यह घोटाला आपके दिमाग को कुछ दिन पहले उड़ा देगा जब चेन्नई की केंद्रीय अपराध शाखा ने चंद्र बोस नाम के एक संदिग्ध को गिरफ्तार किया था । ऐसा ही एक चौंका देने वाला शिविर जो आपके दिमाग को हिला देगा , वह यह है कि चंद्र बोस यू . के . से एम . बी . ए . की पढ़ाई करने के बाद चेन्नई आए थे । चंद्र बोस बिना किसी की अनुमति के अपना बैंक चलाना चाहते थे । खास बात यह है कि चंद्र बोस ने धीरे - धीरे चेन्नई में बैंक की आठ और शाखाएं खोलीं और उन्हें चलाना भी शुरू कर दिया । आर . बी . आई . कह रहा था कि प्रमाणित है , इसलिए लोगों ने बैंक में एक खाता भी खोला , और चंद्र बोस ने अपनी बैंक पासबुक स्टाम्प वाई . टी . फॉर्म और श्री के बीच जमा राशि रखी । आपको चंद्र बोस की चालाकी का अंदाजा इस बात से लग सकता है कि चंद्र बोस ग्राहक से क्रेडिट कार्ड फॉर्म भरते थे और वे आईसीआई बैंक का क्रेडिट कार्ड भरते थे और जब क्रेडिट कार्ड आते थे तो उस क्रेडिट कार्ड से बैंक का नाम हटा दिया जाता था ।

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साइबर क्राइम पुलिस ने मोबाइल लूट कर पैसा ट्रांसफर करने वाले को किया गिरफ्तार

सरकारी संस्था आईसीएमआर के डाटाबेस में सेंध लगाकर चुराया गया 81 करोड़ लोगों का डाटा इंटरनेट पर बिक्री के लिए उपलब्ध है। लीक हुए डाटा में लोगों के आधार कार्ड से जुड़ी जानकारी, पासपोर्ट, नाम, फ़ोन नंबर, पते सहित तमाम निजी जानकारियां शामिल हैं। यह सभी जानकारी इंटरनेट पर महज कुछ लाख रुपये में ऑनलाइन बिक्री के लिए उपलब्ध है। इसे डाटा लीक के इतिहास का सबसे बड़ा डाटा लीक कहा जा रहा है, जिससे भारत की करीब 60 प्रतिशत आबादी प्रभावित होगी।