नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया ( एनएचएआई ) हाईवे के चौड़ीकरण को लेकर लगातार ध्वस्तीकरण की कार्यवाही कर रहा है। लखनऊ-प्रयागराज राष्ट्रीय राजमार्ग को चौड़ा करने का काम लगातार जारी है। इस कार्य में सड़क के बीच रास्ते में आने वाले मकानों, दुकानों और कमर्शियल प्रॉपर्टीज को ध्वस्त किया जा रहा है। ध्वस्तीकरण की इस कार्यवाही को लेकर सरकार द्वारा पीड़ितों को मुआवजा देने की बात भी कही जाती रही है। लेकिन कुचरिया गांव के पीड़ितों ने प्रशासन पर मुआवजा न देने की बात कही। साथ ही जिलाधिकारी व एनएचएआई अधिकारियों के खिलाफ लामबंद होकर नारेबाजी भी की। वी/ओ 1 लखनऊ प्रयागराज राष्ट्रीय राजमार्ग पर कुचरिया चौराहे पर एनएचएआई की कार्यवाही के विरोध में पीड़ित लोग एकजुट हो गए। एकजुट होकर लोगों ने जिलाधिकारी व एनएचएआई अधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। एनएचएआई का बुल्डोजर सुबह से ही गरजना शुरू हो गया था। मामला ज्यादा गर्म हुआ तो मौके पर पुलिस भी आ गई। वी/ओ 2 यहां रहने वाले सत्यम शुक्ला ने बताया व मोहम्मदपुर कुचरिया के रहने वाले हैं। आज सुबह से ही एनएचएआई कार्यवाही कर रही है। बिना मानक के अपनी मर्जी से घरों दुकानों को तोड़ रहे हैं। हमें कोई नोटिस नहीं मिला है और ना ही अभी तक कोई मुआवजा मिला है। जिले के अधिकारी एनएचएआई के अधिकारी संपर्क करने के लिए बोलते हैं और एनएचएआई अधिकारी कहते हैं कि जाकर अपने अधिकारियों से बात करिए। हम लोग दर-दर की ठोकरे खाने को मजबूर हैं। हम लोग कहां जाएं। हम लोग मजदूरी करके अपनी जेब से मजदूरी देकर अपने टूटे घरों की ईंट पत्थरों को हटा रहे हैं। एनएचएआई के अधिकारी हमसे गाली देकर बात करते हैं । वी/ओ 3 वहीं एक और स्थानीय निवासी राजकुमार वाजपेई ने बताया कि बिना एक पैसा मुआवजा दिए उनके मकानों को बुलडोजर के जरिए तोड़ दिया गया है। बिना मूल्यांकन और सीमांकन किये घर तोड़े जा रहे हैं। हम लोग इतने भयभीत हैं कि आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो जाएंगे। गरीब आदमी करें तो क्या करें या तो विद्रोह करें या फिर आत्महत्या।