रायबरेली । बाबा बागेश्वर धीरेंद्र शास्त्री जी बागेश्वर धाम से अयोध्या गोरखपुर जाते हुए रायबरेली के गेगासों गंगा तट पर स्थित राज रेस्टोरेंट में रुक गए जहां पर वह गाड़ी के अंदर बैठे रहे उनके साथ मात्र तीन गाड़ियां थी कुछ संत लोग रेस्टोरेंट में चाय पीने के लिए गाड़ी से उतरे बाबा धीरेंद्र शास्त्री जी गाड़ी के अंदर ही बैठे रहे कुछ देर तक लोग समझ ही नहीं पाए की गाड़ी के अंदर कौन संत बैठा है तभी राज रेस्टोरेंट संचालक मुन्ना शुक्ला की नजर एक गाड़ी पर छोटे अक्षरों से लिखा बाबा बागेश्वर धाम देखा तो उन्हें लगा कि बाबा गाड़ी के अंदर बैठे हैं लेकिन एक बार फिर सोचा कि महज तीन गाड़ियों से बाबा तो आ नहीं सकते लेकिन उनसे रहा नहीं गया और उनके साथ जो बाहर खड़े संत थे उनसे पूछा तो संतो ने बताया कि बाबा प्लेन से गोरखपुर पहुंच गए हैं हम लोग वहीं जा रहे हैं काले रंग के शीशे से लगी गाड़ी के अंदर बैठे बाबा धीरेंद्र शास्त्री ने अचानक गाड़ी के सीसे नीचे किया और रेस्टोरेंट संचालक मुन्ना शुक्ला व उनके अन्य साथियों से तेजी से आवाज देकर हंसते हुए कहा ठठरी के तुम लोगो ने मुझे कैसे खोज लिया इतना कहने के बाद जैसे ही बाबा ने सभी को अपने पास बुलाया कुछ देर के लिए लोग कुछ समझ ही नहीं पा रहे थे कि आखिर बाबा के दर्शन कैसे हो रहे हैं बाबा धीरेंद्र शास्त्री ने सभी को बुलाकर आशीर्वाद दिया बाबा ने लोगों से बात करते-करते चाय पिया इसी बीच एक ट्रक चालक को अपने पास बुलाया और उससे कहा कि तुम तो परिवार के साथ हमारे यहां गए थे लेकिन बिना हमसे मिले कैसे चले आए इतने में लोग और दंग रह गए ट्रक ड्राइवर ने बताया कि बाबा आप सही कह रहे हैं 25 दिसंबर को परिवार के साथ आपके यहां गया था लेकिन भीड़ काफी थी जिसके चलते वापस चला आया था बाबा ने ट्रक ड्राइवर को प्रसाद के साथ अपना आशीर्वाद भी दिया और उसके बाद गोरखपुर के लिए चले गए रेस्टोरेंट संचालक मुन्ना शुक्ला और उनके साथियों ने बताया कि हम लोगों को कुछ देर विश्वास ही नहीं हो रहा था कि बाबा बागेश्वर हम सबके बीच आकर इस तरह से चाय पियेंगे और आशीर्वाद देंगे । दरअसल बाबा बागेश्वर धाम धीरेंद्र शास्त्री जी गुप्त तरीके से सड़क मार्ग द्वारा अयोध्या होते हुए गोरखपुर जा रहे थे ।