कलकत्ता हाई कोर्ट की जलपाईगुड़ी सर्किट बेंच ने एक दिलचस्प जनहित मामले की सुनवाई में राज्य सरकार को वहां के चिड़िया घर के शेर और शेरनी के नाम बदलने का निर्देश दिया है. बीबीसी संवाददाता उमंग पोद्दार ने इस पीआईएल पर अदालत के फ़ैसले के बाद जनहित याचिका (पीआईएल) पर एक किताब के लेखक और संवैधानिक मामलों के जानकार अनुज भुवानिया से बात की. भुवानिया ने कहा, "इस मामले में न तो किसी भी अधिकार का उल्लंघन हुआ है और न ही इससे जुड़ा कोई क़ानून है फिर भी एक रिट याचिका दाखिल की गई. अदालतों को ये महसूस नहीं होता कि ऐसे मामलों में क्या क़ानूनी हस्तक्षेप की ज़रूरत भी है." वो कहते हैं कि अदालत को इस याचिका को जुर्माने के साथ खारिज कर देना चाहिए था या फिर वे दया दिखाते हुए यह कह सकते थे कि याचिकाकर्ता अपनी याचिका को वापस ले ले.