दोस्तों, मोबाइलवाणी के अभियान क्योंकि जिंदगी जरूरी है में इस बार हम इसी मसले पर बात कर रहे हैं, जहां आपका अनुभव और राय दोनों बहुत जरूरी हैं. इसलिए हमें बताएं कि आपके क्षेत्र में बच्चों को साफ पानी किस तरह से उपलब्ध हो रहा है? क्या इसमें पंचायत, आंगनबाडी केन्द्र आदि मदद कर रहे हैं?आप अपने परिवार में बच्चों को साफ पानी कैसे उपलब्ध करवाते हैं? अगर गर्मियों में बच्चों को दूषित पानी के कारण पेचिस, दस्त, उल्टी और पेट संबंधी बीमारियां होती हैं, तो ऐसे में आप क्या करते हैं? क्या सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों से बच्चों का इलाज संभव है या फिर इलाज के लिए दूसरे शहर जाना पड रहा है? जो बच्चे स्कूल जा रहे हैं, क्या उन्हें वहां पीने का साफ पानी मिल रहा है? अगर नहीं तो वे कैसे पानी का इंतजाम करते हैं?

दोस्तों, एक बार फिर से उन्हीं दिनों को जीने की कोशिश करते हैं अपने बच्चों के संग उनके बचपन को एक त्यौहार की तरह मनाते हुए हंसते हुए, खेलते हुए, शोर मचाते बन जाते हैं उनके दोस्त और जानने की कोशिश करते हैं इस बड़ी सी दुनिया को उनकी आंखों से | घर और परिवार ही बच्चों का पहला स्कूल है और माता पिता दादा दादी और अन्य सदस्य होते हैं उनके दोस्त और टीचर हो. साथ में ये भी कि बच्चों के दिमाग का पचासी प्रतिशत से अधिक विकास छह वर्ष की आयु तक हो जाता है.

साथियों, हमें बताएं कि क्या आपके क्षेत्र के सरकारी जिला अस्पतालों, उपस्वास्थ्य केन्द्रों, स्वास्थ्य केन्द्रों, आंगनबाडी में पानी की कमी है? क्या वहां प्रशासन ने पानी की सप्लाई व्यवस्था दुरूस्त नहीं की है? अगर अस्पताल में पानी नहीं मिल रहा है तो मरीज कैसे इलाज करवा रहे हैं? क्या पानी की कमी के कारण बीमार होते हुए भी लोग इलाज करवाने अस्पताल नहीं जा रहे? या फिर आपको अपने साथ घर से पानी लेकर अस्पताल जाना पड़ रहा है? अपनी बात अभी रिकॉर्ड करें, फोन में नम्बर 3 दबाकर.

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फतेहपुर देवमई,।दो माह का राशन वितरण न करने पर पात्र लाभार्थी महिलाओं ने क्षेत्र के दिलावरपुर स्थित आंगनबाड़ी केंद्र में जमकर हंगामा काटा। महिलाओं ने आरोप लगाया कि सितम्बर माह के बाद अक्टूबर व नवम्बर में राशन का वितरण आंगनबाडी केंद्र नहीं किया गया। सोमवार को क्षेत्र के दिलावलपुर आंगनबाड़ी केंद्र पर होने वाले राशन वितरण के दौरान कम राशन दिए जाने का आरोप लगाकर महिलाओं ने हंगामा काटा। राशन लेने पहुंची महिलाओं का आरोप था कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संग सहायिक द्वारा विभागीय मिलीभगत के चलते उनके हिस्से दो माह का राशन डकार लिया गया है। नेहा, अंशुईया, सरिता, शशी, उर्मिला आदि ने आरोप लगाते हुए बताया कि सितम्बर माह के बाद सीधे दिसम्बर माह में राशन का वितरण किया जा रहा है। जबकि अक्टूबर व नवम्बर के राशन का वितरण नहीं किया गया है। वहीं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मंजू ने बताया कि जितना राशन मिलता है उसका शत प्रतिशत वितरण किया जाता है। उन्होंने हंगामा करने वाली महिलाओं को समझाने-बुझाने का प्रयास किया। जबकि बीडीओ सुषमा का कहना है कि राशन कटौती के बावत जानकारी की जाएगी यदि दो माह के की कटौती का मामला सही पाया जाता है तो स्पष्टीकरण मांगा जाएगा। वहीं सीडीपीओ अर्जुन सिंह ने बताया कि अक्टूबर माह का राशन वितरण कराया जा रहा है। नवम्बर माह का राशन केंद्र में प्राप्त होने पर उसका वितरण कराया जाएगा।

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