जैसा की आपको पता है की बच्चों के पेट में होने वाले कृमि संक्रमण को रोकने के लिए प्रदेशभर में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस अभियान चलाये जा रहे है जिससे बच्चे स्वस्थ्य और सुरक्षित रहे। हर साल 10 फरवरी को भारत राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस मनाता है।इस दिन सभी आँगनबाड़ी केन्द्रो , सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रो पर एवं सभी प्राथमिक व उच्च माध्यमिक स्कूलों में 1 से 14 वर्ष तक के बच्चों में कीड़ों के असर को खत्म करने की दवा खिलायी जाती है। देश भर में बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार और कृमि मुक्ति के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए उठाया गया यह एक सराहनीय कदम है। दोस्तों हर वर्ष की भाँति इस वर्ष भी कृमि रोग के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए एक खास थीम बनाई गयी है.,इस साल यानी 2024 की थीम है “एसटीएच हटाएं: बच्चों के स्वस्थ भविष्य में निवेश करें”। यह थीम देश को कृमि मुक्त कैसे करें,यह समझने में मदद करने के लिए बनायीं गई है। कृमि रोग बच्चों में होने वाली गंभीर स्वास्थ्य समस्या है जो बच्चो के मानसिक और शारीरिक विकास को प्रभावित करता है। इसलिए आइये हम सब मिलकर एक संकल्प ले और इस अभियान का हिस्सा बन कर देश को कृमि मुक्त बनाये और बच्चों के भविष्य को सुंदर बनाये और सुरक्षित करें। मोबाइल वाणी परिवार की और से आप सभी श्रोताओं को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस की बहुत बहुत शुभकामनाएं

नमस्कार दोस्तों जैसा की आपको पता ही है कि हर साल दुनियाभर में 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है। इस दिन का मकसद है लोगों को कैंसर बीमारी के प्रति जागरूक कर, इस बीमारी को मात देना है। हर साल कैंसर डे पर नई थीम जारी की जाती है। जिसका उद्देश्य हैं, कैंसर के लक्षण और बचाव के लिए लोगों को जानकारी देना। हर साल की तरह इस साल भी वर्ल्ड कैंसर डे की थीम "कैंसर केयर गैप को कम करें" है. हम जानते हैं कि हममें से हर एक में बदलाव लाने की क्षमता है, चाहे बड़ा हो या छोटा, साथ मिलकर हम कैंसर के वैश्विक प्रभाव को कम करने में कामयाबी हासिल कर सकते हैं. इस 4 फरवरी को हम आपसे, चाहे आप कहीं भी हों, कैंसर मुक्त दुनिया बनाने में अपनी भूमिका निभाने का आह्वान करते हैं. आशा करते है कि आप सब कैंसर दिवस पर सभी के साथ हौसला बढ़ाएंगे और कैंसर के खिलाफ हमारी लड़ाई को और भी मजबूत करेंगे।इसी उम्मीद के साथ मोबाइल वाणी परिवार की और से आप सभी को विश्व कैंसर दिवस की शुभकामनाये।

अमौली/फतेहपुर सरकार द्वारा गौवंशों को संरक्षित रखने के लिए प्रत्येक जिले में गौशालाओं का निर्माण उनके खान पान की व्यवस्था के लिए शासन द्वारा करोड़ों का बजट भी अवमुक्त किया जा रहा है।लेकिन जिम्मेदारो की मनमानी व खाऊ कमाऊ नितियों के चलते गौवंशों के खान पान की व्यवस्था के लिए अवमुक्त बजट का आपस में बंदर बाट कर कागजी आकड़ो तक सीमित कर दिया जाता है।जिससे गौवंशों की स्थिति बद से बदतर हो चुकी है।गौशाला में कैद मवेशी भूख और ठण्ड से तड़प रहे है।ऐसा ही एक मामला अमौली विकास खण्ड के बुढ़वा ग्राम पंचायत गौशाला का प्रकाश में आया है।जहाँ मवेशियों को हाड़ कपाती ठण्ड से सुरक्षित रखने के लिए न तो कोई समुचित व्यवस्था है।और ना ही खाने के लिए हरे चारे के लिए पर्याप्त व्यवस्था है।जिसकी वजह से गो वंश भूख से व्याकुल होकर कंकाल में तब्दील हो रहे है। इसके बावजूद भी जिम्मेदारो के कानों में गौशाला में व्याप्त अनियमितताओ को दूर करने के लिए कानों में जू नही रेंगी है। ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए बताया गौवंशों की समुचित व्यवस्था न करके केवल कागजों में पेट भरा दिखाकर अवमुक्त बजट का केवल बंदरबाट किया जा रहा है। जिन्होंने गोवंशों की जिम्मेदारों द्वारा सही से देख रेख न कराये जाने का आरोप भी लगाया है।ग्रामीणों ने गोवंशों की दुर्दशा के लिए जिम्मेदार ग्राम प्रधान व सचिव समेत विकास खण्ड अधिकारियों को भी दोषी ठहराते हुए उनकी कथनी करनी में बड़ा फर्क बताया है। इस बावत खण्ड विकास अधिकारी विपुल विक्रम सिंह ने बताया प्रत्येक गोवंश के लिए पच्चास रुपए सरकार से खान पान के लिए आते है।और ठण्ड से बचाव के लिए गोशालाओं में अलाव की व्यवस्था की गयी है जिसकी फ़ोटो प्रतिदिन हमारे पास आती है।

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