दोस्तों , सरकार कानून में संसोधन कर रही है , नए-नए बिल ला रही है। कहीं सड़को के नाम बदले जा रहे है, तो कहीं पर योजनाओं के नाम बदले जा रहे है। चापलूसों ने भी अपना नाम बदल कर वक्ता रख लिया है और कान में इयरफोन लगा कर अपने आप को नेता जी से ऊपर समझने लगे है। तो जब पूरा देश ही नाम बदलने के चक्कर के लगा हुआ है , तो हमारी देश की जनता जिसे हम नागरिक कहते है , उन्होंने भी महँगाई का नाम बदल कर उसका तोड़ निकाल लिया है। अब लोग महँगाई से लड़ने के लिए किलो में नहीं बल्कि पाव में खरीददारी कर रहे है। एक ज़माना था , जब लोग कहते थे कि एक सेब रोज़ खाइए और डॉक्टर को दूर भगाइए। आज लोग सेब को देख कर ही दूर भाग रहे है। दाल, तेल, मसालों और सब्ज़ियों के बाद अब आम आदमी फल का केवल नाम ही सुन पा रहा है। आने वाले वक़्त में ये खतरा है कि लोग आश्चर्य से ये न बताये कि आज मैंने अंगूर देखा था , बिल्कुल हरा हरा गोल गोल। दोस्तों, आप हमें बताइए कि इस बढ़ती महँगाई में आपका गुज़ारा कैसे हो रहा है ? क्या आप मौसमी फल खा पा रहे है ? बढ़ती महँगाई ने आपके घर और रसोई को किस कदर प्रभावित किया है। अपनी बात, राय विचार और अनुभव बताने के लिए अभी दबाएँ अपने फ़ोन में नंबर 3 का बटन साथ ही मोबाइल वाणी ऐप में रिकॉर्ड करने के लिए दबाएँ ऐड का बटन। दोस्तों, समाज के हर मसले पर हमें बोलना होगा। क्योंकि हमारा मानना है कि बोलेंगे तो बदलेगा

कच्चे धागों से बनी पक्की डोर है राखी, प्यार और मीठी शरारतों की होड़ है राखी। भाई की लंबी उम्र की दुआ है राखी, बहन के स्नेह का पवित्र प्रतीक है राखी। कलाई पर रेशम का धागा है, बहन ने बड़े प्यार से बांधा है, बहन को भाई से रक्षा का वादा है। दोस्तों ,सावन पूर्णिमा के दिन भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक पर्व रक्षाबंधन मनाया जाता है,रक्षाबंधन का त्योहार भाई और बहन के लिए बेहद ही खास दिन होता है। बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधकर भारतीय संस्कृति की पहचान कायम करती है, तो भाई बहन को रक्षा करने का वचन देता है। श्रोताओ मोबाइल वाणी परिवार की और से आप सभी को राखी के त्यौहार ढेर सारी शुभकामनाएं !