रायबरेली | उर्दू शायरी के मशहूर शायर मुन्नवर राना के निधन पर अमरशहीद चन्द्रशेखर आजाद पार्क में वरिष्ठ व्यापारी नेता मुकेश रस्तोगी के नेतृत्व में विभिन्न संगठनों द्वारा श्रद्धाँजलि सभा आयोजित की गयी। इस अवसर पर नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष शत्रोहन सोनकर ने श्रद्धाँजलि अर्पित करते हुए कहा कि मुन्नवर राना ने अपनी लेखनी से पूरे देश में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व के कई देशों में रायबरेली जिले का नाम रोशन किया, उनके निधन से साहित्य जगत का एक सितारा अस्त हो गया। श्रमिक संगठन के जिलाध्यक्ष एवं कांग्रेस पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष पं0 वी.के. शुक्ला ने कहा कि उन्होनें माँ के ऊपर बहुत कुछ लिखा, उनकी पंक्तियाँ आज भी याद आ रही हैं, किसी के हिस्से में मकां आया, किसी के हिस्से में दुकां आयी, मैं घर में सबसे छोटा था, मेरे हिस्से मंे माँ आयी। सेन्ट्रल बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष ओपी यादव मुन्नवर राना को याद करते हुए उन्हीं की शायरी के जरिए श्रद्धाँजलि अर्पित की। श्री यादव ने कहा कि यूँ लगता है, जैसे खत्म मेला हो गया, उड़ गयी आंगन से चिड़िया घर अकेला हो गया। उ0प्र0 उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मण्डल के प्रदेश संगठन मन्त्री मुकेश रस्तोगी ने कहा कि उन्होनें मजदूरों की समस्या पर लिखा था कि सो जाते हैं फुटपाथ पर अखबार बिछाकर, मजदूर कभी नींद की गोली नहीं खाते। समाजवादी अधिवक्ता सभा के जिलाध्यक्ष सौरभ सिंह ने कहा कि आया है सो जायेगा राजा रंक फकीर, कोई सिंहासन चढ़ि चला, कोई बांधे जंजीर। स्वर्णकार समाज के अध्यक्ष भौमेश स्वर्णकार ने कहा कि मुन्नवर राना ने मां के बारे में जो लिखा, वह कभी विस्मृत नहीं किया जा सकता है जब कुछ नहीं होगा, तो आंचल में छिपा लेगी, मुझे माँ खुले आसमान में नहीं रहने देगी। एबीडीएम के अध्यक्ष कमलेश चौधरी ने कहा कि मुन्नवर साहब ने लिखा था कि बुलन्दी देर तक किस शक्श के हिस्से मे रहती हैं, बड़ी ऊँची इमारत हर घड़ी खतरे में रहती है। व्यापार मण्डल के नगर अध्यक्ष मनोज गुप्ता ने कहा कि मुन्नवर राना ने देश के हालात पर लिखा था कि लहू कैसे बहाया जाय यह लीडर बताते हैं, लहू का जायका कैसा यह खादी बताती है, गुलामी ने अभी तक मुल्क का पीछा नहीं छोड़ा, हमें फिर कैद होना है, ये आजादी बताती है। नन्ही बच्ची जानकी रस्तोगी ने कहा कि मुन्नवर साहब ने लिखा था कि किसको फुर्सत इस दुनिया में गम की कहानी कहने को, सूनी कलाई देख के लेकिन चूड़ी वाला टूट गया। श्रद्धाँजलि देने वालों में मुख्य रूप से शिक्षाविद् पं0 जेपी त्रिपाठी, व्यापारी नेता शत्रोहन पटेल, इं. दुर्गा प्रसाद स्वर्णकार, अनुराग रस्तोगी, प्रमोद स्वर्णकार, सतीश स्वर्णकार, अधिवक्ता राजेश यादव, जितेन्द्र प्रतप सिंह, ओरी लाल स्वर्णकार, अमित चौधरी, शिवशरण लाल स्वर्णकार, प्रमोद चौधरी, अतुल यादव, गोविन्द स्वर्णकार, संदीप यादव, कौशलेन्द्र तिवारी, इं. दीप स्वर्णकार, अमित चौधरी, भाजपा नेता अली हैदर नकवी, छात्र नेता अनुज यादव बरवारी आदि लोगों ने मुन्नवर राना के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उनके व्यक्तिगत एवं कृतित्तव पर प्रकाश डालते हुए उन्हें श्रद्धाँजलि अर्पित की। अंत में दो मिनट का मौन रखकर ईश्वर से प्रार्थना की गयी कि ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति दे एवं परिजनों को इस असीम दुःख को सहने की क्षमता प्रदान करें।