मध्यप्रदेश राज्य के जिला सतना से संध्या विश्वकर्मा , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि नारी को पहले शिक्षा का अधिकार नहीं था। पहले राजा राम मनमोहन राय और ईश्वर चंद्र विद्यासागर ने महिला शिक्षा की शुरुआत की थी । विरोध और हिंसा हुई , लेकिन समय बीतने के साथ महिला शिक्षा का महत्व बदल गया , और इस देश में पुरुषों के आगे बढ़ने के साथ महिला शिक्षा में बदलाव और विकास होने लगा । आज शिक्षा में महिला बहुत आगे है। स्त्री और पुरुष दोनों को शिक्षा ग्रहण करने का अधिकार है। सरकार ने महिलाओं की शिक्षा के लिए कई कानून बनाए हैं , जिनमें से कुछ हैंः सर्व शिक्षा अभियान इंदिरा महिला योजना बालिका समृद्धि योजना महिलाओं के लिए राष्ट्रीय कोष महिला समृद्धि योजना सरकार ने महिलाओं के लिए कई कानून बनाए हैं जैसे दहेज निषेध अधिनियम , उन्नीस सौ इकासी परिवार न्यायालय अधिनियम , महिलाओं का एक हजार नौ सौ चौरासी अभद्र प्रतिनिधित्व । आज के युग में ऐसे लेखों के लाखों उदाहरण हैं जिनमें महिलाओं ने अपने काम और गौरव का जश्न मनाया है । रानी लक्ष्मी जैसी कई ऐसी महिलाएँ हैं । मेनिभाई एनी बेसेंट मदर टेरेसा लता मंगेशकर कल्पना चावला पी . वी . सिंधु आदि । इस समाज में पुरुष और महिला एक ही सिक्के के दो पहलू हैं और शिक्षा भी उतनी ही महत्वपूर्ण है ।