सुनिए एक प्यारी सी कहानी। इन कहानियों की मदद से आप अपने बच्चों की बोलने, सीखने और जानने की क्षमता बढ़ा सकते है।ये कहानी आपको कैसी लगी? क्या आपके बच्चे ने ये कहानी सुनी? इस कहानी से उसने कुछ सीखा? अगर आपके पास भी है कोई मज़ेदार कहानी, तो रिकॉर्ड करें फ़ोन में नंबर 3 का बटन दबाकर।

नमस्ते , मैं संजीत विजय आपसुने बॉक्सर मोबाइल बेनी हूँ हम आज सीखेंगे कि गर्जीवन को बच्चों के साथ कैसा व्यवहार करना चाहिए ताकि वे अपना आत्मविश्वास न खोएं और आइए हम कुछ इस बारे में सुनें कि उनके आत्मविश्वास को कैसे अक्षुण्ण रखा जाए और उनके आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिए क्या किया जाए । माता - पिता अलग - अलग तरीकों से कई जिम्मेदारियों को निभाते हैं , कभी एक शिक्षक के रूप में , कभी एक दोस्त के रूप में , वे हर समय अपने बच्चों का मार्गदर्शन करते हैं । उनके ऐसा करने के पीछे केवल एक ही उद्देश्य है कि उनका बच्चा आत्मविश्वास और आत्मसम्मान के साथ जीवन जीना सीखता है , लेकिन कई बार माता - पिता से जानबूझकर या अनजाने में कुछ सीखता है । कुछ गलतियाँ की जाती हैं जो बच्चे के मन में आत्मविश्वास पैदा करने के बजाय उसके आत्मविश्वास को कम करती हैं । कमजोर माता - पिता इन चार चीजों की तुलना सबसे पहले दूसरों से की जाती है अधिकांश माता - पिता को हमेशा अपने बच्चों की तुलना अन्य बच्चों से करने की आदत होती है । हालांकि ऐसे सभी माता - पिता अपने बच्चों को अन्य बच्चों से आगे बढ़ते देखने के लिए ऐसा करते हैं , लेकिन क्या आप जानते हैं ऐसा करने से आपका बच्चा अन्य बच्चों की तुलना में अपने बारे में कम सोचने लगता है , उसे खुद पर कम विश्वास होता है । दूसरा यह है कि माता - पिता का नकारात्मक स्तर अक्सर तब बना रहता है जब माता - पिता जानबूझकर और अनजाने में अपने बच्चों पर नकारात्मक स्तर लागू करते हैं । आप भी जानबूझकर और अनजाने में अपने बच्चों पर स्वार्थी बुरे व्यवहार का बोझ डालते हैं , इसलिए आज ही इस आदत को बदल दें । तीसरा , बच्चे का मजाक न उड़ाएं , कई बार माता - पिता किसी काम या बात के लिए अपने बच्चों या रिश्तेदारों के सामने बच्चे का मजाक उड़ाते हैं । यह सामान्य हो सकता है , लेकिन ऐसा करने से आपके बच्चे के दिमाग पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है । गलती होने पर बच्चे को शांत करने की कोशिश करें । कभी - कभी गलती होने पर बच्चा डर से काम से नहीं भागेगा , लेकिन उसे सीखने की कोशिश करेगा । चौथा , बच्चों को मारना सही नहीं है । कई बार माता - पिता अपनी छोटी - छोटी गलतियों के लिए बच्चों को दोषी ठहराते हैं । समझाने के बजाय , पीटना शुरू करें । ऐसा करने से बच्चा आपसे डरने लगेगा । वह कोई भी काम करने से डरता होगा । बच्चे के लिए सबसे खराब स्थिति भविष्य में होती है । ध्यान रखें कि अगर आप गलती भी करते हैं , तो वह आपको बताने से डरेंगे । आप जो चाहते हैं कि आपका बच्चा क्या करे , उस पर विश्वास रखें । यह बहुत महत्वपूर्ण है कि आप इसका ध्यान रखें और बच्चों के साथ निष्पक्ष व्यवहार करें ताकि उनके पास उनके आत्मसम्मान और आपके लिए भविष्य हो ।

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जन्म से आठ साल की उम्र तक का समय बच्चों के विकास के लिए बहुत खास है। माता-पिता के रूप में जहाँ हम परवरिश की खूबियाँ सीखते हैं, वहीँ इन खूबियों का इस्तेमाल करके हम अपने बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ावा दे सकते है। आप अपने बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ाने और उन्हें सीखाने के लिए क्या-क्या तरीके अपनाते है? इस बारे में 'बचपन मनाओ-बढ़ते जाओ' कार्यक्रम सुन रहे दूसरे साथियों को भी जानकारी दें। अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए फोन में दबाएं नंबर 3.

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भारत गंभीर भुखमरी और कुपोषण के से जूझ रहा है इस संबंध में पिछले सालों में अलग-अलग कई रिपोर्टें आई हैं जो भारत की गंभीर स्थिति को बताती है। भारत का यह हाल तब है जब कि देश में सरकार की तरफ से ही राशन मुफ्त या फिर कम दाम पर राशन दिया जाता है। उसके बाद भी भारत गरीबी और भुखमरी के मामले में पिछड़ता ही जा रहा है। ऐसे में सरकारी नीतियों में बदलाव की सख्त जरूरत है ताकि कोई भी बच्चा भूखा न सोए। आखिर बच्चे किसी भी देश का भविष्य होते हैं।स्तों क्या आपको भी लगता है कि सरकार की नीतियों से देश के चुनिंदा लोग ही फाएदा उठा रहे हैं, क्या आपको भी लगता है कि इन नीतियों में बदलाव की जरूरत है जिससे देश के किसी भी बच्चे को भूखा न सोना पड़े। किसी के व्यक्तिगत लालच पर कहीं तो रोक लगाई जानी चाहिए जिससे किसी की भी मानवीय गरिमा का शोषण न किया जा सके।

जन्म से आठ साल की उम्र तक का समय बच्चों के विकास के लिए बहुत खास है। माता-पिता के रूप में जहाँ हम परवरिश की खूबियाँ सीखते हैं, वहीँ इन खूबियों का इस्तेमाल करके हम अपने बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ावा दे सकते है।आप अपने बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ाने और उन्हें सीखाने के लिए क्या-क्या तरीके अपनाते है? इस बारे में 'बचपन मनाओ-बढ़ते जाओ' कार्यक्रम सुन रहे दूसरे साथियों को भी जानकारी दें। अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए फोन में दबाएं नंबर 3.