रायबरेली।राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस (एनडीडी) का उद्घाटन मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. वीरेंद्र सिंह ने केन्द्रीय विद्यालय में बच्चों को पेट से कीड़े निकालने की दवा एल्बेंडाजोल खिलाकर किया। इसके साथ ही उन्होंने उपस्थित बच्चों को भी दवा खाने के लिए प्रोत्साहित किया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि पेट में कीड़े होने से शरीर में खून की कमी हो जाती है और बच्चे बार-बार बीमार पड़ते हैं, जल्दी थक जाते हैं। इसके साथ ही शारीरिक और मानसिक विकास प्रभावित होता है और वह ध्यान केंद्रित नहीं कर पाते हैं। इन सभी समस्याओं का समाधान है कि हर छह माह में कीड़े निकालने की दवा का सेवन किया जाये। इसलिए सरकार द्वारा साल में दो बार फरवरी और अगस्त में एल्बेन्डाजोल खिलायी जाती है। साल में एक बार एनडीडी के माध्यम से और दूसरी बार राष्ट्रीय फाइलेरिया उनमूलन कार्यक्रम के तहत सर्वजन दवा सेवन अभियान के माध्यम से एल्बेन्डाजोल खिलाई जाती है। जिला स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी डी एस अस्थाना ने बताया कि एक से 19 वर्ष के 15.29 लाख बच्चों, किशोरों और किशोरियों को दवा पिलाने का लक्ष्य है जिसके सापेक्ष 10.19 लाख बच्चों को दवा खिलाई गई ।जो बच्चे, किशोर और किशोरी किन्हीं कारणों से इस दिन दवा खाने से रह गए हैं उन्हें पाँच फरवरी को मॉप अप राउंड के चलाकर खिलाई जाएगी। जनपद के कुल 3569 सरकारी व सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों एवं 2839 आंगनबाड़ी केंद्रों पर यह दवा खिलाई गई। कृमि मुक्ति दवा के सेवन के यह लाभ हैं कि इससे एनीमिया दूर होता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है। इसके साथ ही स्वास्थ्य और नीतेश जायसवाल ने कृमि संक्रमण के लक्षणों के बारे में बताया कि पेट में दर्द, कमजोरी, उल्टी और भूख न लगना कृमि संक्रमण के लक्षण हो सकते हैं। बच्चे के पेट में कीड़े की मात्रा जितनी अधिक होगी उसमें लक्षण उतने ही अधिक होंगे। हल्के संक्रमण वाले बच्चों में आमतौर पर कोई लक्षण नहीं दिखते हैं। इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाध्यापक, डॉ राकेश यादव नोडल शहरी क्षेत्र, डीईआईसी मैनेजर नितेश जायसवाल, विनय पांडे शहरी स्वास्थ्य समन्वयक, क्षितिज दीक्षित, विद्यालय के शिक्षक और छात्र मौजूद रहे।