अगर बात करे तो दिसम्बर माह में इस बार गुलाबी सर्दी देखने को मिली हालांकि जैसे ही नए वर्ष का शुभारंभ हुआ तो वैसे ही अचानक मौसम में भी बदलाव देखने को मिला , जहाँ 3से 4दिनों से लगातार ठिठुरन भरी सर्दी ने लोगो का काम काज करना बिल्कुल दूभर कर रखा है वही दूसरी ओर गांव में लोग अपने साथ साथ अपने बेजुबान जानवरों के अलाव व बोरे के कपड़ों की तैयारी कर रहे है । जब आम लोगो से बात की गई तो उन्होंने बताया की दिसम्बर बिल्कुल हल्की ठंडक थी पर जैसे ही जनवरी की शुरुआत हुई तो मौसम बदल गया भयंकर ठंड व पाले के करण कोई भी काम नही हो पा रहा वही हम लोग तो इस सर्द से बचने के लिए अलाव व गर्म कपड़ों का इस्तेमाल कर रहे है पर बेजुबानो को भी अलाव व बोरे के कपड़े तैयार करके उन्हें पहएनाया जा रहा है । वही जब समाज सेवी से बात की गई तो उनका कहना था कि इस ठंड में हर चौराहे पर अलाव की व्यवस्था होनी चाहिए व हमारे समाज में कुछ इस तरह के लोग भी है जिनके पास ठंड से बचने के संसाधन उपलब्ध नही उनके लिए प्रसाशन व आम लोगों कम्बल व अन्य सामग्री का वितरण करना चाहिए जिससे वो लोग भी सुरक्षित रहे इस हाड़ कपाऊ ठंड में।