रायबरेली में योगी सरकारी की ज़ीरो टॉलरेंस नीति सरकारी कार्यालय में बेअसर साबित हो रही है। जिम्मेदार पदों पर बैठे अधिकारियों की उदासीनता के चलते योजनाओं का आम जनमानस को लाभ नहीं मिल पा रहा है।गौरतलब है कि मामला जिले के विकास भवन स्थित डीपीआरओ कार्यालय में तैनात कर्मचारियों की मनमानी व भ्रस्ट कार्यशैली के चलते ब्लाकों में तैनात अधिकारियों व कर्मचारियों का वेतन समय से नही रिलीव किया जा हैं।यही नही ब्लॉकों के कुछ अधिकारियों का मेडिकल का भी पैसा नहीं दिया जा रहा है। जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय में तैनात कुछ कर्मचारी इन ब्लाकों के अधिकारियों व कर्मचारी से वेतन व मेडिकल का पैसा भेजने से पहले रिश्वत की मांग करते हैं।जो समय पर रिश्वत दे देता है उसकी तनख्वाह व मेडिकल का पैसा समय से पहुंच जाता है जो नही देता हूँ उसका डीपीआरओ कार्यालय में कर्मचारी पैसा रोक रखते हैं।यह आरोप हम नही बल्कि ब्लाकों के अधिकारी व कर्मचारी लगा रहे हैं। ब्लाकों के अधिकारियों व कर्मचारियों का कहना है कि जब इसकी शिकायत जिला पंचायत राज अधिकारी नवीन सिंह से शिकायती पत्र के माध्यम से की गई तो उन्होंने ने जांच का हवाला देकर मामले को दरकिनार कर दिया। जिसकी वजह से कार्यालय के कर्मचारी बेखौफ होकर भ्रष्टाचार को खुले आम अंजाम दे रहे है।जिस पर जिला पंचायत राज अधिकारी इस कार्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार पर रोक लगाने में नाकाम साबित हो रहे है।कई महीनों से ब्लॉकों के अधिकारियों व कर्मचारियों के खातों में वेतन न पहुंचने से परिवार चलाने में समस्या उत्पन्न हो रही है।जिसकी वजह से कर्ज लेकर घर चलाया जा रहा है।