सीतापुर। रबी की फसलों की बोआई के बाद अब पहली सिंचाई की दरकार है। तमाम दावों के बाद भी नहरों में पानी नहीं आ पाया है। मजबूरन किसान निजी संसाधनों से सिंचाई कर रहे हैं। उन्हें 300 रुपये प्रति बीघा तक खर्च करने पड़ रहे हैं। किसानों की जेब पर बोझ के साथ फसल की लागत भी बढ़ रही है। जिले में रबी की फसलों की बोआई का लक्ष्य दो लाख 93 हजार 69 हेक्टेयर निर्धारित है। लक्ष्य के सापेक्ष अब तक 87.81 प्रतिशत बोआई कर ली गई है। गेहूं की बोआई लक्ष्य के सापेक्ष 83 फीसदी हो चुकी है। जौ की 98 फीसदी जबकि चना, मटर, मसूर, सरसों, अलसी, तोरिया व मक्का की बोआई शत-प्रतिशत पूरी हो गई है। गेहूं व सरसों आदि की फसलों में किसान पहली सिंचाई कर रहे हैं। लेकिन नहरें सूखी होने से किसानों को निजी संसाधनों का सहारा लेना पड़ रहा है। किसानों का कहना है कि पंपिंग सेट व समरसेबिल से सिंचाई करने पर उन्हें 300 रुपये प्रति बीघा तक खर्च करने पड़ रहे हैं।