रायबरेली | राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर सीएमओ कार्यालय रायबरेली के एनएमटीसी केंद्र पर प्रशिक्षु एएनएम बालिकाओं के द्वारा रैली निकालकर बालिका दिवस के अवसर पर बेटी बेटा की समानता का संदेश दिया गया। इस अवसर पर गोष्ठी में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ वीरेंद्र सिंह ने कहा कि अब हमारा देश बहुत शिक्षित हो गया है बेटी बेटा को समान अधिकार मिलनी चाहिए और हमारे देश की बालिकाएं बहुत बड़े-बड़े काम कर रही हैं तथा बहुत सारे क्षेत्र में अपना नाम और अपने देश का नाम रोशन कर रही है। सरकार द्वारा गर्भस्थ शिशु की लिंग जांच करना या करना कानूनी अपराध घोषित हुआ है इसलिए गर्भधारण एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीकी लिंग चयन प्रतिषेध अधिनियम 1994 पीसीपीएनडीटी एक्ट 1994 प्रदेश में प्रभावित तरीके से वर्तमान में लागू है। और पूरे प्रदेश में अवैध रूप से लिंग जांच करने करवाने वाले व्यक्ति की सूचना दिए जाने तथा पकड़ने पर सूचना देने वाले व्यक्ति तथा मिथ्या ग्राहक सहायता को पुरस्कृत किए जाने का प्रावधान मुखबिर योजना के अंतर्गत किया गया है। यह योजना प्रदेश में 1 जुलाई 2017 से प्रभावित है। इस अवसर पर आयोजित संगोष्ठी में नोडल अधिकारी/अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अरविंद कुमार ने बताया बताया कि यह अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु संचालित वेबसाइट प्यारी बिटिया (www.pyaribitiya.in) पर किसी भी व्यक्ति द्वारा लिंग चयन मैं संलिप्प्ट चिकित्सकों व व्यक्ति के विरुद्ध ऑनलाइन शिकायत की जा सकती है इस हेतु शिकायतकर्ता द्वारा अपना विवरण दिया जाना अनिवार्य नहीं है। इस कार्यक्रम के अवसर पर यूनिसेफ की जिला प्रतिनिधि बंदनात्रिपाठी ने बताया की बालिकाओं को अपने अधिकारों के साथ-साथ कर्तव्यों के प्रति भी जागरूक बनना पड़ेगा l जो सामाजिक रूप से समाज को मजबूत करेगा,l डीएस अस्था ना ने बताया कि हमारे सामाजिक एवं धार्मिक पूर्वाग्रह की वजह से भी समाज में बालकों को ज्यादा महत्व दिया जाता है इस कुरीति को त्याग कर हम स्वस्थ समाज का निर्माण करते हुए बालक बालिका को बराबरी का अधिकार दे सकते हैं l