कौशाम्बी।दोआबा में सोमवार से मौसम ने यू टर्न लिया और सर्दी का सितम शुरू हो गया। जिन लोगों ने अभी तक अपने जैकेट और स्वेटर आलमारी में रखे थे वह बाहर निकल आए और पहनना शुरू कर दिया। लेकिन ठंड के इस मौसम में प्रयागराज से कानपुर चलने वाले लीडर रोड डिपो की सरकारी बसों में कुछ भी नही बदला है। वह अभी टूटे हुए शीशों या बिना खिसकने वाले शीशों, टूटे हुए गेट के सहारे ही चल रही है। इसमें बैठे हुए यात्रियों को ठंड से बचने के लिए कोई रास्ता नही बल्कि और सर्द भरी तेज हवाओं को यात्रियों को झेलना पड़ रहा है। बसों की इस दयनीय दशा का हाल न ही डिपो को समझ में आ रहा है और न ही परिवहन विभाग की यह दिखाई दे रहा है। यात्री बस का पूरा किराया देने के बाद भी सर्द हवाओं के थपेड़ों को सहते हुए किसी तरह अपनी यात्रा पूरी करता हैं। अब यह अलग बात है की इस यात्रा से वह ठंड लगने अस्वस्थ होने की स्थिति में पहुंच जाता है। लेकिन इन यात्रियों को इस दुर्दशा को देखने वाला कोई नहीं है। विभाग को भी टिकट के माध्यम से पैसा आ ही रहा है तो क्यों बस को बनवाने में खर्च हो। मंगलवार को सैनी बस स्टाप पर आई रोडवेज के कुछ यात्रियों से बातचीत की गई जिन्होंने ठंड से झेलने की अपनी व्यथा सुनाई। बसों के शीशे टूटे हुए जिसके कारण यात्रा करने के दौरान बड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।