जी हाँ साथियों, शिक्षा का मानव जीवन में एक अलग महत्व है. शिक्षा ही एक मात्र ऐसा हथियार है जो न सिर्फ एक व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाता है बल्कि समाज को एक सही रास्ता भी दिखाता है। शिक्षा से समाज में फैले अंधकार को मिटाया जा सकता है। शिक्षा हर वर्ग के लोगों के लिए जरूरी है. हरेक वर्ग को शिक्षा के महत्व को समझाने के उद्देश्य से विश्व साक्षरता दिवस मनाया जाता है।दुनिया भर में साक्षरता दर को बढ़ावा देने के उदेश्य से और सभी को शिक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए यूनेस्को ने 7 नवंबर 1965 में इस दिन को मनाने का पहल किया। इसके बाद 8 सितंबर 1966 को पहली बार विश्व साक्षरता दिवस मनाया गया और तब से लेकर हर वर्ष 8 सितंबर को साक्षरता दिवस मनाया जाता है. तो साथियों, आइये हम सब मिलकर शिक्षा के प्रति लोगों को जागरूक करने का प्रण लें और इस पहल में अपना योगदान दें। आप सभी श्रोताओं को समस्त मोबाइल वाणी परिवार की ओर से विश्व साक्षरता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।
सरकार द्वारा लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीट आरक्षित करने और गांवों में पीएम आवास योजना के तहत 70 प्रतिशत से ज्यादा मकान महिलाओं को देने से देश में महिलाओं की गरिमा बढ़ी तो है। हालांकि, इन सबके बावजूद कुछ ऐसे कारण हैं जो महिलाओं को जॉब मार्केट में आने से रोक रहे हैं। भारत में महिलाओं के लिए काम करना मुश्किल समझा जाता है. महिलाएं अगर जॉब मार्केट में नहीं हैं, तो उसकी कई सारी वजहें हैं, जिनमें वर्कप्लेस पर काम के लिए अच्छा माहौल न मिल पाना भी शामिल है . दोस्तों, हर समस्या का समाधान होता है आप हमें बताइए कि *----- नौकरी की तलाश में महिलाओं को किन-किन समस्याओं का सामना करना पड़ता है। *----- आपके अनुसार महिलाओं के नौकरी से दूर होने के प्रमुख कारण क्या हैं? *----- महिलाओं को नौकरी में बने रहने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं?
भारत में महिला श्रम शक्ति भागीदारी में हाल के वर्षों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है, हालांकि वैश्विक औसत की तुलना में यह कम आधार पर है। ।स्टेट ऑफ वर्किंग इंडिया रिपोर्ट 2023 के अनुसार, भारत में महिला कार्यबल की संरचना विकसित हो रही है, जिसमें उच्च शिक्षा प्राप्त युवा महिलाओं की संख्या बढ़ रही है जो श्रम बाजार में शामिल हो रही हैं। भारत में दुनिया की सबसे बड़ी कामकाजी आयु वाली आबादी होने का अनुमान है, जो 2030 तक लगभग 70% तक पहुंच जाएगी, लेकिन कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी का वर्तमान निम्न स्तर लगातार असहनीय होता जा रहा है।तो दोस्तों, हर समस्या का समाधान होता है आप हमें बताइए कि *----- महिलाएं किन प्रकार के कार्यों में अधिकतर अपना ज्यादा समय लगाती है ? *----- महिलाओं को उच्च पदों पर पहुंचने में क्या क्या चुनौतियां आती हैं? *----- आपके अनुसार महिलाओं को कार्यस्थल पर किन प्रकार के भेदभाव का सामना करना पड़ता है? और महिलाओं को उद्यमिता और स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए हमें किस तरह के प्रयास करने की ज़रूरत हैं? *----- क्या आपको भी लगता है कि समाज को इस दिशा में सोच बदलने की ज़रूरत है .?
दोस्तों, समाज में लैंगिक समानता प्राप्त करने के लिए सामाजिक असमानता को दूर करना सबसे ज़रूरी है। शिक्षा, जागरूकता, और कानूनों का कड़ाई से पालन करके हम एक ऐसा समाज बना सकते हैं जहाँ पुरुषों और महिलाओं को समान अधिकार और अवसर प्राप्त हों। तो दोस्तों, हर समस्या का समाधान होता है आप हमें बताइए कि _____ हमारे समाज में लैंगिक असमानता क्यों मौजूद हैं? _____आपके अनुसार से लैंगिक समानता को मिटाने के लिए सरकार के साथ साथ हमें किस तरह के प्रेस को करने की ज़रूरत है ?
दोस्तों, हमारे यह 2 तरह के देश बसते है। एक शहर , जिसे हम इंडिया कहते है और दूसरा ग्रामीण जो भारत है और इसी भारत में देश की लगभग आधी से ज्यादा आबादी रहती है। और उस आबादी में आज भी हम महिला को नाम से नहीं जानते। कोई महिला पिंटू की माँ है , कोई मनोज की पत्नी, कोई फलाने घर की बड़ी या छोटी बहु है , कोई संजय की बहन, तो कोई फलाने गाँव वाली, जहाँ उन्हें उनके मायके के गाँव के नाम से जाना जाता है। हम महिलाओ को आज भी ऐसे ही पुकारते है और अपने आप को समाज में मॉडर्न दिखने की रीती का निर्वाह कर लेते है। समाज में महिलाओं की पहचान का महत्व और उनकी स्थिति को समझने की आवश्यकता के बावजूद, यह बहुत दुःख कि बात है आधुनिक समय में भी महिलाओं की पहचान गुम हो रही है। तो दोस्तों, आप हमें बताइए कि *-----आप इस मसले को लेकर क्या सोचते है ? *-----आपके अनुसार से औरतों को आगे लाने के लिए हमें किस तरह के प्रयास करने की ज़रूरत है *-----साथ ही, आप औरतों को किस नाम से जानते है ?
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ" के नारे से रंगी हुई लॉरी, टेम्पो या ऑटो रिक्शा आज एक आम दृश्य है. पर नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च द्वारा 2020 में 14 राज्यों में किए गए एक अध्ययन में कहा गया है कि योजना ने अपने लक्ष्यों की "प्रभावी और समय पर" निगरानी नहीं की। साल 2017 में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट में हरियाणा में "धन के हेराफेरी" के भी प्रमाण प्रस्तुत किए। अपनी रिपोर्ट में कहा कि बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ स्लोगन छपे लैपटॉप बैग और मग खरीदे गए, जिसका प्रावधान ही नहीं था। साल 2016 की एक और रिपोर्ट में पाया गया कि केंद्रीय बजट रिलीज़ में देरी और पंजाब में धन का उपयोग, राज्य में योजना के संभावित प्रभावी कार्यान्वयन से समझौता है।
सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में।
भारत में शादी के मौकों पर लेन-देन यानी दहेज की प्रथा आदिकाल से चली आ रही है. पहले यह वधू पक्ष की सहमति से उपहार के तौर पर दिया जाता था। लेकिन हाल के वर्षों में यह एक सौदा और शादी की अनिवार्य शर्त बन गया है। विश्व बैंक की अर्थशास्त्री एस अनुकृति, निशीथ प्रकाश और सुंगोह क्वोन की टीम ने 1960 से लेकर 2008 के दौरान ग्रामीण इलाके में हुई 40 हजार शादियों के अध्ययन में पाया कि 95 फीसदी शादियों में दहेज दिया गया. बावजूद इसके कि वर्ष 1961 से ही भारत में दहेज को गैर-कानूनी घोषित किया जा चुका है. यह शोध भारत के 17 राज्यों पर आधारित है. इसमें ग्रामीण भारत पर ही ध्यान केंद्रित किया गया है जहां भारत की बहुसंख्यक आबादी रहती है.दोस्तों आप हमें बताइए कि *----- दहेज प्रथा को लेकर आप क्या सोचते है ? और इसकी मुख्य वजह क्या है ? *----- समाज में दहेज़ प्रथा रोकने को लेकर हमें किस तरह के प्रयास करने की ज़रूरत है ? *----- और क्यों आज भी हमारे समाज में दहेज़ जैसी कुप्रथा मौजूद है ?
भाटपार रानी,देवरिया| भाजयुमो के पूर्व जिलाध्यक्ष, अध्यापक ,चिंतक व साहित्यकार डॉ पवन कुमार राय ने कहा है सन् 2047 तक देश को दुनिया के विकसित राष्ट्रों की श्रेणी में खङे करने का जो सपना प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने देखा है ,उसमें प्राथमिक शिक्षा एक महत्वपूर्ण कङी है और इस सपने को साकार रूप देने में ग्राम प्रधानों,अध्यापकों, प्रधानाध्यापकों तथा विद्यालय प्रबंधन समिति अपनी अहं भूमिका निभा रहे हैं| डा० राय भाटपार रानी के मदन मोहन मालवीय पीजी कॉलेज के सभागार में बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा अयोजित ग्राम प्रधानों, विधालय प्रबंधन समिति के सदस्यों तथा प्रधानाध्यापकों के ब्लॉक स्तरीय उन्मुखीकरण संगोष्ठी और कार्यशाला में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे| उन्होंने कार्यशाला में उपस्थित लोगों का अह्वान किया कि वे प्रधानमंत्री के विजन को पूरा करने के लिए प्राथमिक शिक्षा विभाग द्वारा चलाये जा रहे आपरेशन कायाकल्प व निपुण अभियान को शत प्रतिशत सफल बनाने के लिए गावों में जागरुकता अभियान चलायें और लोगों को प्रेरित करें | डॉ राय ने कहा कि भारत देश तभी विकसित हो सकेगा जब इसके सभी गांव हर क्षेत्र में पूर्ण संतृप्त हो जायें और इसके लिए सरकार द्वारा चलायी जा रही विभिन्न कल्याणकारी व विकास योजनाओं को रूट स्तर पर क्रियान्वित करने व सफल बनाने में गावों की सरकार की महती भूमिका है| उन्होने कहा कि यह हम सबका सौभाग्य है कि हमें श्री नरेंद्र भाई मोदी जैसा सजग ,परिश्रमी तथा सबके प्रति संवेदनशील हृदय वाले प्रधानमंत्री तथा योगी आदित्यनाथ जी महाराज जैसा वीतरागी व कुशल प्रशासक मुख्यमंत्री मिला है| उन्होने कहा कि शिक्षा ही विकास की बुनियाद बनाती है और बेसिक शिक्षा विभाग अपने अभिनव प्रयोगों और नवाचारों से देश के विकास की बुनियाद को सुदृढ बना रहा है| डॉ राय ने भाटपार रानी विकास खंड में आपरेशन कायाकल्प व निपुण अभियान में हुयी उल्लेखनीय प्रगति व उपब्धियों के लिये यहां के खंड शिक्षा अधिकारी संजीव कुमार सिंह के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व मे सभी प्रधानाध्यापकों व ग्राम प्रधानों के सहयोग से जल्द ही यहां शत प्रतिशत सफलता हासिल होगी| इस उन्मुखीकरण संगोष्ठी व कार्यशाला में सर्वप्रथम मुख्य अतिथि द्वारा दीप प्रज्वलित कर इसका उद्घाटन किया गया तदोपरांत खंड शिक्षा अधिकारी संजीव कुमार सिंह ने कार्यवृत रखते हुये विषय का परावर्तन किया तथा कायाकल्प व निपुण अभियान के क्षेत्र में हुयी उपलब्धियों की विस्तार से चर्चा की| कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि भाषा विभाग उत्तर प्रदेश के सदस्य डॉ शम्स परवेज ने कार्यशाला में ग्राम प्रधानों के समक्ष आने वाली व्यहारिक कठिनाईयों की चर्चा करते हुये उनके निरकरण पर बल दिया तो वरिष्ठ शिक्षक नेता व प्राथमिक शिक्ष संघ के जिलाध्यक्ष विजय कुमार सिंह ने विद्यालयों में प्रधानाध्यापकों व अध्यापकों की चुनौतियों का उल्लेख करते हुये कहा कि तमाम व्यवहारिक परेशानियों के बावजूद हमारे अध्यापकों की प्रबल इच्छाशक्ति के बल पर सरकार की तमाम योजनाएं वास्तविक धरातल पर दिखाई दने लगी है ंऔर प्राथमिक विद्यालयों का स्वरूप निखर रहा है| कार्यशाला की अध्यक्षता कर रहे महाविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ कमलेश नारायण मिश्रा ने डीबीटी,कायाकल्प, निपुण ,तथा राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर विस्तार पूर्वक चर्चा की| इस समारोह में निपुण अभियान व कायाकल्प योजना में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल करने वाले दर्जनों प्रधानाध्यापकों व ग्राम प्रधानों को प्रशस्ति पत्र व अंगवस्त्र प्रदान कर सम्मानित किया गया| कार्यशाला का सफल संचालन प्रधानाध्यापक डॉ. संजय कुमार सिंह द्वारा किया गया| इ अवसर पर मतदाता जागरूकता शपथ भाटपार रानी के तहसीलदार द्वारा दिलाया गया | इस अवसर करीब 250 ग्राम प्रधान,प्रधानाध्यापक, विद्यालय प्रबंधन समिति के सदस्यगण तथा बीआरसी समन्यवक अजय कुमार सिंह ,सगीर अहमद,अवध बिहारी पाण्डेय, टी.एन तिवारी, अनील कुमार आलोक कुमार, अशोक चौरसिया, दीनदयाल कुशवाहा, रमेश यादव,प्रियरंजन राय,यशवन्त,संगीता चौरसिया, विजय दूबे ,मुसाफिर प्रसाद, कमलावती यादव,गौरव पाण्डेय, नीलम,विरेन्द्र कुमार, कन्हैया, शिवमंगल प्रताप, विष्णी त्रिपाठी आदि लोग उपस्थित रहे
तकनीकी प्रतियोगिता में 981 ने किया प्रतिभा श्री कृष्ण शैक्षिक संस्थान , देवरिया भालुवानी में एक तकनीकी संस्थान की ओर से नौ सौ इक्यासी ने भाग लिया । एक तकनीकी प्रतियोगिता आयोजित की गई जिसमें नौ सौ इकासी छात्रों ने भाग लिया । सभी के परिणाम सुरक्षित कर लिए गए हैं । परिणाम 16 मार्च को घोषित किए जाएंगे । तकनीकी प्रतियोगिता में कक्षा छह से आठ और नौ से बारह तक के छात्रों ने भाग लिया । पिंकी यादव ने बताया कि इस अवसर पर मेघावी के छात्रों को मुफ्त कंप्यूटर पाठ्यक्रम सी प्लस डी . सी . ए . डी . एफ . ए . ओ . स्तर का प्रशिक्षण आदि दिया जाएगा ।