भोगलपुर में सामाजिक समरसता कार्यक्रम का आयोजन वस्त्र वितरण सहित हुआ कन्याभोज भोगलपुर में सामाजिक समरसता कार्यक्रम का आयोजन वस्त्र वितरण सहित हुआ कन्याभोज विश्व हिन्दू परिषद सामाजिक समरसता कानपुर प्रांत के बैनर तले खागा जिला की विजयीपुर प्रखण्ड के भोगलपुर गांव में समरसता यज्ञ, समरसता गोष्ठी समरसता भोज, समरसता वस्त्र वितरण कार्यक्रम संपन्न हुआ जहां हजारों गरीब परिवार के भाई बहन और संगठन के पदाधिकारी मौजूद रहे कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए प्रांत समरसता प्रमुख डाक्टर शिव स्वरुप विश्वकर्मा ने कहा आज के दिन भीष्म पितामह को मोक्ष प्राप्त हुई इसी दिन राजा सगर के 60 हजार पुत्रो को मोक्ष प्राप्त हुई इसी दिन सूर्य अपने पुत्र शनि देव से मिलने गए इसी दिन से गर्मी की शुरुवात होने लगती है और किसान भी अपनी फसल काटने लगते हैं दोस्तों हम आप सब को समरस बनना पड़ेगा खिचड़ी का यह त्यौहार आपस में मिलाने का है क्योंकि हम आप सब ईश्वर की बनाई संतान है और यहां मानव की कोई जाति नहीं होती अगर होती है तो वह नर और नारी की हर पढ़ा लिखा इंसान पंडित है और हर अनपढ़ इंसान शुद्र है कहा भी गया है जन्म जायते शुद्रह संस्कारत द्वय उच्चते अर्थात जन्म से हर व्यक्ति शुद्र पैदा होता है लेकिन वह संस्कारों यानी शिक्षा दिक्षा पठन पाठन है ब्राम्हण बनता है अतः संस्कार वान हर व्यक्ति ब्रह्मण होता है और कु संस्कारी व्यक्ति चाहे जिस घर में पैदा हुआ हो वह धूर्त ही होता है अतः हर मानव को शिक्षा ग्रहण करने का अधिकार है और वह पूजा पाठ भी कर सकता है जो समाज को छुआ छूत ऊंच नीच वरिष्ट कनिष्ठ अगड़ा पिछड़ा का भेदभाव मानता है वह मानव नहीं अगर मनुष्य कुत्ता बिल्ली पालकर उसकी सेवा करता है उसे अपने साथ रखता है तो क्या ईश्वर के बनाए हुए मनुष्य को तिरस्कार करेगा छुआ छूत गुलामी की देन है जब भारत में मुगलों का आक्रमण हुआ तो एक हाथ में कुरान और एक हाथ में तलवार थी जो साधारण इस्लाम कबूल कर लिया उसे राजा बना दिया गया जो संघर्ष किया लड़ा और पराजित हुआ उसे दासता स्वीकार करनी पड़ी और उनका मान भंग कर किसी से चमड़ा छिलवाया गया किसी से मैला उठवाया गया किसी को सुवर पालकर अपनी इज्जत बचानी पड़ी वही संघर्ष करने वाला समाज आज एस सी एस टी ओ बी सी की श्रेणी में आज गिना जाता है लेकिन दोस्तो हमारा देश 1000 वर्ष की गुलामी तो बर्दास्त कर ली थी अब स्वतंत्र भारत में आज सब आजाद है सब बराबर है वहीं संघर्ष करने वाला समाज आज वास्तविक सम्मान का आधिकारी है अन्यथा इस समाज के ऊपर इशायियो और इस्लाम के मानने वाले की फिर की दृष्टि पड़ रही है स्वास्थ्य और शिक्षा और धन का लालच देकर धर्म परिवर्तन कर रहे हैं जब ये लोग एक भी नहीं थे तो 1000 वर्ष देश गुलाम रहा आज तो बेतादत भारत में इनकी संख्या हो गई है अतः अब सभलने की जरुरत हैइन विरोधी शक्तियों को पनपने नहीं देना कोई भी धर्म परिवर्तन नहीं करेगा सनातन धर्म ही सर्व श्रेष्ठ धर्म है इसी में भलाई है मत पंथ संप्रदाय कोई भी माने जाए लेकिन अपना सनातन धर्म ना छूटने पाए इसमें सभी भाइयों का सम्मान है इसके लिए सामूहिक संकल्प लिया गया समरस हिंदू समरस भारत मानकर सभी को गले लगाने की जरुरत है इसी परिपेक्ष में सभी के साथ सामूहिक यज्ञ गोष्ठी भोज और वस्त्र वितरण का कार्य किया गया । इस कार्यक्रम में प्रमुख रूप से प्रांत सामाजिक समरसता प्रमुख डाक्टर शिव स्वरुप विश्वकर्मा विभाग सह कार्यवाह कृष्ण स्वरुप जी, विभाग संरक्षक असीश गुप्ता ज्ञानेंद्र केसरवानी,नगर प्रचारक पावन जी, विहिप जिला अध्यक्ष डाक्टर अजय गुप्ता, विभाग समरसता सह प्रमुख शोभा अग्रवाल, मातृ शक्ति ममता गुप्ता, सुधा मिश्रा मध्यम, रंजना, जिला उपाध्यक्ष नरेश चंद्र कश्यप, जिला धर्माचार्य सम्पर्क प्रमुख संदीप तिवारी, धर्म प्रसार आयाम प्रमुख मनोज त्रिपाठी,कोषाध्यक्ष नीरज अग्रवाल, जिला सह समरसता प्रमुख गोरेलाल, नगर अध्यक्ष के के मिश्रा कार्याध्यक्ष राजेश शाहू, सतसंग प्रमुख राजेश साहू,विधायक कृष्णा पासवान, नगर पंचायत अध्यक्ष गीता सिंह, आदि हजारों लोग उपस्थित रहे।