देवरिया।देश के महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर का पूरा जीवन-काल समाज में समरसता और समानता की स्थापना के लिए समर्पित रहा।उनकी जन्म-शताब्दी पर नरेंद्र मोदी सरकार को उन्हें भारत रत्न से सम्मानित करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। भारतीय समाज और राजनीति पर उन्होंने जो अविस्मरणीय छाप छोड़ी है,वह अनुकरणीय है। उक्त बातें सदर सांसद डा.रमापतिराम त्रिपाठी ने अपने आवास पर कार्यकर्ताओं से भारत सरकार द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत भारत रत्न देने के निर्णय पर चर्चा करते कहा। उन्होंने कहा कि हमारे जीवन पर कई लोगों के व्यक्तित्व का प्रभाव रहता है। जिन लोगों से हम मिलते हैं, हम जिनके संपर्क में रहते हैं, उनकी बातों का प्रभाव पड़ना स्वाभाविक है। लेकिन कुछ ऐसे व्यक्ति भी होते हैं जिनके बारे में सुनकर ही आप उनसे प्रभावित हो जाते हैं। मेरे लिए ऐसे ही रहे हैं जननायक कर्पूरी ठाकुर।जननायक कर्पूरी ठाकुर जी का पूरा जीवन सादगी और सामाजिक न्याय के लिए समर्पित रहा। वे अपनी अंतिम सांस तक सरल जीवनशैली और विनम्र स्वभाव के चलते आम लोगों से गहराई से जुड़े रहे। उनसे जुड़े ऐसे कई किस्से हैं, जो उनकी सादगी की मिसाल हैं। सांसद ने कहा कि पिछड़े समाज के ऐसे महान व्यक्तित्व को भारत रत्न देने का निर्णय बहुत ही प्रशंसनीय है।इसके लिये प्रधानमंत्री मोदी का आभार व्यक्त करता हूँ।कर्पूरी ठाकुर श्रमिक वर्ग, मजदूर, छोटे किसानों और युवाओं के संघर्ष की सशक्त आवाज थे। शिक्षा एक ऐसा विषय था, जो कर्पूरी जी के हृदय के सबसे करीब था। उन्होंने अपने पूरे राजनीतिक जीवन में गरीबों को शिक्षा मुहैया कराने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी। वे स्थानीय भाषाओं में शिक्षा देने के बहुत बड़े पैरोकार थे, ताकि गांवों और छोटे शहरों के लोग भी अच्छी शिक्षा प्राप्त करें और सफलता की सीढ़ियां चढ़ें। मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने बुजुर्ग नागरिकों के कल्याण के लिए भी कई अहम कदम उठाए। इस दौरान भाजपा जिलाध्यक्ष भूपेंद्र सिंह,अम्बिकेश पाण्डेय,रमेश वर्मा,अखिलेश मिश्रा,सुशील सिंह,गोविन्द चौरसिया,बिट्टू मद्धेशिया,अरविन्द चौहान,दीपक श्रीवास्तव,अमित कुमार दूबे,रंजीत सिंह,मनीष सहाय,गोविन्द मणि,रजनीश तिवारी,विद्याभूषण चौहान आदि रहें।