रायबरेली। श्रीमद् भागवत कथा के सातवें दिन कंस वध और कृष्ण-रुक्मिणी विवाह की संगीतमय कथा व्यास संत रमेश भाई शुक्ल ने सुनाया। कंस वध व रुकमणी विवाह के प्रसंगों का चित्रण किया। व्यास ने बताया कि भगवान विष्णु के पृथ्वी लोक में अवतरित होने के प्रमुख कारण थे, जिसमें एक कारण कंस वध भी था। कंस के अत्याचार से पृथ्वी त्राह त्राह जब करने लगी तब लोग भगवान से गुहार लगाने लगे। तब कृष्ण अवतरित हुए। कंस को यह पता था कि उसका वध श्रीकृष्ण के हाथों ही होना निश्चित है। इसलिए उसने बाल्यावस्था में ही श्रीकृष्ण को अनेक बार मरवाने का प्रयास किया, लेकिन हर प्रयास भगवान के सामने असफल साबित होता रहा। 11 वर्ष की अल्प आयु में कंस ने अपने प्रमुख अकरुर के द्वारा मल्ल युद्ध के बहाने कृष्ण, बलराम को मथुरा बुलवाकर शक्तिशाली योद्धा और पागल हाथियों से कुचलवाकर मारने का प्रयास किया, लेकिन वह सभी श्रीकृष्ण और बलराम के हाथों मारे गए और अंत में श्रीकृष्ण ने अपने मामा कंस का वध कर मथुरा नगरी को कंस के अत्याचारों से मुक्ति दिला दी। कंस वध के बाद श्रीकृष्ण ने अपने माता-पिता वसुदेव और देवकी को जहां कारागार से मुक्त कराया, वही कंस के द्वारा अपने पिता उग्रसेन महाराज को भी बंदी बनाकर कारागार में रखा था, उन्हें भी श्रीकृष्ण ने मुक्त कराकर मथुरा के सिंहासन पर बैठाया। उन्होंने बताया कि रुकमणी जिन्हें माता लक्ष्मी का अवतार माना जाता है। वह विदर्भ साम्राज्य की पुत्री थी, जो विष्णु रूपी श्रीकृष्ण से विवाह करने को इच्छुक थी। लेकिन रुकमणी जी के पिता व भाई इससे सहमत नहीं थे, जिसके चलते उन्होंने रुकमणी के विवाह में जरासंध और शिशुपाल को भी विवाह के लिए आमंत्रित किया था, जैसे ही यह खबर रुकमणी को पता चली तो उन्होंने दूत के माध्यम से अपने दिल की बात श्रीकृष्ण तक पहुंचाई और काफी संघर्ष हुआ युद्ध के बाद अंततः श्री कृष्ण रुकमणी से विवाह करने में सफल रहे। संत रमेश भाई शुक्ल ने श्रोताओं को बताया कि भगवान श्री कृष्ण रुक्मिणी विवाह सुनने से मनुष्य को वैवाहिक (दांपत्य जीवन) में सुख मिलता है। इस लिए कृष्ण रुक्मिणी विवाह की कथा जरूर सुनना चाहिए। मुख्य यजमान उमानाथ सिंह पत्नी फूल मती सिंह, ने अपने पुत्र वधुओं में सह यजमान दिनेश सिंह ऊषा सिंह, राजेंद्र सिंह बिमला सिंह, बुधेंद्र सिंह शरला सिंह , योगेंद्र सिंह आरती सिंह ने पूजन अर्चन करके कथा शुभारंभ कराया। आज मेरे श्याम की शादी है को संगीतमय मनोज शुक्ला, अनुज शुक्ला, सोनू गुप्ता, अमन तिवारी नंदकिशोर मिश्रा अमित वर्मा ने वाद्य यंत्र से सुनकर श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया। पंडित सोनू महराज, बजरंग शुक्ल, वेद प्रकाश शुक्ला हरिहर दास बाबा, इंद्र बहादुर मुन्ने, महेंद्र भोले , ओम प्रकाश सिंह, अशोक सिंह, राम शरण सिंह, श्री नारायण, कड़े बहादुर , शिव सिंह, बरदनी , अनुज सिंह, गुरु बख्श सिंह गोपालपुर, सुनील सहित बड़ी संख्या में महिलाएं एवं पुरुष बच्चे उपस्थित रहे। समापन आरती और प्रसाद वितरण से हुआ। सदर क्षेत्र की भाजपा विधायक अदिति सिंह ने श्रीमद भागवत कथा में पहुंच कर कथा व्यास संत रमेश भाई शुक्ल से आशीर्वाद प्राप्त और आरती कर प्रसाद ग्रहण किया। उन्होंने मंच से श्रोताओं का आह्वान किया कि 22 जनवरी को अयोध्या में भगवान श्री राम लला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के दिन पूरी भव्यता से अपने अपने घरों में दीप जलाएं, पूजन करें और उत्सव मनाएं। विधायक अदिति सिंह ने जय श्री राम और जय श्री कृष्ण के जयकारे लगाकर माहौल को भक्तिमय कर दिया। उनके साथ मुकेश श्रीवास्तव, देवेंद्र सिंह पप्पू उपस्थित थे।