छात्रों में रचनात्मक विकास,जिज्ञासा का विकास,बच्चों को स्वतंत्र रूप से निर्णय लेने,समस्याओं का अंदाजा लगाने व तर्कशीलता को बढ़ावा देने की समझ को विकसित करने के उद्देश्य से विकास खण्ड कड़ा के सौरई बुर्जुग में स्थित कम्पोजिट विद्यालय में मंगलवार को छोटे छोटे समूहों के माध्यम से सिखाने का प्रयास किया गया।।बेसिक शिक्षा विभाग में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत बच्चों को परस्पर एक दूसरे से सीखने समझने के लिए विद्यालय स्तर पर प्रयोग करने के निर्देश दिए हैं। कार्यक्रम संयोजक शिक्षक अजय साहू ने बताया कि इस प्रक्रिया में बच्चो को छोटे छोटे समूहों में बांटकर काम करने के लिए परस्पर प्रेरित किया गया। इससे प्रथम दिन ही उनमें सहयोग की भावना का विकास देखा गया। कार्यक्रम में बालिका वर्ग को प्रेरित करने वाली शिक्षिका राठौर शशि देवी ने बताया को किसी भी विषय मे अच्छी समझ रखने वाले विद्यार्थी को उसी विषय मे कम समझ रखने वाले विद्यार्थी के एक मेंटर के रूप में भी तैयार करने का प्रयोग किया गया। विद्यालय के प्रत्येक शिक्षकों द्वारा ऐसा प्रयोग प्रत्येक कक्षाओं में शुरुआत करने से छात्रों में एक नई चहल पहल रही व अभिभावकों द्वारा प्रयोग की सराहना की गई।