हंसने-हंसाने से इंसान खुश रहता है, जिससे मानसिक तनाव, चिंता और डिप्रेशन कम होता है। दोस्तों, उत्तम स्वास्थ्य के लिए हंसी-मज़ाक बहुत ज़रूरी है। इसीलिए मोबाइल वाणी आपके लिए लेकर आया है कुछ मजेदार चुटकुले, जिन्हें सुनकर आप अपनी हंसी रोक नहीं पाएंगे। हो जाइए तैयार, हंसने-हंसाने के लिए... CTA: सुनिए हंसी-मज़ाक में डूबे हंसगुल्ले और रिकॉर्ड कीजिए अपने चुटकुले मोबाइल वाणी पर, फोन में नंबर 3 का बटन दबाकर।

इंडियन नेवी के द्वारा निकाली गई कुल 275 ट्रेड अप्रेंटिस के पदों पर काम करने के लिए इच्छुक हैं। वैसे उम्मीदवार इन पदों के लिए आवेदन कर सकते हैं, जिन्होंने किसी मान्यता प्राप्त विद्यालय से 10वीं और आईटीआई पास किया हो। इसके साथ ही उम्मीदवार की आयुसिमा कम से कम 14 वर्ष होनी चाहिए। अप्रेंटिस के पद पर वेतनमान नियम अनुसार दिया जाएगा। इच्छुक उम्मीदवार अपना आवेदन ऑफलाइन भर सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए आवेदनकर्ता इस वेबसाइट पर जा सकते हैं। वेबसाइट है https://www.apprenticeshipindia.gov.in/. योग्य उम्मीदवारों का चयन लिखित परीक्षा, इंटरव्यू में प्रदर्शन, मेडिकल टेस्ट के बाद किया जाएगा। याद रखिए इन पदों पर आवेदन करने की अंतिम तिथि 01-01-2024 है ।

मोबाइल वाणी और रोज़गार ढ़ाबा लेकर आए हैं पुणे, महाराष्ट्र में रोज़गार के नए अवसर। अधिक जानकारी के लिए क्लिक करे <a href='https://docs.google.com/forms/d/e/1FAIpQLSfisXTvwwrGxxAYMJHcig9NzSngOdPI8qGHTgIuGhVyEffcWA/viewform?vc=0&c=0&w=1&flr=0'> https://docs.google.com/forms/d/e/1FAIpQLSfisXTvwwrGxxAYMJHcig9NzSngOdPI8qGHTgIuGhVyEffcWA/viewform?vc=0&c=0&w=1&flr=0 </a>

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चुनावी माहौल में हिंसा, बहुत पुरानी बात नहीं है, बिना हिंसा के शायद ही कोई चुनाव होता हो, बंगाल इस मामले में सबसे आगे है, जहां पंचायत से लेकर सांसद तक के चुनाव बिना हिंसा के पूरे नहीं होते, यहां राजनीतिक पार्टियों के कार्यकर्ता अपने विरोधी दलों के कार्यकर्ताओं को मरने मारने पर उतारु रहते हैं।

हंसने-हंसाने से इंसान खुश रहता है, जिससे मानसिक तनाव, चिंता और डिप्रेशन कम होता है। दोस्तों, उत्तम स्वास्थ्य के लिए हंसी-मज़ाक बहुत ज़रूरी है। इसीलिए मोबाइल वाणी आपके लिए लेकर आया है कुछ मजेदार चुटकुले, जिन्हें सुनकर आप अपनी हंसी रोक नहीं पाएंगे। हो जाइए तैयार, हंसने-हंसाने के लिए...

महात्मा बुद्ध, आदिगुरु शंकराचार्य, गुरु रामानंद और स्वामी विवेकानंद आदि ने जहां दुनिया में शांति, त्याग और अध्यात्म का परचम लहराया वहीं पिछले कुछ दशकों से उभरने वाले किस्म-किस्म के बाबाओं ने राष्ट्र के मुख पर कालिख पोतने का काम किया है। अपनी अनुयायी स्त्रियों के शारीरिक शोषणए हत्या.अपहरण से लेकर अन्य जघन्य अपराध करने वाले बाबाओं का प्रभाव इस कदर बढ़ता जा रहा है कि आज जनता को तो छोड़िये, राजनेता, अभिनेताए अधिकारी, और बुद्धिजीवी वर्ग भी इनसे घबराने लगा है। आखिर इन बाबाओं के महाजाल का समाजशास्त्र क्या है? इनके पीछे जनता के भागने का अर्थशास्त्र और मनोविज्ञान क्या है?एक सवाल यह भी कि आखिर ढोंगी बाबाओं से छुटकारा पाने के क्या उपाय हैं?

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ जीवदास साहू बैगन की नर्सरी कैसे तैयार करे इसकी जानकारी दे रहे है अन्य जानकारियों के लिए ऑडियो पर क्लिक करें...

नदी की साँसें लौट आई हैं... सूर्य का तेज और तेज हो रहा है... प्रकृति की पूजा का अनूठा पर्व छठ... शुरु हो चुका है. दोस्तों आप सभी को छठ महापर्व की शुभकामनाएं.. इस त्यौहार से जुड़ी आपके पास बहुत सारी कहानियां होंगी... बचपन के किस्से होंगे, गीते होंगे.. यादें होंगी... क्यों ना इस बार मोबाइलवाणी के मंच पर उन सभी किस्सों, कहानियों, यादों को समेंटा जाए... कुछ रिकॉर्ड किया जाए... कुछ ऐसा जो लोगों को प्रेरणा दें, साहस दे, ज्ञान दे... और साथ ही साथ मनोरंजन भी. चलिए तो फिर जल्दी से फोन में नम्बर 3 का बटन दबाइए और रिकॉर्ड कीजिए छठ से जुड़ा आपका सबसे अच्छा पल, सबसे पंसदीदा गीत या फिर कहानी..

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