उत्तरप्रदेश राज्य के जौनपुर ज़िला से प्रखर सिन्हा ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि 1960 के दशक में ऐसा ही होता था कि जब गरीब बच्चे पेट भरने के लिए काम करते थे । तमिलनाडु के तत्कालीन मुख्यमंत्री के. कामराज तिरुनेलवेली ज़िला का दौरा कर रहे थे उस दौरान उन्होंने अचानक एक रेलवे क्रॉसिंग के पास एक बच्चे को गाय चलाते हुए देखा और बच्चे से पूछा , " आप पढ़ाई करने के बजाय गाय क्यों चरा रहे हैं ? इस पर बच्चे ने कहा कि अगर मैं स्कूल जाऊंगा तो क्या आप मुझे पेट भरने के लिए खाना देंगे ? मैं तभी पढ़ाई कर पाऊंगा जब मेरा पेट भरा होगा । इस जवाब ने मुख्यमंत्री पर गहरा प्रभाव डाला क्योंकि कम उम्र में ही पिता की मृत्यु के बाद मुख्यमंत्री को घर चलाने के लिए पढ़ाई छोड़नी पड़ी , इसलिए इस समस्या को हल करने के लिए उन्होंने सरकार के साथ मिलकर 1955 में मिड डे मील की शुरुआत की।