रेलिंग विहीन टूटी पुलिया का कराया गया निर्माण

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बड़े-बड़े बोल्डर गिट्टियां उखड़ी पड़ी,नाम मात्र की रह गई है सड़क।

गांव में घुड़दौड़ को देखने के लिए हजारों की संख्या में जुटे ग्रामीण।

छोटे-छोटे बच्चों ने मनमोहक गीत एवं नृत्य प्रस्तुत कर समां बांधा, ताली बजाने पर मजबूर हुए अन्य छात्र-छात्राएं।

टूटी सड़क में गड्ढे हुए,गड्ढे में भरा पानी, फिर भी नगर पंचायत कर रहा नादानी।

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उत्तरप्रदेश,प्रतापगढ़ , शैलेंद्र प्रताप सिंह मोबाइल वडानी में स्वागत करता हूं । आपको बता दें कि नगर पंचायत क्षेत्रों में सड़कों पर जो सड़कें ढह गई हैं , उन्होंने आम लोगों को ढीला कर दिया है और आने - जाने पर मजबूर कर दिया है , लेकिन वे गुजर नहीं पा रहे हैं । पूरी सड़क के चारों ओर से सड़कें टूट गई हैं और नालियों का पानी भर रहा है , जिससे लोग यहां से नहीं गुजर पा रहे हैं और पूरी सड़क गीली है , जिसमें लोग चलते या साइकिल चलाते या दोपहिया वाहन चलाते हुए भी फिसल जाते हैं और गिर जाते हैं । गाड़ी के गड्ढे में गिरने से वह गिर जाता है और घायल हो जाता है । उनके साथ बैठे अन्य लोग भी घायल हो जाते हैं , लेकिन नगर पंचायत और लोक निर्माण विभाग इस पर ध्यान नहीं दे रहे हैं , जिससे यह समस्या बनी हुई है । तस्वीरें बता रही हैं कि पूरे कुएं से गलियाँ ढीली हो गई हैं और आदमी ढीला हो गया है । मजबूर है , लेकिन अगर आप गुजरते हैं तो कैसे गुजरें क्योंकि वहाँ कोई फुटपाथ नहीं है जिसके बगल में आप उस पानी से बच सकते हैं और यह गीला पानी उस सड़े हुए पानी को पीने के लिए मजबूर है , जिससे बहुत सारी समस्याएं होती हैं । ग्रामीणों का कहना है कि कई बार हम यहां से गुजरते हैं और उसमें गिरकर घायल भी हो जाते हैं । अगर हम चलते भी हैं और पानी का छिड़काव होता है , तो दूसरा वाहन गुजरता है , फिर पानी हम पर और कभी - कभी हमारे लोगों पर गिरता है , लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि गड्ढामुक्त सड़कों के नाम पर शुरू किया गया अभियान कहीं न कहीं सच साबित हो रहा है । जिसकी वजह से यहां बार - बार गलतियां हो रही हैं और लोग एक - दूसरे को दोष दे रहे हैं , लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर शहर के इलाके में बनी सड़कें या उस पर बनी सड़कें कैसे टूटती , पानी से लथपथ और गीली रहतीं , और लोग उस पर गिरेंगे और चोटिल होते रहेंगे ।

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