रायबरेली। सरेनी विकासखंड के अंतर्गत पूरे चंदू मजरे काल्हीगांव में चल रही श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह के तीसरे दिन भक्ति के रंग में पूरी तरह सराबोर कथाव्यास श्री श्री 108 आत्मानंद सरस्वती जी महाराज ने कहा कि मनुष्यों का क्या कर्तव्य है इसका बोध भागवत सुनकर ही होता है।  विडंबना ये है कि मृत्यु निश्चित होने के बाद भी हम उसे स्वीकार नहीं करते हैं। निस्काम भाव से प्रभु का स्मरण करने वाले लोग अपना जन्म और मरण दोनों सुधार लेते हैं। कथावाचक के मुखारविंद से परीक्षित को श्राप,सुखदेव आगमन,कपिल देवहुति संवाद,अनसुइया संवाद व ध्रुव चरित्र का प्रसंग सुनाया गया!उत्साह और उमंग से श्रद्धालु श्रीराधे,राधे-कृष्ण की गूंज के साथ झूमते-गाते नजर आए। इस अवसर पर गिरजा शंकर दीक्षित,हरी शंकर दीक्षित,उमेश चंद्र दीक्षित,ऋषि दीक्षित,दिनेश दीक्षित,राधे बाजपेई,रामजी पांडेय,कृष्ण कुमार अग्निहोत्री,गोवर्धन अग्निहोत्री,सधन अग्निहोत्री,करूणा शंकर शुक्ला,कृपा शंकर शुक्ला,हरी शंकर त्रिवेदी,राजकुमार मिश्रा,शिवतोष संघर्षी,कमल कुमार मिश्रा,कमलेश दीक्षित,गंगा सागर शुक्ला,हैप्पी मिश्रा,राजेंद्र त्रिवेदी,पुनीत त्रिवेदी,शैलेश मिश्रा,