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"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ कपिलदेव शर्मा ,रबी फसलों में खरपतवार प्रबंधन की जानकारी दे रहे है। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें...

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उत्तरप्रदेश राज्य के फतेहपुर जिले के जनपद में अवशेष निराश्रित गोवंशो को शत प्रतिशत संरक्षित किये जाने व भरण पोषण के संबंध में किये जा रहे प्रभावी कार्यों को लेकर शासन स्तर से जनपद हेतु नामित नोडल अधिकारी राजेश कुमार प्रजापति विशेष सचिव कृषि उत्पादन आयुक्त शाखा ने शुक्रवार को गौशाला कौडिया, गौ आश्रय स्थल शिवराजपुर एवं गौ आश्रय स्थल रावतपुर का निरीक्षण किया। गौ आश्रय स्थल कौड़िया में गोवंशों की संख्या 195 पायी गयी जिनमें से 62 नर एवं 133 मादा गौवंश संरक्षित है। ठंड से बचाव हेतु तिरपाल लगाया गया है। पशु चिकित्साधिकारी ने अवगत कराया कि तीन अस्वस्थ गोवंशों की चिकित्सा उपचार कक्ष में की गयी है। फंड पूलिंग से 110000 प्राप्त होना अवगत कराया गया। ग्राम विकास अधिकारी को निर्देशित किया गया कि प्रकाश हेतु सोलर पैनल एवं गौशाला में बाउंड्री बनवाने हेतु विधायक निधि/क्षेत्र पंचायत से कार्य हेतु प्रस्ताव कराये एवं हरा चारा उत्पादन हेतुसंबद्ध भूमि में तार फेन्सिंग करायी जाये। गौशाला में तीन गौपालक उपस्थित मिले। साफ-सफाई हेतु कड़ाई से निर्देश दिए गए। गौ आश्रय स्थल शिवराजपुर में 580 गौवंश संरक्षि किये गये है जिनके लिये कुल 06 शेड निर्मित है। गौशाला परिसर में 02 तालाब बने हुये है। आय अर्जन हेतु तालाब में मछली पालन का कार्य भी किया जा रहा है। भरण-पोषण हेतु भूसा, दाना की पर्याप्त व्यवस्था है तथा स्वच्छ पेयजल हेतु पम्प हाउस का निर्माण कराया गया है एवं सभी चरही एवं तालाब में पम्प से पानी भरा जाता है। गौशाला में 15 गौपालक कार्य कर रहे है। गौवश को ठण्ड से बचाव हेतु सभी शेडो में तिरपाल लगाया जाये एवं गैशाला को स्थायी/वृहद बनवाये जाने हेतु प्रस्ताव शासन को भेजा जाये। गौ आश्रय स्थल रावतपुर में 407 गौवंश संरक्षित किये गये है। गौशाला में भूसा 150 कुंतल पशुआहार 35 कुंतल मिला। 08 गौपालक कार्य कर रहे है। गौशाला में हरा चारा उत्पादन हेतु नेपियर घास लगायी गयी है। निर्देशित किया गया कि कुल संबद्ध 6.4 हे0 भूमि में हरा चारा हेतु बुआई करायी जाये। गौशाला में एक शेड निर्माणाधीन है जिसमें टीन शेड नही लगाया गया है। ग्राम पंचायत अधिकारी को निर्देशित किया कि रोड का कार्य तत्काल पूर्ण कराया जाये एवं गौशाला परिसर में विभिन्न स्थानो पर गोबर के ढेर लगाया गया है जिन्हे एक स्थान पर एकत्रित करने हेतु तथा साफ सफाई कराने एवं नर-मादा गोवंश को प्रथक करने के लिये निर्देशित किया गया। इस मौके पर डा. नवल किशोर, मुख्य पशुचिकित्साधिकारी एवं जिला पंचायतराज अधिकारी एवं गौशालाओं से सम्बन्धित अधिकारी, कर्मचारी उपस्थित रहे।

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फतेहपुर। जिलाधिकारी सी. इंदुमती की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय कार्यकारी समिति द्वारा गॉंधी सभागार कलक्ट्रेट में 10000 से अधिक अनुदान वाले समस्त कृषि यंत्रों/कृषि रक्षा उपकारणों के लाभार्थियों का चयन मॉकपॉल कराने के उपरान्त उपस्थित कृषकों द्वारा संतुष्ट होने के उपरान्त जिलाधिकारी की अनुमति से ई-लाटरी के माध्यम से कराया गया। जनपद के कुल 13 विकास खण्डों में लक्ष्य के अनुरूप विकास खण्डवार विभिन्न प्रकार के कृषि यंत्रों के लिये कृषक चयन हेतु कुल 67 चक्रों में ई-लाटरी के माध्यम से चयन किया गया। जिसमें रोटावेटर, हैरो, कल्टीवेटर, पोटैटो डिगर, कम्बाइन हार्वेस्टर, लेजर लैण्ड लेवलर, पोटैटो प्लाटन्टर, राइस मिल, कल्टीक्राप थ्रेसर, कस्टम हायरिंग सेंटर, थ्रेसिंग फ्लोर, स्माल गोदाम आदि पर अनुदान के लिये आवंटित लक्ष्य के सापेक्ष लाभार्थियों का चयन निर्विवाद रूप से पूर्ण पारदर्शिता के साथ सम्पन्न हुआ और लक्ष्य के सापेक्ष ई-लाटरी के माध्यम से 50 प्रतिशत कृषकों की प्रतीक्षा सूची भी तैयार की गयी है। मौके पर उपस्थित किसानों में से कई किसानों का चयन ई-लाटरी में होने पर प्राप्त विभागीय चयन का संदेश उनके मोबाइल पर मिलने से किसानों में खुशी का माहौल देखने को मिला। किसानों द्वारा ई-लाटरी प्रक्रिया की सराहना भी की गयी। कृषि विभाग द्वारा चयनित कृषकों को कृषि यंत्र मानक के अनुरूप खरीदने एवं स्थलीय सत्यापन के उपरान्त डीबीटी के माध्यम से अनुदान की धनराशि सम्बन्धित किसानों के खाते में भेजी जायेगी। इस दौरान ई-लाटरी के समय जिले के नोडल अधिकारी उप कृषि निदेषक (कृषि रक्षा) प्रयागराज मण्डल प्रयागराज एवं समिति के सदस्य उप कृषि निदेषक, जिला कृषि अधिकारी, जिला उद्यान अधिकारी, एलडीएम, जिला सूचना विज्ञान अधिकारी, प्रगतिशील कृषक, सेल्फ हेल्प ग्रुप के प्रतिनिधि सहित विभिन्न विकास खण्डों के यंत्र बुकिंग करने वाले किसान उपस्थित रहे।

फतेहपुर। हसवा विकास खंड क्षेत्र के अन्तर्गत थरियावं कृषि विज्ञान केंद्र एवं शहर में किसान मेला एवं कृषि प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। जहाँ किसान मेले का उद्घाटन मुख्य अतिथि कानपुर कुलपति चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के डॉ आनंद कुमार सिंह ने फीता काटकर किया गया तत्पश्चात मेले में 20 तकनीकी आधारित लगाई गई प्रदर्शनी के विभिन्न स्तरों का अवलोकन किया। उन्होंने बड़ी रुचि से प्रदर्शनी में लगाई गई सामग्रियों के बारे में जानकारी लिया। मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथियों ने दीप प्रज्जवलन करके मेले का शुभारंभ किया। केंद्र प्रभारी अधिकारी डा. साधना वैश ने केंद्र की विभिन्न उपलब्धियांे पर विस्तार से किसानों को जानकारी दिया। निदेशक प्रसार डा. आरके यादव ने संतुलित खेती पर चर्चा करते हुए किसानों को बताया कि मृदा में जैव कार्बन की मात्रा बहुत कम हो चुकी है। इसको सुधारना अति आवश्यक है। निदेशक शोध डा. पीके सिंह ने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा निर्गत सब्जी की प्रजातियों के संरक्षित खेती द्वारा प्याज शिमला मिर्च आदि की खेती कर अधिक लाभ कमाया जा सकता है। यह भी बताया कि विश्वविद्यालय जनपद की कृषि प्रस्तुति के अनुसार नवीन प्रजातियां निकल रहा है। निदेशक बी एवं प्रक्षेप डा. विजय कुमार यादव ने बताया कि बीज उत्पादन एक समूह बनाकर किया जाए। जिससे बीज का स्वावलंबन आ सके। अल्ट्राटेक कृषि संकाय डा. मौर्य ने कहा कि मृदा स्वास्थ्य हेतु बाकी गोबर की खाद हरी खाद आदि का उपयोग करते हुए सुरक्षित एवं स्वस्थ्य उत्पादन लिया जा सकता है। मुख्य अतिथि डा. आनंद कुमार सिंह ने किसानों को बताया कि जिले की कृषि परिस्थिति ऐसी है कि जिसमे विभिन्न फसल प्राणली अपनाई जा सकती है। जनपद में धान एवं गेंहू की अधिक उत्पादन लेने से निरंतर मृदा सवस्थ्य में गिरावट आ रही है। मृदा उर्वता के साथ मानव स्वास्थ्य भी सुरक्षित रहे। मेला में अधिक सख्या में उपस्थित महिलाओं से उन्होने कहा कि पोशक रसोई बागवानी तैयार करें। नियमित भोजन में शामिल करें। मृदा स्वास्थ्य एवं टिकाऊ खेती पर विशेष चर्चा किया। किसानों से कहा कि खेती में विज्ञान शामिल करते हुए आय्ा परक खेती करें। निरंतर वैज्ञानिकों से सम्पर्क रखें। अंत में कृषी विज्ञान केन्द्र पर स्थापित इकाइयो, सीड हब, क्राप कैफेटेरिया, प्रक्षेत्र का भ्रमण किया। मेला का संचालन डा. जितेन्द्र सिंह, डा. संजय पाण्डेय ने किया। मेला के सफल आयोजन में केन्द्र के विवेक दुबे, घनश्याम, वसीम खान, शैलेंद्र बाजपाई उपस्थित रहे।