वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के हॉस्टलों में दूध बेचकर बिना मां बाप का बेटा चार बार नेट और जेआरएफ की परीक्षा में सफलता पाने के बाद नागपुर एम्स की परीक्षा में पहले रैंक पर सफल हुआ।जिसके पीछे संघर्षों भरा जीवन है। बता दें कि सरायख्वाजा थाना क्षेत्र के कुकुङीपुर गांव का साधारण कृषक परिवार से विनोद यादव रहे। दुर्भाग्य बस बचपन में माता-पिता का निधन हो गया। आर्थिक कठिनाइयों के कारण व पूर्वांचल विश्वविद्यालय की छात्रावास में दूध बेचकर गुजारा करने लगे। इस दौरान व्यावसायिक अर्थशास्त्र विभाग के प्रो0 विक्रम देव आचार्य से विनोद की मुलाकात हुई। इनके जरिए इनके शिष्य पंकज त्रिपाठी से विनोद का संपर्क हुआ और पंकज त्रिपाठी ने विनोद की प्रतिभा को देखते हुए उन्हें अपने गृह जनपद आजमगढ़ ले जाकर हाई स्कूल इंटर की पढाई पूरी कराई । राज कॉलेज से स्नातक की परीक्षा प्रथम श्रेणी करने के बाद विनोद ने पतंजलि विश्वविद्यालय हरिद्वार से योग की शिक्षा प्राप्त की। विनोद चार बार नेट और जेआरएफ में सफलता मिली। इसके बाद नागपुर एम्स की परीक्षा मे प्रथम रैक में पास किया और नागपुर एम्स मे विनोद का चयन हो गया। इनके सफलता पर प्रो0 विक्रम देव आचार्य व भाई सुदर्शन यादव से लोगों ने मिलकर बधाई दी। विनोद यादव ने कहा कि सफलता हासिल करने की लक्ष्य निर्धारण करना होता है तभी किसी मुकाम पर सफलता पाई जा सकती है।