गणतंत्र दिवस

जनपद प्रतापगढ़ के रानीगंज क्षेत्र के ग्राम सभा रहेटुआ परसरामपुर में आज प्राथमिक विद्यालय रहेटुआ परसरामपुर मेंआज 26 जनवरी गणतंत्रता दिवस के शुभ अवसर पर समस्त ग्राम सभा वासियों द्बारा एक झांकी निकाली गई जिसमें लोग अपने हांथों में राष्ट्रीय ध्वज तिरंगें झंडे को लेकर भारत माता की जय के नारे लगाते हुए आप खुद तस्वीर में साफ देख सकते हैं, की नौजवानो का टोला मस्ती के साथ देश भक्ति गीत पर डीजे और गाजे बाजे के साथ नचाते थिरकते इन देश भक्तों की झांकी का काफिला रहेटुआ परसरामपुर से होते हुए, रामापुर कंगियां से रामापुर बाजार से होकर जा रहा था, तभी अचानक थाना फतनपुर के सब इंस्पेक्टर दिलीप वर्मा जी अपने एक सिपाही के साथ झांकी शोभा यात्रा को रुकवा कर उन देश भक्तों के टोले को जो अपने पवित्र पावन पर्व की मधुर बेला पर देश भक्ति गीत पर नाच गा रहे थे, उनको पुलिस ने बैंक आंफ बडौदा रामापुर के सामने से ही उन्हें आगे नहीं जाने दिया, उन्हें वापस कर दिया गया जिससे नौजवानो में निराशा दिखी वहीं भीड़ को देखकर पुलिस के भी होश उड़ गये, क्योंकि रामापुर बाजार भीड़ भाड़ वाली जगह है, ऐसे में टैफिक जाम की स्थित पैदा हो जाती ऐसे में पुलिस की मजबूरी थीं देश भक्तों को वापस भेजना

छात्र छात्रों को मदाफरपुर में कहलाया गया

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उत्तरप्रदेश,प्रतापगढ़ ,सलीन प्रताप सिंह , मोबाइल वाणी में आप सभी का स्वागत करता हूं । आपको बता दें कि प्राथमिक विद्यालय के पास का नाला बंद है । आगे कोई जल निकासी नहीं है , जिसके कारण नालियां पानी से भर रही हैं , जो जीवन के लिए खतरा या महामारी हो सकती है । आपको बता दें कि चित्र स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहे हैं । प्राथमिक विद्यालय के पास जो नाला बनाया गया है वह बंद है । इसके अलावा नाले में मिट्टी डाल दी गई है । काम आधा कर दिया गया है ताकि पानी की निकासी न हो सके । तस्वीर से पता चलता है कि पानी भर रहा है । यदि स्कूल खुलता है , तो नाली में पड़ने वाले क्षेत्र उनके भविष्य के लिए खतरे में हैं । क्योंकि स्कूल भी खंडहर हो चुका है । यह कुछ दिनों से बंद है , लेकिन जब यह खुलेगा तो यहां जलकुंभी आएगी , जो इससे निकलने वाली बदबू के लिए बहुत घातक साबित हो सकती है , क्योंकि दोपहर का भोजन भी बंद होता है , यह इसे प्रभावित भी कर सकता है । जिन लोगों को यह लगेगा वे कीटाणुओं पर बैठेंगे और बच्चे इसे खा लेंगे , फिर बीमारियां फैलेंगी और बीमार हो सकती हैं और यहां तक कि मर भी सकती हैं । जान चली जाती है , विशेष रूप से ग्राम प्रधान और सफाईकर्मी जो इस पर ध्यान देने के लिए तैयार नहीं होते हैं और लोग इस रास्ते से गुजरते हैं , उनकी नज़र इस नाले पर होती है , लेकिन वे जागने के लिए तैयार नहीं होते हैं । कोर्ट के पास का नाला वह जगह है जहाँ तस्वीरें दिखाती हैं कि नाला पूरी तरह से बंद है , पानी नहीं बह रहा है और यह भर रहा है , जिसके कारण इस स्कूल में शिक्षण और रखरखाव इसके बारे में अनजान हैं और उनकी जान को खतरा है । इसे भारत की आत्मा कहा जाता है , लेकिन भारत की आत्मा आज रो रही है क्योंकि वहां विकास के नाम पर बहुत काम किया जाता है , लेकिन वह विकास कुछ ही महीनों में धीरे - धीरे विलुप्त होने के कगार पर पहुंच जाता है और यही तस्वीरें यह भी साबित कर रही हैं कि बच्चे ही देश का भविष्य हैं । युवा भी हैं और वर्तमान भी , लेकिन सवाल यह है कि इतना पैसा खर्च करने के बाद गांव में जो विकास होता है , उसे लागू क्यों नहीं किया जाता , उस पर क्यों नजर डाली जाती है और आने वाले समय में वे भविष्य के लिए खतरा बन जाते हैं , यह सबसे बड़ा सवाल है और जागने की जरूरत है ।

उत्तरप्रदेश राज्य के प्रतापगढ़ ज़िला से रघुवेन्द्र प्रताप सिंह ,मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि रानीगंज क्षेत्र के ग्राम सभा पढ़वा कलानी मे एक प्राथमिक विद्यालय बना हुआ है, जो इस समय कचरा घर का अड्डा बन गया है, जिसमें लोग गोबर घूर और उपले पाथकर विद्यालय को गंदा कर दिया है। जिस विद्यालय में गरीब बच्चे अपने घर से स्वच्छ होकर स्कूल आते हैं और पढा़ई करते हैं। वहीं पर लोगों ने कचरा फैलाकर स्कूल को वर्क बना रखा है। जिससे किसी दिन भी गरीब बच्चों को गम्भीर बीमारी होने का खतरा बना हुआ है।

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हमारे देश में सभी को शिक्षा का अधिकार है लेकिन लड़कियों को इसके लिए कहीं अधिक संघर्ष करना पड़ता है। कई बार घर के काम के बोझ के साथ स्कूल के बस्ते का बोझ उठाना पड़ता है तो कभी लोगों की गंदी नज़रों से बच-बचा के स्कूल का सफर तय करना पड़ता है। जैसे-तैसे स्कूल पहुंचने के बाद भी यौन शोषण और भावनात्मक शोषण की अलग चुनौती है जो रोज़ाना उनके धैर्य और हिम्मत की परीक्षा लेती है। ऐसे में लड़कियों के लिए सुरक्षित माहौल बनाने की जिम्मेदारी शासन-प्रशासन के साथ साथ समाज की भी है। तब तक आप हमें बताइए कि * -----लड़कियों के स्कुल छोड़ने के या पढ़ाई पूरी ना कर पाने के आपको और क्या कारण नज़र आते है ? * -----आपके हिसाब से हमें सामाजिक रूप से क्या क्या बदलाव करने की ज़रूरत है , जिससे लड़कियों की शिक्षा अधूरी न रह पाए।

शीतलहर और गलन को देखते हुए जिला अधिकारी ने बढ़ाई छुट्टी