ग्राम पंचायत बनबीरपुर में बना अमृत सरोवर गड्ढे में तब्दील हो गया है इसमें अधिकारियों की उदासीनता प्रकट हो रही है

घना कोहरा छाए रहने से सौंदर्य उर्जा से संचालित पेयजल टंकी तथा बल्ब बन्द हो गई है

Transcript Unavailable.

वार्ड नंबर 10 में महीनों से एक हैण्ड पम्प खराब हो गया है उसके आसपास कूड़ा का ढेर लगा है मोहल्ले वासियों ने हैण्ड पम्प बनवाने की मांग किया है

नहर तथा माइनर में पानी आने से किसान खुश हो गए हैं उन्होंने इसके लिए मोबाइल बाणी का आभार जताया हैं

मिसरौली बड़गांव ग्रामपंचायत में तीन महीने से सदस्यों द्वारा मांग पत्र देने के बाद भी निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ है

रेलवे स्टेशन मिसरौली पर पेयजल की कमी है जिसके चलते यात्रियों को परेशानी होती है

साथियों, आये दिन हमें ऐसे खबरे सुनने को और देखने को मिलती कि फंलाने जगह सरकारी स्कुल की छत गिर गई या स्कुल की दिवार ढह गई। यहाँ तक कि आजकल स्कुल के क्षेत्र में लोग पशु भी बाँधने लगते है, अभी ऐसी ही खबर दैनिक भास्कर के रांची सस्करण में छपी। रांची के हरमू इलाके में जहाँ कुछ लोग वर्षो सेअपने दुधारू पशु को स्कुल से सटे दीवाल में बाँध रहे है और प्रशासन इस पर मौन है। ये हाल झारखण्ड की राजधानी रांची के एक सरकारी स्कुल का है , बाकि गाँव का हाल तो छोड़ ही दीजिये। क्या आपको पता है कि शिक्षा के अधिकार के नियम के तहत स्कुल में पीने का साफ़ पानी और शौचालय की बुनियादी सुविधा के अनिवार्य रूप से मुहैया करवाने की बात कही गयी है। और ये बेसिक सी चीज़े उपलब्ध करवाना सभी सरकारों का काम है। लेकिन जब 25 से 35 % स्कूलों का हाल ये हो तब किसे दोषी माना जाए ? सरकार को नेताओ को या खुद को कि हम नहीं पूछते??? बाक़ि हाल आप जान ही रहे है। तब तक, आप हमें बताइए कि ******आपके गाँव या क्षेत्र में सरकारी स्कूलों में शौचालय और पानी की व्यवस्था कैसी है ? ****** वहां के स्कुल कितने शिक्षक और शिक्षिका पढ़ाने आते है ? ****** साथ ही शिक्षा के मसले पर आपको किससे सवाल पूछने चाहिए ? और इसे कैसे बेहतर बनाया जा सकता है , ताकि हमारे देश का भविष्य आगे बढे।