फतेहपुर, । जिम्मेंदारो की लापरवाही के चलते ट्रेनों में ड्यूटी पर मौजूद स्टाफ सहित यात्रियों द्वारा बरती जाने वाली लापरवाही से ट्रेन आग का गोला बनती है। ट्रेनों में होने वाले शार्ट सर्किट संग ज्वलनशीप पदार्थों के साथ यात्रा किया जाना इसका मुख्य कारण माना जा रहा है। इसके बावजूद जिम्मेंदारो द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा। जिससे होने वाली घटनाएं बढ़ती जा रही है। पावर कार में होता बिजली सप्लाई का सिस्टम ट्रेनों में लगे पावर कार में बिजली सप्लाई का सिस्टम होने के चलते इस कोच में होने वाले शार्ट सर्किट को भी ट्रेन में आग लगने का कारण माना जा रहा है। इसके साथ ही यात्रियों द्वारा ट्रेनों के कोच में लगे इलेक्ट्रानिक बॉक्स सिस्टम के साथ छेड़छाड़ किए जाने से भी शार्ट सर्किट के मामले होते रहते है। जिससे आग लगने के कारण ट्रेन की रफ्तार के चलते आग तेजी से भड़कने लगती है। नहीं भड़कती पहिए में लगने वाली आग दरअसल ट्रेन के नीचे वाले हिस्से में लोहे का प्रयोग होने के कारण यह ऊपर की ओर नहीं आ पाती। पहिए की वेयरिंग में आने वाली खराबी के साथ ही एक सेंमी की दूरी पर लगे ब्रेक बाइंडिंग में खराबी आने से वह पहिए से चिपक जाता है। जिससे धुआं उठने लगता है। जिसकी जांच न किए जाने के कारण पहिए के आसपास हॉट एक्सेल हो जाता है।