सुनिए जेंडर हिंसा के खिलाफ चलने वाले इस कार्यक्रम, 'बदलाव का आगाज़', में आज सुनिए पतोत्री वैद्य जी को, जिनका कहना है युवाओं की सोच में एक नई उम्मीद और दृष्टिकोण है जो समाज में जेंडर के खिलाफ होने वाली हिंसा को रोकने के लिए सक्रिय रूप से उतर रहा है। युवा समझते हैं कि जेंडर परिवर्तन का मतलब सिर्फ नारा नहीं है, बल्कि सोच और आदतों में भी बदलाव लाना है।अब आप हमें बताएं कि जेंडर आधारित हिंसा के खिलाफ आप क्या सोच रहे हैं और इसे खत्म करने के लिए क्या कोशिश कर रहे हैं? अपने विचार और सुझाव हमें बताएं अपने फ़ोन में नंबर 3 दबाकर

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यह कहानी एक लड़की की साहस और संघर्ष की है, जिसने अत्याचार को मात दिया और नये जीवन की धारा चलाई। मायके का साथ बना उसका सहारा, बेटे को बड़ा किया सच्चाई की पुकार से। उमा ने सिखाया, हिंसा से ना डरो, आगे बढ़ो, सपनों को हकीकत में बदलो। आपको लगता है कि उमा ने अपने जीवन में सही निर्णय लिया था, जब वह अपने परिवार के खिलाफ खड़ी हुई थी? उमा की कहानी आपको कैसे प्रेरित करती है और आपके विचारों में समाज में इस तरह की स्थितियों पर सहायता और बदलाव कैसे लाया जा सकता है?

घरेलू हिंसा के मुक़दमे में सुलह न करने पर पत्नी को दिया तीन तलाक . फतेहपुर। घरेलू हिंसा के मुकदमे में सुलह न करने पर पत्नी को पीटकर तीन तलाक दे दिया। महिला ने पति और देवर के खिलाफ तीन तलाक का मुकदमा दर्ज कराया है। पति का पासपोर्ट जब्त करने की मांग की है। सदर कोतवाली क्षेत्र के खेलदार मोहल्ला निवासी अब्दुल रहीम की पुत्री शाहीन का निकाह 26 जनवरी 2006 को हसवा कस्बा के चौधराना मोहल्ला निवासी शब्बीर अहमद के साथ हुआ था। शाहीन का आरोप है कि शादी के बाद ने ससुरालीजन मारपीट कर प्रताड़ित करने लगे। उसने 2009 में ससुरालियों के खिलाफ दहेज में उत्पीड़न और घरेलू हिंसा का नाल मुकदमा दाखिल किया। पति सऊदी अरब में गैराज संचालक है। वह एक माह पहले सउदी से लौटा है। वह अपने भाई कफील के साथ दो दिसंबर को दोपहर घर आए। घरेलू हिंसा का मुकदमा वापस लेने की धमकी देने लगे। मना करने पर गाली-गलौज और जान से मारने की धमकी देकर पति ने तीन बार तलाक बोल दिया। कहा कि वह कुछ दिन में विदेश चला जाएगा। उसका कुछ नहीं होगा। पति ने एक और शादी छिपाकर की है। उसकी 14 वर्षीय पुत्री है। विदेश जाने से रोकने और पासपोर्ट जब्त कर कार्रवाई की मांग की है। कोतवाल एसबी सिंह ने बताया कि मुकदमा दर्ज किया गया है। जांच की जा रही है। जल्द ही आरोपियों को पकड़ा जाएगा।

अतिरिक्त दहेज़ में पांच लाख रुपया और बुलेट बाइक की मांग पूरी न होने पर पति ने गर्भवती पत्नी की पिटाई कर तीन तलाक दे दिया। पिटाई से महिला के गर्भपात हो गया। मामले में एसपी के आदेश पर पुलिस ने पति समेत आठ ससुरालियो के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की हैं। पुलिस मामले की जाँच कर रही हैं। सुल्तानपुर थाना क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली महिला ने बताया कि उसकी शादी 16 जुलाई 2023 को सदर कोतवाली क्षेत्र के nai5बस्ती आबूनगर निवासी मो दानिश से हुई थी। में एसपी के आदेश पर रिपोर्ट दर्ज की गई है।*

सुनिए जेंडर हिंसा के खिलाफ चल रहे हमारे इस कार्यक्रम बदलाव का आगाज़ में आज यशस्विनी जी ने उन कानूनों के बारे में बताया जो इस मामले में पीड़ित की मदद कर सकते हैं और बताए उन संगठनों की नाम जो जेंडर-आधारित हिंसा के मामलों में लोगों को कानूनी प्रक्रिया में सहायता करते हैं। आपके विचार में, समाज में जेंडर हिंसा के खिलाफ बदलाव के लिए सबसे बड़ी जरूरत क्या है? जेंडर हिंसा के खिलाफ लड़ाई में कानून कितना महत्वपूर्ण है? क्या आपने कभी जेंडर हिंसा के खिलाफ किसी की मदद की है?

पत्नी ने डीएम से पति के खिलाफ की शिकायत फतेहपुर। सदर कोतवाली क्षेत्र के मिट्ठनपुर की रहने वाली रामादेवी पत्नी रंजीत प्रसाद ने जिलाधिकारी के नाम दिए शिकायती पत्र में कहा की जब वह अपने प्लाट में आवासीय कॉलोनी बनवा रही थी, तभी उसका पति उसे काम करने से रोक दिया और बेवजह परेशान कर रहा है जबकि प्लाट पीड़िता के नाम है।उसने यह भी बताया की सन 2013 से उसके पति ने उसे मारपीट कर घर से बाहर निकाल दिया और दूसरी शादी कर लिया जिसके साथ वह रह रहा है। जबकि अभी तक ना तो उससे तलाक हुआ है और ना ही उसे किसी प्रकार का हर्जाना मिल रहा है। जबकि घरेलू हिंसा का मुकदमा चल रहा है।रामादेवी ने यह भी बताया की उसके पति का एक विद्यालय भी चल रहा है जिसमें 1 से 5 तक की मान्यता भी है। जिसकी प्रबंधक वह स्वयं थी। लेकिन कुछ सदस्यों के फर्जी हस्ताक्षर बनाकर विद्यालय से उसे बेदखल कर दिया गया। पीड़िता ने जिला अधिकारी से मांग किया है की उसके पति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करें क्योंकि पहली पत्नी के रहते हुए वह दूसरी शादी कानूनी नहीं कर सकता। लिहाजा उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई किया जाए और उसे न्याय दिया जाए।

जेंडर हिंसा के खिलाफ चल रहे हमारे इस कार्यक्रम बदलाव का आगाज़ में आज सुनिए यशस्विनी जी को, जो जेंडर आधारित हिंसा पर कानूनी मामलों की जानकार हैं। यशस्विनी जी का कहना है कि अगर हिंसा है तो उसे करने वालों के खिलाफ कार्रवाई का कड़ा प्रावधान भी है. बस जरूरत है तो... कदम बढ़ाने की!

दोस्तों, लिंग आधारित हिंसा के खिलाफ सक्रियता के 16 दिन पूरे होने हो हैं... लेकिन हमारा अभियान बदलाव का आगाज जारी है... इस कार्य क्रम में हमने बीते कुछ दिनों में बहुत सी कहानियां सुनी...इन सभी ने हमें प्रेरित भी किया और सोचने पर मजबूर भी...! सोचना ये है कि आखिर कैसे लिंग और पहचान, ऊँच और नीच, अमीर और गरीब, रंग और भेद के नाम पर हिंसा के इस क्रम को रोका जा सकता है..? अगर आपके पास जवाब है तो जरुर रिकॉर्ड करें. साथ ही अपने आसपास से ऐसी और भी कहानियां लेकर हमारे पास आएं... अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए फोन में अभी दबाएं नम्बर 3.

जेंडर हिंसा के खिलाफ 16 दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम, 'बदलाव का आगाज़', में आज सुनिए लोक लाज के बंधन में बंधी यह महिला जो दहेज के लोभियों के हाथों घरेलू हिंसा की सज़ा झेल रही थी, और आखिर में इसके खिलाफ उठाया उन्होंने एक कदम।