नमस्कार, आज बुधवार 24 जनवरी है, मोबाइल वाणी पर आपका स्वागत है। सुनिए मध्यप्रदेश की आज की जरूरी खबरें।  मध्यप्रदेश में लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग और चिकित्सा शिक्षा विभाग मर्ज होंगे। डॉ. मोहन यादव कैबिनेट ने मंगलवार को इस प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है। साथ ही नई शिक्षा नीति के आधार पर हर जिले में प्रधानमंत्री एक्सीलेंस कॉलेज खोलने का फैसला भी कैबिनेट ने लिया है। आयुर्वेद विश्वविद्यालय में अब नर्सिंग और पैरामेडिकल पाठ्यक्रम शामिल किया जाएगा। इसके अलावा कैबिनेट ने जो अन्य फैसले लिए हैं उनके तहत...  माल एवं सेवा कर अध्यादेश की समय अवधि बढ़ाने को मंजूरी कैबिनेट ने दी है। बजट सत्र में विधानसभा में लाएंगे। चुनाव और मंत्रिमंडल गठन में देरी के चलते विधेयक नहीं लाया जा सका था।  आयुर्वेद विश्वविद्यालय में अब नर्सिंग और पैरा मेडिकल स्टाफ के पाठ्यक्रम भी शामिल किए जाएंगे। इससे पैरामेडिकल स्टाफ की संख्या बढे़गी। कोरोना के बाद इनकी जरूरत बढ़ी है।  अशोकनगर के मुंंगावली तहसील में मल्हारगढ़ में लिफ्ट इरिगेशन सिंचाई परियोजना को मंजूरी दी गई है। इससे 26 ग्रामों में 7500 हेक्टेयर में सिंचाई हो सकेगी। परियोजना की लागत 87 करोड़ रुपए है।  जल प्रदूषण अधिनियम में संशोधन को मंजूरी दी गई है। जल प्रदूषण के छोटे से मामले में कोर्ट जाना पड़ता है। इसे अधिकारियों से निराकरण कराने पर सहमति बनी है। प्रस्ताव भारत सरकार को भेजेंगे। इसके बाद अंतिम फैसला होगा  असम में राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा को रोकने के विरोध में कांग्रेस देशभर में प्रदर्शन कर रही है। भोपाल में भी कांग्रेस नेताओं ने मौन धरना दिया। इस प्रदर्शन में पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह, पीसीसी चीफ जीतू पटवारी और नेता प्रतिपक्ष भी मौजूद रहे। दरअसल, राहुल गांधी की न्याय यात्रा मंगलवार को गुवाहाटी पहुंची थी, जहां असम पुलिस ने उन्हें रोक दिया। राहुल अपने काफिले के साथ गुवाहाटी शहर में जाना चाहते थे, लेकिन प्रशासन ने इसकी इजाजत नहीं दी।  श्योपुर जिले के कूनो नेशनल पार्क से एक और बड़ी खुशखबरी मिली है। मादा चीता ज्वाला ने सोमवार को 3 शावकों को जन्म दिया है। इसकी जानकारी केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने आज सुबह करीब 8 बजे अपने X हैंडल पर पोस्ट करके दी है। इससे पहले ज्वाला ने 27 मार्च 2023 को 4 शावकों को जन्म दिया था। वहीं, 3 जनवरी को मादा चीता आशा ने 3 शावकों को जन्म दिया था। दोस्तों, आप मोबाइल वाणी पर प्रस्तुत मध्य प्रदेश के इन अहम समाचारों को लेकर क्या सोचते हैं हमें ज़रूर बताएं, आप मोबाइल वाणी की ऐप के ज़रिए अपनी राय रिकार्ड कर सकते हैं या फिर अपने फोन से तीन नंबर का बटन दबाएं। इसके अलावा आप अपने इलाके की खबरों को भी हमसे साझा करें, हम इन खबरों को मंच जरूर देंगे। और एक सामुदायिक मीडिया के नाते हम आपसे उम्मीद करते हैं कि एक नागरिक के तौर पर अपनी बात खुल करेंगे। सुनते रहिए मोबाइल वाणी

नमस्कार, आज शुक्रवार 19 जनवरी है, मोबाइल वाणी पर आपका स्वागत है। सुनिए मध्यप्रदेश की आज की जरूरी खबरें। ___ लोगों को अचानक हार्ट अटैक के मामले पिछले कुछ दिनों में काफ़ी बढ़े हैं। मध्य प्रदेश के इंदौर से भी लगातार इसी तरह के कई मामले सामने आ रहे हैं। यहां से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है जिसमें एक छात्र की कोचिंग क्लास में बैठे-बैठे मौत हो गई। छात्र की पहचान 18 वर्षीय राजा के रूप में हुई है। वह बुधवार 17 जनवरी को कोचिंग क्लास में बेंच पर बैठे-बैठे नीचे गिर गया। राजा के दोस्त उसे अस्पताल ले गए, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया गया। इंदौर की भंवरकुआ पुलिस के मुताबिक, राजा सर्वानंद नगर में किराए के मकान में रहता था। ___ मध्‍य प्रदेश की वरिष्‍ठ आईएएस वीरा राणा को प्रदेश का मुख्‍य सचिव बनाया गया है। अभी तक वीरा राणा सिर्फ अतिरिक्‍त प्रभार पर थीं। हालांकि, 48 दिन प्रभार संभालने के बाद अब उन्हें मुख्य सचिव नियुक्त कर दिया गया है। वह मध्य प्रदेश की दूसरी महिला मुख्य सचिव बनीं हैं और 30 साल बाद किसी महिला को प्रदेश का कमान मिला है। ___ केंद्रीय राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने मध्य प्रदेश के IAS अधिकारी अनय द्विवेदी की सीएम डॉ. मोहन यादव से शिकायत की है। कुलस्ते का आरोप है कि आईएएस द्विवेदी ने उनके रिश्तेदार अधिकारी के साथ अभद्रता की और उन्हें जाति सूचक शब्दों से प्रताड़ित किया।आईएएस अधिकारी अनय द्विवेदी पूर्व विद्युत वितरण क्षेत्र कंपनी जबलपुर में एमडी के पद पर हैं। वहीं, केंद्रीय राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते के बहनोई अशोक धुर्वे पूर्व विद्युत वितरण क्षेत्र कंपनी में अधिकारी हैं। फग्गन सिंह कुलस्ते का आरोप है कि आईएएस द्विवेदी ने अशोक को जाति सूचक शब्द कहकर अपमानित किया है। ____ मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव गुरुवार को बिहार की राजधानी पटना पहुंचे। यहां उन्होंने श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में आयोजित श्रीकृष्ण चेतना विचार मंच के कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने अपना संबोधन यदुवंश और भगवान श्रीकृष्ण पर केंद्रित रखा। सीएम मोहन यादव ने अपने संबोधन में कहा, 'मैं बाबा महाकाल की नगरी से आता हूं। हम लोगों का रिश्ता शब्दों से ज्यादा भाव का है। माता सीता की जन्मस्थली पर आकर हाथ जोड़कर आप सभी का प्रणाम करता हूं। बिहार के इस पवित्र धरती को प्रणाम करता हूं। मैं आपको बार-बार प्रणाम करता हूं।लोकतंत्र को सच्चे अर्थ में जिंदा रखने में आपकी बड़ी भूमिका है। हम अपनी भूमिका को समझते हैं।' दोस्तों, आप मोबाइल वाणी पर प्रस्तुत मध्य प्रदेश के इन अहम समाचारों को लेकर क्या सोचते हैं हमें ज़रूर बताएं, आप मोबाइल वाणी की ऐप अपनी राय रिकार्ड कर सकते हैं या फिर अपने फोन से तीन नंबर का बटन दबाएं। इसके अलावा आप कौन से विषयों में ज्यादा रुचि रखते हैं और उनसे जुड़ीं खबरें जानना चाहतें हैं इस पर भी बोंले। वहीं आप अपने इलाके की खबरों को भी हमसे साझा करें, हम इन खबरों को मंच जरूर देंगे। हम मानते हैं कि जब आप एक नागरिक के तौर पर अपनी बात खुल कर बोलेंगे तो बदलेगा...

हम विज्ञान पर आधारित जीवन जी रहे हैं। हमारे जीवन को विज्ञान ने सरल बना दिया है। विज्ञान के बगैर दैनिक जीवन की कल्पना करना निरर्थक है। दैनिक जीवन में हम विज्ञान के अनेक उपकरणों का उपयोग करते हैं। जीवन में विज्ञान का महत्व समझते हुए ही प्राथमिक स्तर से ही विज्ञान की शिक्षा दी जा रही है। लेकिन जीवन से हम विज्ञान को जोड़ पाने में असमर्थ रहे हैं । प्रकृति में घटीत होने वाली घटनाओं को समय और परिस्थिति नुसार उसे चमत्कार मान लिया जाता है लेकिन आज विज्ञान के बदौलत हम जान चुके है कि चमत्कार जैसा कुछ नहीं है।

भारतीय संविधान को 74 वर्ष पूर्व 26 नवंबर 1949 को लिख कर पूर्ण हुआ था। और 26 जनवरी 1950 को देश प्रजातांत्रिक घोषित हुआ था। संविधान के 465 अनुच्छेद में एक अनुच्छेद 51 (ए) एच भी है। इस अनुच्छेद के अनुसार वैज्ञानिक सोच, चेतना का विकास, मानवतावाद, किस भी घटीत धटना के पीछें की सत्यता की जांच व सुधार की भावना विकसित करना प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य होगा। और इस के संचालन के लिए राज्य कटिबध्द होगे। लेकिन ऐसा हमें कही दिखाई नहीं देता है। वैज्ञानिक सोच व मानवतावादी आम जनमानस के लिए यह एक मात्र शब्द है। जो अपनी यथार्थ के मुल विषय को छू भी नहीं पाता है।

ग्रामवाणी की इंटरव्यू सीरीज " क्या हाल विधायक जी, में जबलपुर पूर्व के विधायक लखन घनघोरिया से बृजेश शर्मा की बातचीतl

भारत में जादू-टोना हमारी अंधविश्वासी मान्यताओं और लोक कथाओं का एक हिस्सा है। माना जाता है कि जादू-टोना विशेष शक्तियों द्वारा संचालित किया जाता है। जिसके माध्यम से व्यक्ति या वस्तुओं को प्रभावित किया जा सकता है। उन्हें नुकसान पहुंचाया जा सकता है। जब कि यह एक प्रकार का अंधविश्वास है और इसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। जादू-टोना की सहायता से किसी को भी बीमार किया जा सकता है या उसे मारा जा सकता है। हमारे समाज में यह एक आम भ्रांति है। इनसे बचाव के लिए किई निरर्थक टोटके भी बताए जाते है। जिसमें घोडे की नाल, पीले कपड़े में चावल बांधना आदि शामिल है। कई बीमारियां जैसे लिव्हर की बीमारियां, पेट का अल्सर, आदि असाधरण बीमारियां आसानी से समझ में नहीं आती है। और कुछ दिनों बाद तकलीफ यानी दर्द देते रहते है। कई बार इसे किसी का जादू-टोना समझकर अज्ञानवश निर्दोष लोगों को परेशान किया जाता है।

ग्राम वाणी की इंटरव्यू सीरीज "क्या हाल विधायक जी, डिंडोरी जिले से शहपुरा विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 103 से विधायक भूपेंद्र मरावी l श्री मरावी से बृजेश शर्मा की बातचीतl

समाज में बढ़ते आधुनिकतावाद में आस्था व अंघविश्वास से जुड़े विषय भी फैशन का जगह ले लेते है। पैर में काला धागा बांधने का समाज में फैशन सा चल पड़ा है। माना जाता है कि पैरों में काला धागा पहनने से बुरी नजर नहीं लगती है। इस के साथ नकारात्मक उर्जा कोसों दूर रहती है, जिस से स्वास्थ्य और तरक्की पर बुरा असर नहीं पड़ता है। काला धागा पांव में बांधने के वर्तमान में चाहे जो भी कारण हो लेकिन यह हमारी अंधविश्वासी सोच व मानसिकता गुलामी को दर्शाता है। आज भले शुद्रों को अपनी पहचान के लिए काला धागा नहीं बांधना पड़ रहा हो लेकिन ज्यादातर लोग बुरी आत्मा, बुरी शक्तियों से बचने अपने पांव में काला धागा बांध रहे है। 21 वी सदी के वैज्ञानिक युग में भी हम पुरानी दकियानुसी, गुलामी या जातियों के श्रेणी में अछुत होने की पहचान रखने का काला धागा अपने पांव में बांध रहे है।

बिल्ली रास्ता काट दे, तो हम कुछ समय के लिए रूक जाते है या फिर अपना रास्ता बदल देते है क्यों । क्योंकि ऐसा करना हमें बताया गया है । वैज्ञानिक युग में भी हम समाज में अंधविश्वास फैलाने वाले तथाकथित बाबा, पडियार, मांत्रिको द्वारा श्रद्धा व आस्था के आड़ में समाज में अपना मायाजाल फैलाकर लोगों का आर्थिक, शारीरिक, मानसिक शोषण करने वालों के अलावा राजनीतिक स्तर पर स्वार्थ सिद्ध करने के लिए अंधविश्वास का सहारा लिया जाने लगा है। अंधविश्वासी मानसिक गुलामी से बाहर निकलने के लिए हमें अंधविश्वास की परिभाषा समझनी होगी । समाज में व्याप्त अंधविश्वास से कैसे मुक्ति पा सकते है पर चिंतन करने की जरूरत है।