गरीब होने का मुख्य कारण यह रहा इस न्यूज़ के माध्यम से आप जानिएगा की गरीब होने का कारण क्या है

तिवारी की दूसरी पत्नी सुरभि तिवारी एक साथ नजर आते हैं जिसमें लग रहा है कि आपस में प्यार लुटाते हुए नजर आ रहे हैं। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

राधा रिदम की आवाज में केहू कुछ लेकर नहीं जाए बहुत ही बेहतरीन निर्गुण

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ कपिल देव शर्मा गेँहू की फसल को चूहों के आक्रमण से होने वाले नुकसान एवं उपचार सम्बंधित जानकारी दे रहे हैं । विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें...

पापा जी ब्याह कर ले देखे दहेज काहे खातिर केहू से दर्द गीतकार टाइगर की सिंगर सोनी संगम जी

सोनी संगम की आवाज में बेहतरीन गाना सुनने के लिए बक्सर मोबाइल वाणी को सुने

पांडे जी का आवाज में बेहतरीन सॉन्ग

नमस्ते , मैं संजीत विजय हूँ , आप बॉक्सर मोबाइल वाणी सुन रहे हैं , आज हम अकबर और बीरबल के किसा को सुनेंगे , एक दिन कोर्ट में बैठने के दौरान दाढ़ी के कितने बाल झड़ गए थे । आपने एक - दो बार छुआ होगा , तो क्या आप बता सकते हैं कि आपकी पत्नी के हाथ में कितने पक्षी हैं ? बीरबल यह सुनकर हैरान रह गए क्योंकि उन्होंने कभी अपने हाथ में पक्षियों को नहीं गिना था और न ही उन्होंने झूठ बोला था । कुछ देर सोचने के बाद बीरबर ने कहा , " मेरे हाथ को मेरी पत्नी का हाथ दिन में कई बार छूता होगा , लेकिन आपका हाथ आपकी दाढ़ी है । " दिन में पाँच बार तक , दिन में दो या चार बार , आप बता पाएंगे कि आपकी दाढ़ी पर कितने बाल हैं । यह कहना कि दाढ़ी गिनना मुश्किल है लेकिन हाथ की चूड़ियों को गिनना संभव है , मुश्किल है , जहां महिलाएं अपनी पसंद के अनुसार एक कम या एक अधिक पक्षी पहनती हैं , इसलिए एक निश्चित राशि होती है । गन्ना के बिना यह कहना असंभव है , ठीक है आप हर दिन जन जनाना में खाने के लिए जाते हैं , आपको ऊपर तक पहुंचने के लिए सीढ़ियाँ चढ़नी पड़ती हैं , क्या आप बता सकते हैं ? यह सुनकर कि रास्ते में सीढ़ियाँ हैं , कितनी सीढ़ियाँ हैं , कितनी खराब हैं , उन्होंने कहा कि उन्हें कभी गिनने का मौका नहीं मिला । अगर संख्या नहीं दी गई होती , तो पक्षियों की संख्या कैसे बताऊं , अगर चींटियों की गिनती की जा सकती थी , तो हम पक्षियों के दोषी होते , लेकिन जब उनका गन्ना उगाना असंभव था , तो चूड़ियों को कैसे गिनें ।

जैसा की आपको पता है की बच्चों के पेट में होने वाले कृमि संक्रमण को रोकने के लिए प्रदेशभर में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस अभियान चलाये जा रहे है जिससे बच्चे स्वस्थ्य और सुरक्षित रहे। हर साल 10 फरवरी को भारत राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस मनाता है।इस दिन सभी आँगनबाड़ी केन्द्रो , सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रो पर एवं सभी प्राथमिक व उच्च माध्यमिक स्कूलों में 1 से 14 वर्ष तक के बच्चों में कीड़ों के असर को खत्म करने की दवा खिलायी जाती है। देश भर में बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार और कृमि मुक्ति के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए उठाया गया यह एक सराहनीय कदम है। दोस्तों हर वर्ष की भाँति इस वर्ष भी कृमि रोग के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए एक खास थीम बनाई गयी है.,इस साल यानी 2024 की थीम है “एसटीएच हटाएं: बच्चों के स्वस्थ भविष्य में निवेश करें”। यह थीम देश को कृमि मुक्त कैसे करें,यह समझने में मदद करने के लिए बनायीं गई है। कृमि रोग बच्चों में होने वाली गंभीर स्वास्थ्य समस्या है जो बच्चो के मानसिक और शारीरिक विकास को प्रभावित करता है। इसलिए आइये हम सब मिलकर एक संकल्प ले और इस अभियान का हिस्सा बन कर देश को कृमि मुक्त बनाये और बच्चों के भविष्य को सुंदर बनाये और सुरक्षित करें। मोबाइल वाणी परिवार की और से आप सभी श्रोताओं को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस की बहुत बहुत शुभकामनाएं

संविधान बचाओ संकल्प सभा बलिहार गांव में होने जा रहा है प्रदेश प्रभारी बसपा बिहार के श्री अनिल कुमार के हाथों द्वारा