दोस्तों, यह साल 2024 है। देश और विश्व आगे बढ़ रहा है। चुनावी साल है। नेता बदले जा रहे है , विधायक बदले जा रहे है यहाँ तक की सरकारी अधिकारी एसपी और डीएम भी बदले जा रहे है। बहुत कुछ बदल गया है सबकी जिंदगियों में, लेकिन महिलाओं की सुरक्षा आज भी एक बड़ा सवाल बना हुआ है। देश की सरकार तो एक तरफ महिला सशक्तिकरण का दावा करती आ रही है, लेकिन हमारे घर में और हमारे आसपास में रहने वाली महिलाएँ आखिर कितनी सुरक्षित हैं? आप हमें बताइए कि *---- समाज में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर हमें किस तरह के प्रयास करने की ज़रूरत है ? *---- महिलाओं को सही आज़ादी किस मायनों में मिलेगी ? *---- और घरेलू हिंसा को रोकने के लिए हमें क्या करना चाहिए ?

हम सभी रोज़ाना स्वास्थ्य और बीमारियों से जुड़ी कई अफवाहें या गलत धारणाएं सुनते है। कई बार उन गलत बातों पर यकीन कर अपना भी लेते हैं। लेकिन अब हम जानेंगे उनकी हकीकत के बारे में, वो भी स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मदद से, कार्यक्रम सेहत की सच्चाई में। याद रखिए, हमारा उद्देश्य किसी बीमारी का इलाज करना नहीं, बल्कि लोगों को उत्तम स्वास्थ्य के लिए जागरूक करना है। सेहत और बीमारी को लेकर अगर आपने भी कोई गलत बात या अफवाह सुनी है, तो फ़ोन में नंबर 3 दबाकर हमें ज़रूर बताएं। हम अपने स्वास्थ्य विशेषज्ञों से जानेंगे उन गलत बातों की वास्तविकता, कार्यक्रम सेहत की सच्चाई में।

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नारी तू अबला नहीं ,स्वयं शक्ति पहचान। अपने हक को लड़ स्वयं, तब होगा उत्थान।। महिलाएं समाज का एक अहम् हिस्सा है लेकिन बदलते वक्त के साथ महिलाएं आज राष्ट्र निर्माण में भी अपना योगदान दे रही है। हर साल 8 मार्च के दिन अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है. इस दिन को मनाने का मकसद महिला सशक्तिकरण की तरफ एक कदम है. यह दिन दुनिया भर में महिलाओं के त्याग ,साहस और सम्मान को समर्पित दिन होता है। हर साल अंतरराष्‍ट्रीय महिला दिवस को एक थीम के साथ सेलिब्रेट किया जाता है साल 2024 में इस दिन को 'इंस्पायर इन्क्लूज़न ' थीम के साथ मनाया जा रहा है जिसका मतलब है "एक ऐसी दुनिया,जहां हर किसी को बराबर का हक और सम्मान मिले" दोस्तों हम सभी अपने आस पास की उन सभी महिलाओं की शक्ति जो की अविश्वसनीय है उसे सलाम करें और उनके हौसले को बुलंद करें । आप सभी को मोबाइल वाणी के पुरे परिवार की ओर से अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की हार्दिक-हार्दिक शुभकामनाएं।

सुनिए एक प्यारी सी कहानी। इन कहानियों की मदद से आप अपने बच्चों की बोलने, सीखने और जानने की क्षमता बढ़ा सकते है। ये कहानी आपको कैसी लगी? क्या आपके बच्चे ने ये कहानी सुनी? इस कहानी से उसने कुछ सीखा? अगर आपके पास भी है कोई मज़ेदार कहानी, तो रिकॉर्ड करें फ़ोन में नंबर 3 का बटन दबाकर।

देश की राजनीति और चुनावों पर नजर रखने वाली गैर सरकारी संस्था एडीआर के अनुसार लगभग 40 फीसदी मौजूदा सांसदों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें से 25 फीसदी ने उनके खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास, अपहरण और महिलाओं के खिलाफ अपराध जैसे गंभीर आपराधिक मामले दर्ज होने की घोषणा अपने शपथ पत्र में की है। सांसदों के आपराधिक रिकॉर्ड का विश्लेषण उनके ही द्वारा दायर किये शपथ पत्रों के आधार पर किया गया है। अगर संख्या के आधार पर देखा जाए तो मोजूदा संख्या 763 लोकसभा और राज्यसभा) में से 306 सांसदों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। जिनमें से 194 पर गंभीर आपराधिक मामले हैं जिसमें हत्या, लूट और रेप जैसे गंभीर मामले हैं। जिनमें अधिकतम सजा का प्रावधान किया गया है।

आपका पैसा आपकी ताकत की आज की कड़ी में हम सुनेंगे एटीएम कार्ड और उसके पिन और ओटीपी से जुड़ी कुछ जानकारियों के बारे में।

दोस्तों, हंसने-हंसाने से इंसान खुश रहता है, जिससे मानसिक तनाव, चिंता और डिप्रेशन कम होता है। उत्तम स्वास्थ्य के लिए हंसी-मज़ाक बहुत ज़रूरी है। इसीलिए मोबाइल वाणी आपके लिए लेकर आया है कुछ मजेदार चुटकुले, जिन्हें सुनकर आप अपनी हंसी रोक नहीं पाएंगे। अगर आपके पास भी है कोई मज़ेदार चुटकुला, तो रिकॉर्ड करें मोबाइल वाणी पर, फ़ोन में नंबर 3 का बटन दबाकर और जीतें आकर्षक इनाम।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस आइए सुनते हैं जानमानी गायिका कविता होरो के खास विचार! आप अपने परिवार की महिलाओं को कैसे सम्मानित करना चाहेंगे? महिला दिवस के बारे में आपके परिवार में महिलाओं की क्या राय है? एक महिला होने के नाते आपके लिए कैसे यह दिन बाकी दिनों से अलग हो सकता है? अपने परिवार की महिलाओं को महिला दिवस पर आप कैसे बधाई देंगे... अपने बधाई संदेश फोन में नम्बर 3 दबाकर रिकॉर्ड करें.

बिहार राज्य के बांका जिला से सुभाष चंदा यादव मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है की पूंजीपति की नीति चल रही है ये लोकतंत्र के लिए खतरनाक है क्योंकि उसके पास पैसा है । यदि ऐसा है , तो लोग ऐसा करके अपनी जीत हासिल कर सकते हैं , लेकिन जो सामान गरीब हैं या आम जनता के लिए लोकतंत्र का मुद्दा है , वे चुनाव नहीं लड़ पाएंगे या जीत नहीं पाएंगे । यह एक ऐसी नीति होने जा रही है जिसे चुनाव आयोग को रोकने की आवश्यकता है क्योंकि समान खर्च को एक सीमित खर्च के रूप में परिभाषित किया जा रहा है ताकि इस चुनाव में समान लोग भाग ले सकें और चुनाव लड़ा जाए और आगे बढ़े ताकि खर्च कम हो ।