जितनी भी आरंभीक संस्कृतियां है उन सभी में देवता के रूप में सूर्य को प्रमुख स्थान प्राप्त है। दरअसल सूर्य से संपूर्ण मानवजाति लाभाविंत होती है। सूर्य के दो मूलभूत गुण है उर्जा व प्रकाश। उर्जा से जीवन चलता है और प्रकाश अंधकार को चीरकर जीवन को आगे बढ़ाता है। आकाश में सूर्य के आगमन के साथ ही आदिम मनुष्य अपने आसपास को दखने में समझने में समक्षम हो जाता था। इस लिए ऋग्वेद की सबसे अधिक ऋचाएं उषा यानी भोर का समय को समर्पित है। हम बात कर रहे है अंतर्मन की चेतना का प्रकाश पर्व दीपावली हमारे यहां दीपावली के अवसर पर तेल के जलते दीपकों की पंक्तियों से घर को जगमग करने की पंरपरा मूलतः उर्जा यानी जीवन एवं प्रकाश यानी ज्ञान के प्रति उसी आदिम आवश्यकता की स्मृति से आई है। हालांकि इस परंपरा को आमतौर पर भगवान श्रीराम के चौदह वर्ष के वनवास के बाद लौटने पर अध्योयावासियों द्वारा उनका स्वागत किए जाने तथा उल्लास व्यक्त किए जाने से जोड़ा जाता है।

दोस्तों, धनतेरस की बहुत बहुत शुभकामनाएं.. जाहिर है कि आज के लिए शॉपिंग की लिस्ट तैयार हो गई होगी... धनतेरस का मौका है ही ऐसा... खासकर की हमारी लेडीज के लिए... क्यों सही कहा ना..? तो चलिए फिर जरा हमें भी बताइए कि इस बार आप धनतेरस पर क्या कुछ खास खरीददारी कर रही हैं...? साथ ही अगर आप जानती हैं कि धनतेरस का त्यौहार क्यों मनाया जाता है तो उसकी कहानी या फिर आपके क्षेत्र में प्रचलित कोई किस्सा या रस्म हो तो उसे भी हमारे श्रोताओं तक पहुंचाएं... फोन में नम्बर 3 दबाकर.

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विजय सत्य की हुई हमेशा, हारी सदा बुराई है ! आया पर्व दशहरा बतलाता, करना सदा भलाई है !! साथियों, भारत एक त्यौहारों का देश है और यहां पर कई प्रकार के त्यौहार बड़े ही हर्षोल्लास और धूमधाम के साथ मनाये जाते हैं। सभी त्योहारों के पीछे कोई विशेष महत्व होता है। इन्हीं त्यौहारों में दशहरा भी एक मुख्य त्यौहार है। यह त्यौहार हर वर्ष अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी को मनाया जाता है। हिन्दू धर्म के त्योहारों में दशहरा का त्यौहार मनाने के पीछे भी एक मुख्य कारण है। क्योंकि इस दिन से पहले मां दुर्गा ने लगातार नौ दिनों तक महिषासुर से युद्ध किया था और इसी दिन इसका वध किया था। | इसी दिन मर्यादा पुरुषोत्तम राम ने ने भी लंका के राजा रावण का वध किया था तब से इस विजय स्मृति को विजयादशमी के पर्व के रूप में मनाया जाता है | दशहरा प्रतीक है बुराई पर अच्छाई की जीत का, अहंकार के पराजय का और दुनियाँ में सत्य के महत्व को दर्शाने का। दोस्तों आइए आज के दिन हम शपथ लें .. अपने जीवन में लोभ, लालच और अत्याचारी वृत्तियों को त्यागकर, क्षमारूपी बन कर जीवन जियेंगे। दशहरा के इस पावन अवसर पर आप सभी को मोबाइल वाणी परिवार की और से विजयादशमी की हार्दिक शुभकामनाएं।

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