जुझौतिखंड के शासक रहे खेत सिंह खंगार की जयंती मनाते हुए सपाईयों ने उनके चित्र पर पुष्प अर्पित किए तत्पश्चात उनके कार्यों पर विस्तार से रोशनी डाली। बुधवार को जयंती समारोह का आयोजन सपा कार्यालय में जिलाध्यक्ष सुरेंद्र सिंह यादव की अध्यक्षता में हुआ। सर्वप्रथम सपाईयों ने राजा खेत सिंह खंगार के चित्र परमाल्यार्पण किया तत्पश्चात गोष्ठी के जरिए उनके जीवन दर्शन पर प्रकाश डाला। जिलाध्यक्ष श्री यादव ने कहा कि महाराजा खेत सिंह खंगार जूदेव राष्ट्रधर्म के प्रणेता एवं स्वतंत्र खंगार राज्य के संस्थापक थे। इनका जन्म 27 दिसंबर 1140 को गुजरात के कच्छ जूनागढ़ के शासक रूढ़देव खंगार के घर हुआ था। खेत सिंह पृथ्वीराज चैहान के सामन्त थे। खेत सिंह ने पृथ्वीराज के सेनापति के तौर पर उनके साथ कई युद्ध लड़े। जिनमें से एक युद्ध था जेजाकभुक्ति का युद्ध सन 1181 ई. में लड़ा गया। इस युद्ध में ऊदल मारे गए और आल्हा रण छोड़ कहीं चले गये। इस युद्ध में विजय के पश्चात पृथ्वीराज चैहान ने खेतसिंह खंगार को इस राज्य का राजा घोषित कर दिया। 1181 ई. में ही इनका राज्यभिषेक कर दिया और इन्होंने इस राज्य को जुझौतिखण्ड नाम दिया और राजधानी गढ़कुंडार में स्थापित की। 1192 ई. में साम्राज्य क्षेत्र विस्तार व लूट की दृष्टि से आया अफगानी मुस्लिम आक्रांता मोहम्मद ग़ौरी एवं तत्कालीन दिल्ली के शासक पृथ्वीराज चैहान के मध्य तराइन का युद्ध प्रथम हुआ। युद्ध का नेतृत्व खेतसिंह खंगार ने किया और इनके सहयोगी दो अन्य सामंत गोविंदराव व खांडेराव थे। प्रथम युद्ध में विजय प्राप्त पृथ्वीराज चैहान को विजय प्राप्त हुई किन्तु तराइन के द्वितीय युद्ध में दिल्ली मोहम्मद ग़ौरी के अधीन हो गई। इसके पश्चात खेतसिंह खंगार ने जिझौतिखण्ड को स्वतंत्र हिन्दू गणराज्य घोषित कर दिया। उन्होने अपनी जनता को प्यार व स्नेह से सिंचित किया। इनकी पांच पीढ़ियों ने शासन किया। जनता इनको सम्मानित व ओजस्वी राजा के रूप में मानती थी। संचालन जिला महासचिव चैधरी मंजर यार ने किया। इस मौके पर पूर्व सांसद डा. अशोक पटेल, पूर्व जिलाध्यक्ष वीरेंद्र यादव, नफीस उद्दीन, जगनायक सचान, राजू कुर्मी, शहर अध्यक्ष तनवीर हैदर, पंकज खंगार, चंद्रभान खंगार, डीजी कुशवाहा, अमित मौर्या, ज्ञान सिंह खंगार, मो. अकील अहमद, वीरेंद्र सिंह खंगार, अमर खंगार, हरिश्चंद्र खंगार, नीरज खंगार, करन खंगार, लवी खंगार, अजय खंगार, रामरूप खंगार, राधेश्याम खंगार, सोमदत्त खंगार, विनोद खंगार भी मौजूद रहे।