जमीन बेच पी गए शराब चार बीघा जमीन तीनों बेटों गीरेन्द्र सिंह, जितेन्द्र सिंह व रावेन्द्र सिंह के नाम आ गई। गीरेन्द्र की शादी हुई तो अलग रहने लगा। नशेबाजों के संगत में मंझला व छोटा बेटा इसकदर बिगड़े कि जमीन बेच शराब पी गए। छोटे के पास करीब पांच बिसुवा जमीन बची बताई जा रही है। हैरान ग्रामीणों ने मदद से कर दिया इंकार कुरुस्तीकला के ग्रामीण नशेबाजों की टोली से आजिज हैं। दोनों भाई सुबह से ही नशे की हालत में जमीन पर लोटते मिलते थे। वहीं आने जाने वालों का पैर पकड़ कर शराब के लिए पैसे मांगना आम था। इंकार पर गाली गलौज आदत में था। बेजार ग्रामीणों ने अंतिम संस्कार के लिए ट्रैक्टर की व्यवस्था से भी हाथ खड़े कर दिए। साहब! बेटे को मारना नहीं आरोपित बेटे की पुलिस हिरासत में होने की चर्चा सुन मां फौरन पुलिस के पास गई। पुलिस समेत लोग उस वक्त श्यामा देवी का चेहरा तकने लगे। जब उसने कहा कि साहब नशे की हालत में बेटे ने वारदात की है। साहब, मेरे बेटे को मारना नहीं। मलवां , संवाददाता। मलवां के कुरुस्तीकला गांव में शुक्रवार रात नशे की हालत में युवक ने डंडे से बड़े भाई को पीटकर लहूलुहान कर दिया। मरणासन्न हालत में रेफर युवक की कानपुर में मौत हो गई। पुलिस छोटे भाई को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। कुरुस्तीकला निवासी सगे भाई रावेंद्र सिंह और जितेन्द्र शुक्रवार देर रात नशे में आपस में झगड़ गए। विवाद बढ़ने पर दोनों में मारपीट हो गई। गुस्से में छोटे भाई रावेंद्र उर्फ पोट्टल ने डंडे से जितेन्द्र सिंह के सिर पर ताबड़तोड़ वार कर दिए। सिर पर डंडे के वार से जितेन्द्र मरणासन्न हो गया। परिजनों ने आनन फानन उसे अस्पताल पहुंचाया, जहां से उसे कानपुर रेफर कर दिया गया। पुलिस ने बताया कि जितेन्द्र का कानपुर में इलाज चल रहा था, जहां शनिवार आधी रात उसकी सांसे थम गईं। मां श्यामा देवी की तहरीर पर पुलिस ने छोटे बेटे के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज किया है। एएसपी विजय शंकर मिश्रा ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर लिया गया है, जल्द आरोपी को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। एक बेटा श्मशान दूसरा जाएगा जेल,मां ने कराया केस पति की मौत के बाद मुश्किल से जिस मां ने बच्चों को पाला। बड़े होकर बच्चों ने उसी पर दुखों का पहाड़ तोड़ दिया। पुलिस मां की तहरीर पर गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज कर जांच कर रही है। कुरुस्तीकला गांव निवासिनी श्यामा देवी पर गम का पहाड़ टूट पड़ा। करीब 25 साल पहले पति लाल बहादुर की मौत के बाद उन्होंने मुफलिसी में तीन बच्चों की परवरिश की। चार बीघा खेती व मजदूरी कर पेट काट काटकर बच्चों के निवाले का इंतजाम किया। उम्मीद थी कि बच्चे बड़े होकर बुढ़ापे का सहारा बनेंगे। शराब की लत व गलत संगत ने उसके अरमानों पर पानी फेर दिया। नसीब का लेखा कि घर के बरामदे में छोटे बेटे रावेन्द्र सिंह ने मंझले बेटे जितेंद्र के सिर पर कई वार कर दिए। कानपुर में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। विडंबना, घर से एक बेटा अर्थी पर श्मशान तो दूसरा बेटा उसी की तहरीर पर जेल जाएगा।