इस कहानी का शारांश यह है कि जो कुछ भी मुफ्त में मिलता है उसका लोग कीमत नहीं समझते लेकिन जो कुछ भी मेहनत करके प्राप्त होता है उसका बहुत ज्यादा ही कीमत होता है।
इस कहानी का शारांश यह है कि जो कुछ भी मुफ्त में मिलता है उसका लोग कीमत नहीं समझते लेकिन जो कुछ भी मेहनत करके प्राप्त होता है उसका बहुत ज्यादा ही कीमत होता है।