सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में।

भारत में शादी के मौकों पर लेन-देन यानी दहेज की प्रथा आदिकाल से चली आ रही है. पहले यह वधू पक्ष की सहमति से उपहार के तौर पर दिया जाता था। लेकिन हाल के वर्षों में यह एक सौदा और शादी की अनिवार्य शर्त बन गया है। विश्व बैंक की अर्थशास्त्री एस अनुकृति, निशीथ प्रकाश और सुंगोह क्वोन की टीम ने 1960 से लेकर 2008 के दौरान ग्रामीण इलाके में हुई 40 हजार शादियों के अध्ययन में पाया कि 95 फीसदी शादियों में दहेज दिया गया. बावजूद इसके कि वर्ष 1961 से ही भारत में दहेज को गैर-कानूनी घोषित किया जा चुका है. यह शोध भारत के 17 राज्यों पर आधारित है. इसमें ग्रामीण भारत पर ही ध्यान केंद्रित किया गया है जहां भारत की बहुसंख्यक आबादी रहती है.दोस्तों आप हमें बताइए कि *----- दहेज प्रथा को लेकर आप क्या सोचते है ? और इसकी मुख्य वजह क्या है ? *----- समाज में दहेज़ प्रथा रोकने को लेकर हमें किस तरह के प्रयास करने की ज़रूरत है ? *----- और क्यों आज भी हमारे समाज में दहेज़ जैसी कुप्रथा मौजूद है ?

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65 पुलिसकर्मियों को मिली - नई तैनाती, दो लाइन हाजिर

हत्यारोपित ग्राम प्रधान ने शपथ पत्र में छिपाया तथ्य, जाएगी प्रधानी

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भाटपार रानी,देवरिया । होली व आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए सोमवार को भाटपार रानी पुलिस ने मार्च किया। जिसमे भाटपार रानी पुलिस व सीआईएसएफ का एक प्लाटून कस्बा स्थित मस्जिद रोड़ , दुर्गा मंदिर स्टेशन रोड,बीआरडी स्कूल के सामने से होकर बेलपार ढाले तक फ्लैग मार्च किया। सीआईएसएफ के कंपनी कमांडर विकास कुमार व थानाध्यक्ष दिलीप कुमार पांडेय के नेतृत्व में एक प्लाटून जवानों के साथ क्षेत्र के फुलवरिया चौराहा, बनकटा अमेठिया में भी फ्लैग मार्च किया गया। इस दौरान एसआई नितिन यादव , प्रमोद सिंह , अवधेश यादव , अजहर अब्बास , समेत भाटपार रानी थाने की पूरी फोर्स मौजूद रही।

गौरी बाजार ऑनलाइन सरिया खरीदने के नाम पर एक व्यक्ति से 1.80 लाख रुपये की धोखाधड़ी की गई है । उसने चार बार खाते में पैसे जमा किए हैं । कई दिनों बाद जब सारिया नहीं आई , तो संभव उसने मंदिर के मोबाइल नंबर पर कॉल किया । मोबाइल नंबर विचार बता रहा है । जिस खाते में पैसा जमा किया गया है वह दुर्गापुर का है । पीड़ित ने साइबर सेल में शिकायत की है । गोरिया थाना क्षेत्र के इंदुपुर निवासी अमित सिंह ने जनवरी में एक विशेष कंपनी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी । उसने संबंधित व्यक्ति से फोन पर संपर्क किया और उसे बताया कि वह सरिया कंपनी से बात कर रहा है । अमित ने उसे आज सरिया दर भेजने के लिए कहा । उन्होंने उद्धरण भेजा । उन्होंने शरिया खरीदने का फैसला किया , जो बाजार में साठ रुपये प्रति किलो में उपलब्ध था , सैंतालीस रुपये की दर से । पैसे भेजने के लिए , उसने एक यूनियन बैंक खाता भेजा , लेकिन जब अमित ने उसमें पैसे भेजे , तो उसने उसे वापस चला दिया । इसके बाद उन्होंने आईसीआईसीआई बैंक का खाता भेजा , लेकिन वह भी । खाता सही नहीं होने के कारण पैसे वापस करने के बाद , उसने गूगल पे को एक नंबर भेजा । अमित ने एस . डी . एफ . सी . बैंक के खाते में चार बार में उनसठ दोगुने शून्य भेजे । यह खाता दुर्गापुर के राजन ठाकुर का है । अमित के नाम पर पैसे भेजने के कई दिनों बाद भी जब सरिया वापस नहीं आया तो उसने उस नंबर पर संपर्क करने की कोशिश की जिस पर बातचीत हुई थी , लेकिन दोनों मोबाइल नंबर बंद पाए गए ।

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