रायबरेली। लालगंज नगर पंचायत ने अपने 89 साल के सफर कई उतार चढ़ाव देखे हैं। इसे विकसित करने और नागरिक सेवा देने में निर्वाचित अध्यक्षों ने अपनी अहंम भूमिका का निर्वहन किया, मगर देश की आजादी के पूर्व से गठित यह नगर पंचायत आज भी नगर  पंचायत के रूप में ही विद्यमान है। अपेक्षित विकास न हो पाने की कसक लोगों के मन में जरूर बनी हुई है।      उल्लेखनीय है कि मंगलवार (30 जनवरी) को लालगंज नगर पंचायत अपना स्थापना वर्ष मनाने जा रही है। इस मौके पर विविध कार्यक्रम आयोजित कर नगर पंचायत ने अपने पूर्व अध्यक्षों व उनके परिजनों को सम्मानित करने का निर्णय लिया है। नगर पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि एवं कांग्रेस नेता दीपेन्द्र गुप्ता ने बताया कि पंचायत नगर विकास के साथ अपने पूर्व अध्यक्षों के सम्मान की रूप रेखा बनायी है। यह सम्मान कार्यक्रम पंचायत के स्थापना दिवस 30 जनवरी को किया जाएगा। जिन पूर्व अध्यक्षों को सम्मानित किया जाना है उनमें ईश्वरचंद गुप्त, सुरेश नारायण सिंह बच्चा बाबू, अनूप बाजपेई, अर्चना गुप्ता एवं रामबाबू गुप्ता के नाम शामिल हैं। वहीं पूर्व अध्यक्ष जो दिवंगत हो गये हैं। उनके परिजनों को बुला कर मार्ल्यापण कर उनकी सेवाओ को याद कर उन्हे सम्मानित किया जाना है। दरअसल, नगर के विकास में निर्वाचित अध्यक्षों की भूमिका अहंम होती है। पंचायतों को पहले अपने सीमित संसाधनों से ही विकास कार्य कराने होते थे लेकिन अब तो सरकार के नगर विकास विभाग पंचायतों के विकास के लिए धननिर्गत कर पंचायतों के विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन  कर रहा है।       आपको बता दें कि लालगंज नगर पंचायत का गठन 30 जनवरी 1935 ई. में हुआ था। उस समय इस नगर पंचायत की जनसंख्या मात्र 2500 थी