सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में।

सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में।

       ‘‘स्वस्थ मां, स्वस्थ बच्चा, जब पति का हो परिवार नियोजन में योगदान अच्छा’’ थीम पर       स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले में 21 नवम्बर से 4 दिसम्बर 2023 के मध्य पुरूष नसबंदी पखवाड़े का आयोजन किया जा रहा है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. रविकांत उइके ने बताया कि पखवाड़े के अंतर्गत जिले के चिन्हित विकासखंडों में पुरूष नसबंदी सेवा प्रदायगी दिवसों का आयोजन भी किया जाएगा।       उन्होंने बताया कि पुरूष नसबंदी पखवाड़े का आयोजन दो चरणों में किया जाएगा। प्रथम चरण में मोबेलाईजेशन या सामाजिक जागरूकता की गतिविधियां चलाई जाएगी। इनमें 21 से 27 नवम्बर के अंतर्गत लक्ष्य दम्पत्तियों से भेंट कर उन्हें पुरूष नसबंदी कराने हेतु प्रेरित किया जाएगा। इसके अलावा द्वितीय चरण के अंतर्गत सेवा प्रदायगी गतिविधियां 28 नवम्बर से 4 दिसम्बर 2023 के अंतर्गत जिला अस्पताल, सिविल अस्पताल एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में पुरूष नसबंदी शिविर आयोजित किए जायेंगे।      मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने मोबेलाईजेशन एवं सामाजिक जागरूकता हेतु मैदानी स्तर पर विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। पुरूष नसबंदी हेतु इच्छुक दम्पत्तियों को चिन्हित किया जाएगा। क्योंकि पुरूष नसबंदी में पत्नि का विश्वास व प्रोत्साहन भी उतना ही महत्वपूर्ण है, जितना पति का नसबंदी के लिए सहमत होना। पुरूष नसबंदी के प्रति समाज की धारणा में बदलाव लाने हेतु आवश्यक प्रयास किये जायें। पुरूष नसबंदी के लाभ के संबंध में समझाईश दी जाएगी, ताकि स्वेच्छा पूर्वक पुरूष नसबंदी अपनाने हेतु हितग्राही आगे आए। परिवार नियोजन के स्थाई एवं अस्थाई साधनों की जानकारी प्रदाय करेगें। जिससे अधिक से अधिक पुरूषों की सहभागिता बढ़ाई जा सकेगी।     डॉ. उइके ने बताया कि पुरूष नसबंदी एक बहुत ही विश्वसनीय, आसान, स्थायी एक छोटा सा ऑपरेशन है, जिसमें अस्पताल में रूकने की आवश्यकता नहीं होती है। इसमें दोनों ओर की शुक्रवाहिनी नली को काटकर दोनों सिरों को बांध दिया जाता है, नसबंदी बिना चीरा, बिना टाके के 10 से 20 मिनिट में पूरी की जाती है। --------------