रायबरेली जिले में अपने पिता की धरोहर को संजोए रखने और उसे हर वर्ष एक नया रूप देने वाले पिता के भक्त बेटे को व्यापारियों ने सम्मानित किया है। व्यापारियों ने कहा कि, जिले का एक ऐसा बेटा है। जिसको गैर जनपद के रहने वाले लोग भी यह कहने लगे हैं, कि इस युग में पिता के प्रति परशुराम जैसी भक्ति दिखाने वाला एक बेटा दिखाई देता है, जो लगभग 50 से 60 वर्षों से रायबरेली जिले में पिता के न रहने के बाद भी उनके आदर्शों पर और उनके व्यवसाय को आशीर्वाद की तरह पालन कर रहे हैं। हम बात व्यापारी राकेश गुप्ता की कर रहे हैं। राकेश गुप्ता के पिता जमुना प्रसाद गुप्ता एक रायबरेली महोत्सव शिल्प बाजार की शुरुआत की थी। इस सपने को पूरा करने की प्रतिज्ञा लेकर जमुना प्रसाद के पुत्र राकेश गुप्ता वर्षों से रायबरेली महोत्सव शिल्प बाजार का आयोजन कर निभाते चले आ रहे हैं। यह बाजार दो भागों में लगता है। एक शीत ऋतु में लगता है। दूसरा ग्रीष्म ऋतु में लगता है। दोनों समय में अलग-अलग प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम सहित अन्य कार्यक्रम व आयोजन किए जाते हैं। इस रायबरेली महोत्सव शिल्प बाजार में पूरे भारत के लोग अपनी अपनी दुकान लेकर यहां आते हैं। और करीब एक माह तक यह दुकान यहां पर विभिन्न सामानों की लगती हैं। जिसको खरीदने के लिए भारत के देशों में नहीं जाना पड़ता। आपको यहीं पर मिल जाता है।तमाम मेहनत के बाद शहर के जीजीआईसी इंटर कॉलेज मैदान में गर्मी के मौसम में नुमाइश लगती है। वही सर्दी के मौसम में जाड़े के कपड़ों के साथ यह बाजार सजाता है। राकेश गुप्ता ने जिले के साथ-साथ पूरे भारत में अपने कार्यशैली से नाम रोशन किया है। राकेश गुप्ता की यही समाज सेवा को देखकर ओत प्रोत हुए सामाजिक संगठनों ने 27 जनवरी 2024 दिन शनिवार को अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल व युवा उद्योग व्यापार मंडल ने राकेश गुप्ता को सम्मानित किया है साथ ही युवा समाजसेवी आशीष पाठक को उनके द्वारा किए जा रहे सराहनीय व सामाजिक कार्यों के लिए सम्मानित किया गया।उद्योग व्यापार मंडल के नगर अध्यक्ष केके गुप्ता के नेतृत्व में अंग वस्त्र और फूलमाला पहनकर उनका सम्मान किया गया के के गुप्ता का कहना है, कि पिता के सपनों को पूरा करते हुए जिस तरह से राकेश गुप्ता ने समस्त जात धर्म से ऊपर उठकर लोगों को एक जगह एकत्रित करने का जो संकल्प लिया है। वह उनके अद्भुत व्यक्ति का परिचय है। नगर महामंत्री अब्दुल वाहिद ने कहा कि आज सभी लोग अपने जात पात विशेष के प्रति जागरूक दिखाई दे रहे हैं। लेकिन राकेश गुप्ता ने सभी धर्म के लोगों को एक पंडाल के नीचे लाकर खड़ा करने का काम किया है। वह जिले में ही नहीं बल्कि पूरे भारत में अपनी अलग पहचान बना रखे हैं।