेल में बूथ लगाकर 1500 लोगों को खिलाई गई फाइलेरियारोधी दवा अमेठी, 17 फरवरी 2024 राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जनपद में 10 फरवरी से सर्वजन सर्वजन दवा सेवन (आईडीए) अभियान चल रहा है जिसके तहत लोगों को फाइलेरियारोधी दवा खिलाई जा रही है । इसी क्रम में शुक्रवार को भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेल) में बूथ लगाकर फाइलेरियारोधी दवा खिलाई गई जिसमें 1500 कर्मचारियों ने दवा का सेवन किया । इस मौके पर मलेरिया निरीक्षक प्रदीप मिश्रा ने बताया कि फाइलेरिया मच्छर के काटने से होता है । इसे हाथी पाँव भी कहते हैं । इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है । इस बीमारी से बचने का उपाय है फाइलेरियारोधी दवा का सेवन और मच्छरों से बचाव । फाइलेरिया से संक्रमण के 10 से 15 साल बाद इसके लक्षण दिखाई देते हैं । इस दौरान फाइलेरिया संक्रमित व्यक्ति अन्य लोगों को संक्रमित कर चुका होता है । आईडीए अभियान के तहत लगातार तीन साल तक फाइलेरियारोधी दवा का सेवन करने से इस बीमारी से बचा जा सकता है । फाइलेरियारोधी दवा का सेवन करने वाले 51 वर्षीय एडमिन वासुदेव ने कहा कि मैनें फाइलेरियारोधी दवा का सेवन किया । मैं बिल्कुल स्वस्थ हूँ । सभी लोग इन दवाओं का सेवन करें । मुझे नहीं पता था कि फाइलेरिया इतनी गंभीर बीमारी है और लाइलाज है । जब भी फाइलेरियारोधी दवा खाई जाएगी मैं खाऊँगा और और लोगों को भी खाने के लिए प्रेरित करूंगा । मैं चाहता हूँ कि हर साल भेल में फाइलेरियारोधी दवा का सेवन करवाने के लिए बूथ लगे । इस अवसर पर जगदीशपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का स्टाफ, संस्था पीसीआई के प्रतिनिधि, भेल की अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. सीमा रस्तोगी सहित स्टाफ मौजूद रहा। जिला मलेरिया अधिकारी शेषधर द्विवेदी ने बताया कि आईडीए अभियान के तहत स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों को दवा का सेवन करवा रहे हैं । लोग इस अभियान में सहयोग कर रहे हैं जिसका परिणाम है कि अभियान के शुरूआती छह दिनों में लक्षित 22.16 लाख जनसंख्या के सापेक्ष लगभग 8.48 लाख लोगों से फाइलेरियारोधी दवा का सेवन किया है ।विश्व स्वास्थ्य संगठन और पीसीआई तकनीकी सहयोग कर रहे हैं वहीं सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च और पीसीआई सामुदायिक जागरूकता का काम कर रही है । इसके अलावा फाइलेरिया पेशेंटप्लेटफ़ॉर्म के सदस्य लोगों को दवा सेवन का लिए प्रेरित कर रहे हैं ।